पिता एवं पुत्री ने एक ही दिन में हार्ट सर्जरी करवाकर पाया नया जीवन

उदयपुर के परिवार की नारायणा हॉस्पिटल जयपुर में हुई अनूठी सर्जरी, स्वास्थ्य जगत की विश्वसनीयता के साथ ही पारिवारिक एकता की भी मिसाल 

जयपुर। स्वास्थ्य जगत में बहुत ही कम ऐसे मामले देखने को मिलते हैं, जिसमें एक ही परिवार के कई सदस्यों ने एक साथ सर्जरी करवाई हो। ऐसा अनूठा मामला नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर में देखने को मिला जहां पिता और बेटी ने एक ही दिन में हार्ट सर्जरी करवाई और यह स्वास्थ्य जगत की विश्वसनीयता के साथ ही पारिवारिक एकता की भी मिसाल देता है। 56 वर्षीय पिता कन्हैया और उनकी 24 वर्षीय बेटी गीता ने एक ही दिन में हृदय संबंधी सफल सर्जरी करवाई। दरअसल, पिता ने 6 साल पहले 2018 में एंजियोप्लास्टी करवाई थी पर सर्जरी करवाने से पीछे हट गए थे। जिसके बाद उन्हें फिर से सांस फूलना, सिर दर्द और चलने में समस्या आदि महसूस होने लगी। उस दौरान उनकी बेटी गीता खुद भी कई समस्याओं का सामना कर रही थी जैसे गंभीर सिरदर्द, उल्टी, चलने में कठिनाई और सांस फूलना। अपने पिता की स्थिति और सर्जरी की आवश्यकता के बारे में जानने के बाद, गीता ने अपने स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देने का फैसला लिया।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. सुनील शर्मा ने कहा कि जब दोनों मेरे पास आए तो हमने पहले पिता को सर्जरी करवाने की सलाह दी, उसी दौरान गीता की रिपोर्ट्स में जन्म जात वाल्व रिप्लेसमेंट की समस्या सामने आई। गीता के पिता चाहते थे की दोनों की एक साथ सर्जरी हो क्योंकि उनके लिए बार-बार उदयपुर से जयपुर आना मुश्किल था। हमने एक ही समय पर दोनों की सर्जरी को सफलतापूर्वक किया। जब लडक़ी के पिता बाईपास सर्जरी के लिए गए तब उनकी बेटी गीता को भी वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए ओटी में साथ भेजा गया। सर्जरी के बाद धीरे-धीरे वह स्वस्थ हुई और इस मुश्किल घड़ी में उसके साथ उसके पिता ने भी भावनात्मक रूप में साथ दिया। उन्होंने इस कठिन समय में एक-दूसरे का उत्साहवर्धन किया और हर छोटी जीत का जश्न मनाया। 


पिता और बेटी ने नई जिंदगी मिलने पर जताया चिकित्सकों का आभार
नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार गोयल ने कहा कि इस जटिल प्रक्रिया में सबसे अत्यधिक आवश्यकता थी कि मरीज को न्यूनतम तनाव हो और जल्द से जल्द रिकवरी हो सके। ऐसे में हॉस्पिटल की सुविधाओं के साथ उनका एक दूसरे के प्रति समर्थन भी बहुत काम आया। डिस्चार्ज होने से पहले गीता के पिता ने बताया कि यह कठिन समय परिवार के महत्व और एक दूसरे की ताकत बनने पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि मैं हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर्स और कर्मचारियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि उन्होंने मुझे और मेरी बेटी को नई जिंदगी दी है।