जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सामने आया चौंकाने वाला मामला, बैंकॉक से आए दो यात्रियों के बैगों में प्लास्टिक के डिब्बों में जहरीले जानवर मिले, नशे के लिए इस्तेमाल होने की आशंका
जयपुर। अब तक आपको और हमको यही जानने को मिलता था कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी होती है। आए दिन सोने की तस्करी के मामले सामने आते हैं लेकिन शुक्रवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सांप, बिच्छू और मकडिय़ों जैसे जहरीले जानवरों की तस्करी का केस सामने आया है। मुखबिर की सूचना पर कस्टम की टीम ने शुक्रवार सुबह इस कार्रवाई को अंजाम दिया। दो यात्रियों के बैग चैक किए गए तो उनके बैग में प्लास्टिक के सात डिब्बे रखे हुए मिले। इन डिब्बों में सांप, बिच्छू और मकडिय़ां भरी हुई थी। कस्टम अधिकारियों की टीम ने दो यात्रियों को जानवरों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है।
कस्टम अधिकारियों का कहना है कि मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि जहरीले जानवरों की तस्करी हो रही है। एयर एशिया की बैंकॉक से जयपुर आने वाली फ्लाइट में दो संदिग्ध यात्रियों के आने की सूचना मिली थी। फ्लाइट के एयरपोर्ट पहुंचने से पहले ही कस्टम की टीम अलर्ट हो गई थी। जैसे ही संदिग्ध यात्री अपना लगेज लेकर एयरपोर्ट से बाहर निकलने लगे। तब उन्हें हिरासत में लेकर लगेज की जांच की गई। लगेज में प्लास्टिक के सात डिब्बों में सांप, बिच्छू और मकडिय़ां भरी हुई मिली। जिसके बाद दोनों यात्रियों को तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान दोनों यात्रियों ने सांप, बिच्छू और मकडिय़ों से भरे प्लास्टिक के डिब्बों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके बैग में ये डिब्बे किसने और कब रख दिए। बैंकॉक से आने वाली यह फ्लाइट सुबह 8 बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंची थी। करीब साढ़े आठ बजे जब दोनों यात्री एयरपोर्ट से बाहर निकलने लगे। तब उन्हें पकड़ा गया। कस्टम अधिकारियों का कहना है कि भले ही यात्री सांप, बिच्छू और मकडिय़ों के बारे में अनजान बन रहे हैं लेकिन उनके लगेज में यह निकले थे। ऐसे में उनके खिलाफ तस्करी का केस बनता है। विस्तृत पूछताछ से पता चलेगा कि इस तस्करी के सरगना कौन हैं।
नशे के लिए इस्तेमाल होता है सांप का जहर, बन रहा नया ट्रेंड
नशा करने वाले कई लोग सांपों और जहरीले जीवों के जहर को मादक पदार्थों की तरह इस्तेमाल करते हैं। सांप के जहर में न्यूरोटॉक्सिन नाम का केमिकल होता है जिसकी वजह से नशे के जैसा महसूस होता है। नशे के इस रूप को ओफिडिज्म भी कहा जाता है, जो काफी खतरनाक है। सांप जैसे जीवों के जहर से नशा भारत में सामान्य नहीं है और इसका चलन विदेशों में ज्यादा है। वैसे सांप के जहर के नशे का असर के बारे में कोई कुछ पक्के तौर पर नहीं बता सकता। लेकिन ये इतना खतरनाक होता है कि इसके नशे का खुमार आपके ऊपर कई दिनों तक दिखता रह सकता है। लंबे वक्त में इसके नियमित सेवन से इसकी लत लग सकती है और इसके आदी शारीरिक और मानसिक तौर पर इसपर निर्भर हो जा सकते हैं।
ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पिया जाता जहर, अधिक मात्रा हो सकती है जानलेवा
नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अफसरों के मुताबिक एक पाउडर होता है जो सांप के जहर से बना होता है। इसे ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पिया जाता है। इस पाउडर को स्नेक बाइट पाउडर कहा जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोबरा के जहर का होता है। इसे ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पीने से नशा होता है। इस पाउडर को स्नेक बाइट पाउडर के नाम से जाना जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोबरा का जहर किया जाता है। इसका नशा कुछ घंटे से लेकर पूरे दिन तक रहता है। यह इस पर निर्भर करता है कि नशे के लिए जहर की कितनी मात्रा ली गई है।