आज सुबह 11 बजे खुलेगा मोदी 3.0 का पिटारा.

 


टैक्स में छूट, महंगाई से राहत और नौकरियों की बौछार की उम्मीद, किसानों, महिलाओं और युवाओं को बजट से बड़ी आस, इस बार राहत पहुंचाएगी सरकार


नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज आने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को अपना लगातार सातवां बजट पेश कर एक रिकॉर्ड बनाएंगीं। आम चुनावों के बाद आने वाले इस बजट में सरकार की घोषणाओं पर सबकी नजर बनी हुई है। इस बार के चुनाव परिणामों में केंद्र में 10 साल तक बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज रही भारतीय जनता पार्टी को बहुमत से कम सीटों से संतोष करना पड़ा है। सत्ताधारी दल की सीटों में कमी का सबसे बड़ा कारण जनहित के मुद्दों पर केंद्र की अनदेखी को माना जा रहा है।
चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने किसानों, बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं, महिलाओं और नौकरीपेशा लोगों की परेशानियों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा और वे बहुत हद तक अपने मकसद में सफल भी रहे। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि इन वर्गों के लोगों को सरकार इस बार के बजट में क्या तोहफा देती है। जानकारों का मानना है कि अपने तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में सरकार महिलाओं-किसानों और युवाओं के लिए खजाना खोल सकती है। युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के नए उपाय बजट में दिखाई दे सकते हैं, तो महिलाओं को लखपति बनाने की भाजपा की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भारी निवेश की घोषणा कर सकती है। बजट से पहले इन वर्गों के लोगों की सरकार से अपनी-अपनी अपेक्षाएं हैं। 


बजट में किसानों के लिए होंगे खास ऐलान, अंतरिम बजट में मिले थे संकेत
केंद्र सरकार का पिछला बजट लगभग 48 लाख करोड़ रुपये का था। पूरे देश के किसानों के लिए इसमें से केवल सवा लाख करोड़ रुपये के करीब खर्च किए गए थे। इसमें से भी लगभग 65 हजार करोड़ रुपये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए दिया गया था। जबकि केंद्र सरकार का ध्यान पूरी कृषि को मजबूती देने की ओर होना चाहिए। लोकसभा चुनावों से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने ग्रामीण विकास पर जोर देते हुए अपने बजट भाषण में बताया था कि किसान हमारे ‘अन्नदाता’ हैं। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने का एलान किया था। इसके साथ ही सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी के इस्तेमाल के विस्तार की बात कही गई थी। डेयरी विकास, जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने की चर्चा की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले किसानों के प्रतिनिधियों, कृषि विशेषज्ञों और कृषि से जुड़े विभागों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और उनके सुझाव लिए। वित्त मंत्री ने कृषि और किसानों को मजबूत बनाने के लिए उनके विचार समझे। देश का आधा बजट देश की आधी आबादी पर खर्च होना चाहिए। इस दृष्टि से देश का आधा बजट देश के किसानों पर खर्च होना चाहिए। इससे न केवल देश के सभी किसानों को उनकी संपूर्ण उपज के लिए उचित मूल्य प्रदान किया जा सकता है, बल्कि इससे सभी किसान परिवार के लोगों, युवाओं-महिलाओं को रोजगार भी दिया जा सकता है जो कि किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होता है।         

महिला करदाताओं के लिए आ सकता है अलग से टैक्स स्लैब, लगेगा घोषणाओं का अंबार
देश में करीब 12 साल पहले तक महिलाओं के लिए अलग टैक्स की सुविधा थी। इसमें महिला करदाताओं के लिए इनकम टैक्स में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट पुरुषों की तुलना में थोड़ी अधिक होती थी। यानी महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम टैक्स चुकाती थीं। लेकिन कांग्रेस सरकार ने वित्त वर्ष 2012-13 ने इस प्रणाली को खत्म कर दिया था। तब सरकार ने महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए समान टैक्स स्लैब पेश किया था। तब से महिलाओं के लिए कोई अलग आयकर स्लैब नहीं है। हालांकि इस बार महिलाओं को मोदी सरकार से उम्मीद है कि महिलाओं के लिए अलग से टैक्स स्लैब आएगा। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि महिला वोटर को ध्यान में रखते हुए सरकार महिला करदाताओं के लिए अलग से टैक्स स्लैब ला सकती है। यानी उन्हें अलग और ज्यादा छूट बजट में मिल सकती है। अभी नई कर व्यवस्था में 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होता है। अब सरकार इसे 8 लाख रुपये तक कर सकती है। देश में बड़ी संख्या में कपड़ा और हस्तकला उद्योगों से जुड़ी है। वे बजट में कपड़े पर कम करने की उम्मीद कर रही है, ताकि इससे जुड़े बिजनेस को बढ़ावा मिले। 


