जयपुर में अवैध बजरी कारोबार पर प्रशासन का मौन; माफिया कर रहे मनमानी, जगह-जगह बना दिए अवैध डंपिंग पॉइंट, ऊंचे दामों पर बेची जा रही बजरी
माइनिंग विभाग और आरटीओ की चुप्पी खड़े कर रही कई सवाल, ओवरलोडिंग पर भी साधी चुप्पी, आने वाले दिनों में और गंभीर होंगे हालात
जयपुर। राजधानी में अवैध बजरी का कारोबार चरम पर पहुंच चुका है। बजरी माफिया खुलेआम मनमानी दरों पर बजरी बेच रहे हैं। स्थिति यह है कि ओवरलोडिंग की घटनाएं आम हो चुकी हैं और प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह विफल नजर आ रहा है। माफियाओं ने जगह-जगह अपने अवैध डंपिंग पॉइंट बना रखे हैं, जहां से बजरी को ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। इन गतिविधियों के बावजूद माइनिंग विभाग और आरटीओ की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। ओवरलोडिंग की वजह से न केवल सडक़ों को भारी नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। ट्रकों में जरूरत से ज्यादा लोडिंग होने के कारण यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन आरटीओ कोई ठोस कार्रवाई करने में असमर्थ दिख रहा है। इधर, बढ़ती बजरी की दरों से आम जनता और बिल्डर्स को सीधा नुकसान हो रहा है। निर्माण कार्यों की लागत बढऩे से मध्यम वर्ग के लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। प्रशासन की उदासीनता और माइनिंग विभाग की नाकामी से यह कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। जनता ने सरकार से मांग की है कि अवैध बजरी खनन पर सख्त कार्रवाई की जाए और बजरी माफियाओं पर लगाम लगाई जाए, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। अब अवैध बजरी कारोबार से होने वाली राजस्व हानि और आमजन की परेशानी को देखते हुए प्रशासन को जल्द ही इस पर सख्त कदम उठाने होंगे। यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
कई थानों और चेक पोस्ट से गुजरते है अवैध बजरी वाहन, रोकने वाला कोई नहीं
अजीब बात तो यह है कि माफिया खनन विभाग, पुलिस और प्रशासन के सामने ही अपना खेल जारी रखे हुए है और अफसोस कि ‘इन्हें’ रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। हैरानी की बात यह है कि बजरी माफिया अवैध रूप से बजरी निकालकर थानों और वन विभाग की चेकपोस्ट के सामने से गुजरते हैं। इससे पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब लंबे समय से परेशान और हैरान आमजन भी बजरी माफिया के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। ये बजरी माफिया ना सिर्फ आमजन के हितों से खिलवाड़ कर रहे है बल्कि हर नियम और कानून को धता बता कर सरकार को राजस्व का चूना भी लगा रहे है।