केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट की घोषणा

नई दिल्ली। मंगलवार को, 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया। ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि बजट में हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए कोई विशेष लाभ नहीं है, बल्कि इसमें सामान्य रूप से निर्यात को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं। इनमें से कुछ उपायों से हस्तशिल्प क्षेत्र को भी लाभ हो सकता है। आगे उन्होंने कहा कि बजट में निम्नलिखित उपायों को शामिल किया गया है:

रोजगार से जुड़ा प्रोत्साहन

- विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन - यह योजना विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करेगी, जो पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार से जुड़ा होगा। रोजगार के पहले 4 वर्षों में उनके ईपीएफओ अंशदान के संबंध में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को सीधे निर्दिष्ट पैमाने पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

- नियोक्ताओं को सहायता - यह नियोक्ता-केंद्रित योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर करेगी। 1 लाख रुपये प्रति माह वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगार गिने जाएंगे। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईपीएफओ अंशदान के लिए नियोक्ताओं को 2 साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी।

- विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना: सम्पार्श्विक अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना प्रारंभ की जाएगी। यह योजना ऐसे एमएसएमई के ऋण जोखिमों की पूलिंग के आधार पर संचालित होगी। प्रत्येक आवेदक को रुपये 100 करोड़ तक का गारंटी कवर देने के लिए एक पृथक स्व-वित्त गारंटी निधि बनाई जाएगी, जबकि ऋण की राशि इससे अधिक हो सकती है। ऋण लेने वाले को एक तत्काल गारंटी शुल्क और घटती ऋण शेष-राशि पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा I 

- ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र: एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे। एक निर्बाध विनियामक और लॉजिस्टिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत, ये केंद्र एक छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे I

- मुद्रा ऋण: मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण लिया है और पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है। 

- ई-कॉमर्स के लिए टीडीएस दर में कमी: - ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) दर 1% से घटाकर 0.1% कर दी गई है, जिससे ऑनलाइन व्यवसायों के लिए नकदी प्रवाह में सुधार होगा और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को समर्थन मिलेगा।

- सरकार निवेश को सुगम बनाएगी- सरकार 100 शहरों में पूर्ण अवसंरचना के साथ निवेश के लिए तैयार “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों के विकास को सुगम बनाएगी।

- भारत से निर्यात किए गए माल के पुनः आयात की अवधि में वृद्धि - भारत से वारंटी के तहत निर्यात किए गए माल (निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के अंतर्गत आने वाले को छोड़कर) के शुल्क मुक्त पुनः आयात की समय-अवधि 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है, जिसे 2 वर्ष तक और बढ़ाया जा सकता है।

- पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को सहायता- पीतल और सिरेमिक सहित 60 क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म और लघु उद्योगों का निवेश-ग्रेड ऊर्जा ऑडिट सुगम बनाया जाएगा। उन्हें ऊर्जा के स्वच्छ रूपों में स्थानांतरित करने और ऊर्जा दक्षता उपायों के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी I

- व्यापार करने में आसानी - ‘व्यापार करने में आसानी’ को बढ़ाने के लिए, राज्यों को उनके व्यापार सुधार कार्य योजनाओं और डिजिटलीकरण के कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

- इस्पात और तांबा महत्वपूर्ण कच्चे माल हैं - उत्पादन लागत को कम करने के लिए, फेरो निकेल और ब्लिस्टर कॉपर पर बीसीडी को हटाने, फेरस स्क्रैप और निकेल कैथोड पर शून्य बीसीडी और कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती बीसीडी रखने का प्रस्ताव है।

- नमूने और प्रोटोटाइप - वाणिज्यिक नमूनों के शुल्क मुक्त आयात की सीमा अधिसूचना संख्या 29/2024-सीमा शुल्क के माध्यम से 24 जुलाई 2024 से 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है।

ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि बजट में एमएसएमई और विनिर्माण, विशेष रूप से श्रम गहन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है और इसमें रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन, एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना, क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म और लघु उद्योगों का ऊर्जा ऑडिट, पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों की स्थापना, निवेश के लिए तैयार "प्लग एंड प्ले" औद्योगिक पार्कों का विकास, कच्चे माल पर बीसीडी में कमी और अन्य जैसे कुछ प्रावधान और घोषणाएं हैं, जो प्रधान मंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगी। ईपीसीएच के उपाध्यक्ष नीरज खन्ना ने कहा कि बजट उत्पादकता, रोजगार सृजन, कौशल, मानव संसाधन विकास, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी को प्राथमिकता देकर विकास की क्षमता का दोहन करने पर केंद्रित है।

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने की एक नोडल संस्थान है और यह देश के विभिन्न शिल्प क्लस्टर में होम, लाइफस्टाइल, टेक्सटाइल, फर्नीचर और फैशन ज्वेलरी व एक्सेसरीज उत्पादों को बनाने में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड छवि बनाती है I ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि साल 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिका डॉलर) का हुआ।