खेमराज कमेटी की रिपोर्ट से नाराज कर्मचारी..जलाई रिपोर्ट की होली; उग्र आंदोलन का ऐलान!

कर्मचारी महासंघ एकीकृत ने राजधानी में किया जोरदार विरोध प्रदर्शन, मांगों को गंभीरता से नहीं लिए जाने पर तेज किया जाएगा आंदोलन, आगामी दो दिनों में तैयार होगी रणनीति

जयपुर। प्रदेश में कर्मचारी सरकार से नाराज है। खेमराज कमेटी की रिपोर्ट से नाखुश कर्मचारियों ने अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत कमेटी के तत्वावधान में विरोध-प्रदर्शन किया और गुरुवार को वित्त भवन के सामने कमेटी की रिपोर्ट की प्रतियां जलाई। महासंघ एकीकृत ने मांगों को गंभीरता से नहीं लिए जाने पर आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी भी दी। संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार ने महासंघ के दबाव में खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया, लेकिन इस रिपोर्ट में सिर्फ और सिर्फ कर्मचारियों के साथ छलावा किया गया। राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट में कुछ भी नहीं दिया, जिससे कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है। खेमराज कमेटी ने कर्मचारियों की मांगों एवं वेतन विसंगतियों को गंभीरता से नहीं लिया। सरकार ने सावंत कमेटी और खेमराज कमेटी पर करोड़ों रुपए जनता का खर्च कर दिया। खेमराज कमेटी के इतर राज्य सरकार ने भी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादा किया था, लेकिन लगभग 14 माह होने के बावजूद सरकार ने इसका अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए दूसरी पदोन्नति पर ग्रेड पे 4200 सहित सचिवालय के समान वेतनमान, राज्य के समस्त कर्मचारियों को 9, 18 और 27 के चयनित वेतनमान के स्थान पर एसीपी 8,16, 24 और 32 में देने और निविदा कर्मचारियों के लिए रेक्सो की तर्ज पर आरएलएसडीसी का गठन के लिए कई दिनों से आंदोलन करते आ रहे हैं। इसके बाद भी राज्य सरकार ने अभी तक इस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। इस बात को लेकर राज्यभर के कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है और इसी को देखते हुए गुरुवार को खेमराज कमेटी की रिपोर्ट की प्रतियों की होली जलाकर विरोध दर्ज किया है।


मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो अब उग्र किया जाएगा आंदोलन, बनेगी रणनीति
महासंघ अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि अभी तो सिर्फ प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया है। सरकार ने यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। इसके लिए 7 और 8 फरवरी को अलग अलग कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक का दौर चलेगा। इसके बाद प्रदेश व्यापी आंदोलन की रणनीति बनेगी। महासंघ अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की ओर से शीघ्र ही उचित नहीं निर्णय नहीं लिया जाता है तो विधानसभा का प्रदर्शन और आंदोलन भी शुरू करना पड़ सकता है।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की गई है कि बजट-2025 में कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया जाए। राठौड़ ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते मांगों का समाधान नहीं किया गया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।


महासंघ ने सरकार की कथनी और करनी पर उठाए सवाल, कहा-कर्मचारी हित किए दरकिनार
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने सावंत कमेटी और खेमराज कमेटी के गठन में जनता का करोड़ों रुपया खर्च किया। लेकिन रिपोर्ट में कर्मचारियों के हित में कोई ठोस समाधान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को जयपुर बुलाकर वार्ता के नाम पर केवल दिखावा किया गया। कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि बजट सुझाव के दौरान भजनलाल सरकार ने कर्मचारियों से बातचीत की थी। लेकिन खेमराज कमेटी की रिपोर्ट ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों और अन्य समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया। यह विरोध प्रदर्शन कर्मचारियों की नाराजगी को दर्शाता है और आने वाले दिनों में सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकता है।