इस बार के बजट में युवाओं को सरकार से रोजगार सहित कई बड़ी उम्मीदें
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट से बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा वर्गों को भी कई अपेक्षाएं हैं। वर्तमान में देश में युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी समस्या रोज-रोटी सुनिश्चित करने की है। युवा वर्ग की ओर से लगातार सरकार से इस दिशा में मजबूत कदम उठाने की अपील की जा रही है। मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल में स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन के जरिए युवाओं को राोजगार से जोडऩे के लिए कई कदम उठाए गए पर वे कदम जमीन पर नाकाफी ही साबित हुए हैं। ऐसे में युवा वर्ग इस बार उम्मीद कर रहा है सरकार उनकी भलाई के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जो गंभीरतापूर्वक जमीन पर उतारे जा सकें, ना कि वे केवल हवा-हवाई बनकर रह जाएं।


मध्यमवर्ग को इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का इंतजार
मंगलवार को पेश होने वाले बजट से सैलरीड क्लास को काफी ज्यादा उम्मीद है। वह काफी समय से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव के इंतजार में है। 2017-18 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब और दरों में बदलावों का ऐलान किया था। तब 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए टैक्स दर 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई थी। सेक्शन 87ए के तहत छूट जो पहले 2.5 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए उपलब्ध थी, उसे बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये कर दिया गया था। 3 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए आयकर लगभग खत्म हो गया था। इन बदलावों से मध्यम आय वर्ग को राहत मिली थी। इसके बाद टैक्स स्लैब ज्यों का त्यों रहा। उम्मीद की जा रही है कि आज पेश होने वाले बजट में भी सीतारमण नई टैक्स रिजीम को ही ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए ऐलान करेंगी। वहीं, पुरानी टैक्स रिजीम को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा। जानकार मानते हैं कि सरकार भी देश में एक ही इनकम टैक्स रिजीम चाहती है। यही कारण है कि पुरानी टैक्स रिजीम को धीरे-धीरे कम दरों वाली नई रिजीम से बदलने का इंतजाम किया जा रहा है।


केंद्रीय बजट में राजस्थान को भी मिल सकती हैं कई सौगातें
राजस्थान के उद्योग और व्यापार को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि 5 साल के बाद फिर से केंद्र और राज्य में डबल इंजन सरकार है। अर्थव्यवस्था के लिए क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान को विकसित करना होगा। यहां डीएमआईसी, बाडमेर में पेट्रोकेमिकल, कॉम्प्लेक्स जैसे केंद्र द्वारा वित्तपोषित प्रोजेक्ट को गति देनी होगी। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के साथ जीएसटी काउंसिल की चेयरपर्सन भी हैं, इसलिए बजट में सरकार जीएसटी से संबंधित विसंगतियों को दूर करेंगी। पहले से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के अपग्रेडेशन के लिए विशेष पैकेज की आवश्यकता है, एमएसएमई क्रेडिट कार्ड की भी बजट में उम्मीद है। विकसित देशों में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग पॉलिसी के तहत उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बजट में सरकार केंद्रीयकृत रीसाइक्लिंग पॉलिसी की घोषणा कर सकती है। इसके साथ किसान सब्सिडी के भुगतान में आ रही बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए।

पीएम आयुष्मान योजना में डबल हो सकता है लाभ
भारत सरकार द्वारा साल 2018 में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य था गरीब जरूरतमंदों को इलाज में सहायता देना। भारत सरकार द्वारा खासतौर पर यह योजना उनके लिए लाई गई है। जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते। सरकार द्वारा इस तरह के लोगों को 5 लाख तक का इलाज मुफ्त दिया जाता है। तो वहीं काफी समय से यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि सरकार अब योजना में मिलने वाले लाभ को डबल कर सकती है। यानी लाभार्थियों को 5 लाख के बजाय 10 लाख रुपये तक का इलाज मिल सकता है। अब वित्त मंत्री आज बजट पेश करेंगी तो ऐसे में लोग उम्मीद लगा रहे हैं कि इस योजना में मिलने वाले फायदे में बढ़ोतरी को लेकर के भी कुछ ऐलान किया जा सकता है।