अपराधी या तो ‘अपराध छोड़े दे या फिर राजस्थान’..‘सिंघम मोड में आए सीएम भजनलाल’ का ऐलान!

गृह विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री की दो टूक, कहा-कानून का इकबाल बुलंद रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता; इसे सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने साइबर क्राइम और अवैध नशे पर जताई चिंता; दिए लगातार मॉनिटरिंग के निर्देश, प्रदेश में अपराध का ग्राफ गिरने पर की खाकी की हौंसला अफजाई


जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गृह विभाग की समीक्षा बैठक में कानून व्यवस्था पर अपनी पीठ थपथपाई है। सीएम ने कहा कि अपराध को रोकने में पुलिस की सजगता और सतर्कता से वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कुल अपराधों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि अपराधियों में पुलिस का खौफ इतना होना चाहिए कि या तो वे अपराध छोड़ दें या प्रदेश छोडक़र चले जाएं। राज्य में अराजकता और अशांति फैलाने का इरादा रखने वाले असामाजिक तत्वों की रोकथाम के लिए पुलिस खुफिया तंत्र और मुखबिर व्यवस्था का बेहतरीन उपयोग करते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी सतर्कता और मुस्तैदी के साथ काम करे। उन्होंने कहा कि कानून का इकबाल बुलंद रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसे सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्होंने महिलाओं एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के प्रति अपराधों में कमी लाने के लिए पुलिस तंत्र की हौसला अफजाई की। वहीं साइबर अपराध और अवैध नशे के कारोबार में लिप्त अपराधियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। 
गृह विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि राज्य में अराजकता और अशांति फैलाने का इरादा रखने वाले असामाजिक तत्वों की रोकथाम के लिए पुलिस खुफिया तंत्र और मुखबिर व्यवस्था का बेहतरीन उपयोग करते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करें। शर्मा ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है और साइबर थानों का गठन भी किया गया है। उन्होंने भरतपुर में साइबर अपराध को रोकने के लिए किए जा रहे कामों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम पर पुलिस विभाग लगातार मॉनिटरिंग करे। साथ ही, पुलिस विभाग की प्रतिमाह समीक्षा की जाए। 

कम्यूनिटी पुलिसिंग अपराध रोकने में निभा रही भूमिका, इसे करना होगा मजबूत
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में लगभग 90 हजार सीएलजी सदस्य तथा 31 हजार 441 ग्राम रक्षक हैं। कम्यूनिटी पुलिसिंग के माध्यम से अपराध नियंत्रण, समाज में जागरूकता तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोगी भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नवाचारों को प्रोत्साहन दिया जाए तथा अपराध को रोकने में जो पुलिस का सहयोग कर रहे हैं, उन लोगों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाए। साथ ही, अपराधियों, असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए मादक पदार्थ सामाजिक एवं सेहत की दृष्टि से बेहद नुकसानदेह है। नारकोटिक्स विभाग जिम्मेदारी तय करते हुए नशे के विरूद्ध कार्रवाई करें। 

प्रदेश में महिला अपराध सहित अन्य अपराधों का ग्राफ तेजी से गिरा है: मुख्यमंत्री 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग की सजगता और सर्तकता के चलते गत वर्ष की तुलना में राज्य में अपराधों का ग्राफ तेजी से गिरा है। राज्य स्तर पर कुल अपराधों में राज्य में 7.3 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही महिला अत्याचारों में भी 8.8 प्रतिशत की कमी तथा अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार के मामलों में भी 13.96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। शर्मा ने जेलों में मोबाइल फोन संबंधी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए इनकी भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं होने के सख्त निर्देश दिए।

पेरपरलीक प्रकरण में की एसओजी की तारीफ, कहा-अब सिर्फ जीरो टोलरेंस

मुख्यमंत्री ने पेपरलीक प्रकरणों में एसओजी द्वारा किए जा रहे अनुसंधानों की तारीफ करते हुए कहा कि पूरे देश में एसओजी की कार्रवाई की वाह-वाही हो रही है। राज्य सरकार ने इन प्रकरणों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर कार्य किया। पुलिस विभाग मजबूत रहने से देश में राज्य की साख बढ़ती है। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण में राजस्थान की पुलिस बेहतरीन कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने बैठक में पुलिस थानों में वुमन हेल्प डेस्क की स्थापना, प्रत्येक जिले में महिला थाना, नवीन पुलिस चौकियों की स्थापना, पुलिस चौकी व थाना क्रमोन्नयन, साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स, पुलिस थानों में इन्टरनेट कनेक्टिविटी, सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग सहित विभिन्न विषयों पर समीक्षा की।