बेनीवाल बोले-पायलट को गहलोत के घर नहीं जाना चाहिए था:ऐसी क्या मजबूरी थी?

सचिन पायलट को गहलोत के घर नहीं जाना चाहिए था, ऐसी क्या मजबूरी थी? मैं वसुंधरा राजे से बिगड़ने के बाद कभी नहीं मिला।' यह कहना है नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर मिलीभगत से सियासत करने और छोटे दलों को खत्म करने की साजिश करने का आरोप लगाया। बेनीवाल ने कहा- मुख्यमंत्री कह रहे हैं कांग्रेस नेता रात के अंधेरे में मिलने आते हैं। मुख्यमंत्री खुद बताएं, अंधेरे में कौन-कौन कांग्रेस नेता मिलने आते हैं?  बेनीवाल ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा पर भी निशान साधा। कहा- छापे मारकर किरोड़ी खुद की सरकार को ही बदनाम कर रहे हैं। एसआई भर्ती रद्द करने के मुद्दे पर बोले- प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है। एसआई भर्ती के बाद आगे अग्नि वीरों के लिए आंदोलन होगा।  पेपर लीक होने पर परीक्षाएं रद्द होती रही हैं। कांग्रेस राज में जब पेपर लीक हुए तब बीजेपी नेताओं ने आरपीएससी के पुनर्गठन करने का वादा किया था। बीजेपी के पोस्टर पर वसुंधरा राजे, राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, सीपी जोशी की फोटो थी और यह था कि भाजपा सरकार बनने पर एसआई भर्ती रद्द करेगी। आरपीएससी का पुनर्गठन करेगी। प्रधानमंत्री जब 2023 में वोट मांगने आए तो कहा था कि पाताल से भी पेपर माफिया को ढूंढ के निकाल लूंगा। यह तो उनके स्टैंड थे। हम तो धरना इसलिए दे रहे हैं कि राजस्थान में संघर्ष करने वाला कोई बचा नहीं है। इसलिए बच्चे कहां जाएं? मैंने लोकसभा में इसका दो बार मामला उठाया।  एसआई भर्ती में 55 के आसपास ट्रेनी एसआई गिरफ्तार हो चुके हैं। मंत्री खर्रा कह रहे थे कि 859 की भर्ती में से 200-300 अपनी मेहनत से पास हुए उनका क्या होगा, तो सरकार खुद ही मान रही है कि 500 फर्जी हैं। सुप्रीम कोर्ट कहता है कि कहीं भी भर्ती में 30-35 परसेंट घालमेल है, पेपर लीक होता है तो उसे रद्द करो। कई राज्यों की हाईकोर्ट ने भी आदेश दिए हैं।  हम सरकार को यह याद दिला रहे हैं। आपके लोगों ने ही शुरुआत की थी। आपने ही भर्ती रद्द करने की बात की थी तो अब पीछे क्यों हट रहे हो? सरकार की क्या मजबूरी है? फरवरी में हाई कोर्ट से टाइम मांगा, कोर्ट से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन हाई कोर्ट के फैसले से लोगों को निराशा हाथ लगी है। कहा गया 1 जुलाई का इंतजार करें। हम इंतजार नहीं करेंगे। हमने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है, पीएम को उनका वादा याद दिलाएंगे।  मुख्यमंत्री के आसपास स्वार्थी लोगों का घेरा है, वे मजबूर हैं। सरकार को डर है कि भर्ती रद्द करने से कई रहस्य खुल जाएंगे। हम रुकने वाले नहीं हैं, हम दिल्ली कूच करेंगे, एसआई भर्ती को रद्द करवाएंगे।  भजनलाल जी जिनके बारे में कह रहे थे की रात के अंधेरे में कांग्रेस के नेता मिलने आते हैं, वे बड़े नेता कौन हैं? अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च करने वाले कांग्रेस नेता अब चुप क्यों हैं? राजस्थान तो पूछेगा, क्या नेताओं को जंग लग गई क्या? ये सारे के सारे बयानवीर हैं। बयान बदलते रहते हैं यह हमारी पीड़ा है।