24 मई को मानसून की इंट्री के बाद यह 17 राज्यों में दस्तक दे चुका है। सिर्फ छह दिनों में देश में अब तक 33% ज्यादा बारिश हो चुकी है। गुरुवार को यह पूर्वोत्तर के बचे हिस्से और फिर सिक्किम पार कर पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्रों में पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को यह बिहार व बाकी पश्चिम बंगाल में पहुंच सकता है। हालांकि, अब इसकी रफ्तार थमने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में बना दबाव वाला क्षेत्र सागर द्वीप से होते हुए बांग्लादेश की ओर बढ़ेगा। यह डिप्रेशन उत्तर भारत की ओर मानसून को धकेलने के बजाय विपरीत दिशा में खींचेगा। इससे मानसून की गति धीमी हो जाएगी। दो-तीन दिनों में असर दिखेगा। अनुमान है कि मानसून पर एक हफ्ते से 10 दिन का ब्रेक लग सकता है, जिससे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश का इंतजार बढ़ सकता है। IMD के अनुसार, गुरुवार को पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों से दूर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव लगभग उत्तर की ओर बढ़ा और पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों को पार कर गया। इसके चलते अगले 24 घंटों में असम में भारी बारिश की संभावना है। सबसे ज्यादा असर कछार, हैलाकांडी, श्रीभूमि, धुबरी, दक्षिण सालमारा, गोलपारा, बारपेटा, बोंगाईगांव, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, कोकराझार, चिरांग, बजाली, बक्सा, तामुलपुर, नलबाड़ी, कामरूप (मेट्रो), कामरूप, दरांग, उदलगुरी, मारीगांव, नागांव, होजाई, सोनितपुर, दिमा हसाओ में रहेगा।
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