मंत्रिमंडल बंटवारे में पहले की तरह ही राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय, अमित शाह गृह मंत्री, अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री, नितिन गडकरी सडक़, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एवं एस जयशंकर होंगे विदेश मंत्री
राजस्थान के मंत्रियों में गजेंद्र सिंह शेखावत जलशक्ति की जगह संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बने, भूपेंद्र यादव को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी, अर्जुनराम मेघवाल को कानून एवं न्याय मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) के साथ संसदीय कार्य मंत्रालय, भागीरथ चौधरी बने कृषि राज्य मंत्री
नई दिल्ली/जयपुर। एनडीए सरकार के मंत्रियों ने जब रविवार को शपथ थी इसके संकेत तभी मिल गए थे कि एनडीए सरकार अपनी निरंतरता बनाए रखेगी। इसकी वजह थी कि ज्यादातर पुराने मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। मंत्रालयों के बंटवारे से भी अब यह साफ हो गया है कि एनडीए-3 सरकार पिछले कार्यकाल की तरह ही चलेगी। अश्विनी वैष्णव का कद इस सरकार में और बड़ा है। उन्हें पहले की तरह रेल और आईटी मंत्रालय दिया गया है साथ ही इस बार उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्री भी बनाया गया है। तीन अहम मंत्रालय अब उनके पास हैं। पिछली सरकार की तरह ही इस बार ही सीसीएस यानी कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी में वही चेहरे हैं। प्रधानमंत्री के अलावा विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और गृह मंत्री सीसीएस का हिस्सा होते हैं और ये चारों सबसे पावरफुल मंत्रालय माने जाते हैं। एनडीए-3 में भी विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गृह मंत्री अमित शाह को बनाया गया है। ज्यादातर मंत्रियों के मंत्रालय नहीं बदले गए हैं। धर्मेंद्र प्रधान को इस बार भी शिक्षा मंत्री बनाया गया है। नितिन गडकरी को पिछली बार की तरह सडक़ और परिवहन मंत्रालय दिया गया है। पीयूष गोयल को कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय दिया गया है जिसका उन्हें अनुभव है। वीरेंद्र कुमार को पहले की तरह सामाजिक न्याय मंत्रालय दिया गया है। हरदीप पुरी को पेट्रोलियम मंत्रालय दिया गया है जो पहले भी उनके पास था। अश्विनी वैष्णव को पहले की तरह रेल और आईटी मंत्रालय दिया गया है साथ ही इस बार उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्री भी बनाया गया है। भूपेंद्र यादव को पहले की तरह एनवायरमेंट मंत्रालय दिया है। जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है वह पहले ही स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा और अर्बन डिवेलपमेंट मंत्रालय दिया गया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्रालय दिया है।
पहले से तय था रोडमैप, पीएम ने सहयोगियों को इन मंत्रालयों से किया संतुष्ट
लोकसभा चुनाव से पहले ही नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट के साथ मीटिंग कर आगे का रोडमैप तैयार कर लिया था। उस वक्त इससे यह संदेश जा रहा था कि बीजेपी अपनी जीत के प्रति आश्वस्थ है और जनता को यह मैसेज देने की कोशिश हो रही है। लेकिन जिस तरह अब मंत्रालयों का बंटवारा हुआ है उससे साफ है कि सरकार अपने पुराने कार्यकाल में बनाए गए रोडमैप पर आगे बढ़ेगी। टीडीपी के राम मोहन नायडू के नागरिक उड्यन मंत्रालय दिया गया है। जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को हेवी इंडस्ट्री और स्टील मंत्रालय, हम के जीतन राम मांझी को एमएसएमई मंत्रालय, जेडीयू के राजीव रंजन सिंह को पंचायती राज, मत्स्य, एनिमल हसबैंडरी और डेयरी विभाग दिया गया है। चिराग पासवान को फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री दी गई है। पहले उनके पिता राम विलास पासवान भी इस मंत्रालय के मंत्री रह चुके हैं।
अब प्रधानमंत्री सहित नए मंत्रियों के सामने 100 दिन में काम दिखाने की चुनौती
पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि वह चौबीसों घंटे हर दिन उपलब्ध रहेंगे। साथ ही उन्होंने अपने मंत्रियों को भी काम में जुट जाने को कहा है। मोदी ने शपथ ग्रहण से पहले ही अपने मंत्रियों ने कहा था कि पुराने प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करें और जनता को रिजल्ट मिलना चाहिए। अब एनडीए सरकार के सामने 100 दिनों में जनता के सामने नतीजे देने की चुनौती है और यही वजह है कि ज्यादातर मंत्रियों को उनका पुराना मंत्रालय ही दिया गया है ताकि निरतंरता बनी रहे और नए मंत्री के लिए चुनौतियां और मुद्दे समझने में वक्त जाया ना हो।
पीएम मोदी ने अपने पास भी रखे हैं कई मंत्रालय, इनकी जानकारी सबसे जरूरी
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई कैबिनेट के मुखिया तो है हीं। इसके साथ ही उन्होंने अपने पास भी कई मंत्रालय रखे हैं। पीएम मोदी के पास कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग का प्रभार है। इसके अलावा सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे और अन्य सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं किये गये हैं, उनकी भी जिम्मेदारी पीएम मोदी के ही पास है।
राजस्थान के मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी लेकिन शेखावत का बदला मंत्रालय
जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत का इस बार मंत्रालय बदला गया है। जलशक्ति की जगह उन्हें संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बनाया है। अलवर से सांसद भूपेंद्र यादव को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। अर्जुनराम मेघवाल को कानून एवं न्याय मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) के साथ संसदीय कार्य मंत्रालय मिला है। भागीरथ चौधरी को कृषि राज्य मंत्री बनाया गया है। बता दें कि पिछली बार राजस्थान से 3 मंत्री बनाए गए थे। लेकिन मंत्रिमंडल पुनर्गठन में राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। अब मोदी के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट में चार मंत्रियों को जगह मिली है। इनमें 3 मंत्री रिपीट हुए हैं, वहीं एक नया चेहरा शामिल किया गया है। गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव को कैबिनेट मंत्री तो अर्जुनराम मेघवाल को फिर से राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद की शपथ दिलाई गई। अजमेर से सांसद भागीरथ चौधरी को पहली बार कैबिनेट में राज्यमंत्री के रूप में जगह मिली।