चूरू, 13 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं माननीय राज. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) रविन्द्र कुमार के निर्देशन में शनिवार को चूरू न्यायक्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। चूरू मुख्यालय न्यायालयों एवं जिला वैकल्पिक विवाद निस्तारण केन्द्र में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। चूरू न्यायक्षेत्र में कुल 12 बैंचों का गठन किया गया है जिसमें से चूरू मुख्यालय के लिये तीन बैंचों की अध्यक्षता, जिला एवं सेशन न्यायाधीश रविन्द्र कुमार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डॉ शरद कुमार व्यास एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेणु सिंगला को नियुक्त किया गया है। सदस्य अधिवक्ता के रूप में क्रमशः संजीव वर्मा, रामेश्वरलाल प्रजापत एवं अब्दुल गफ्फार को नियुक्त किया गया है।
रेणु सिंगला, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बताया कि लोक अदालत में पक्षकारों के प्रकरणों के निस्तारण से भाईचारे की भावना का विकास होता है तथा पक्षकारों के समय और धन की बचत होती है। लोक अदालत में प्रकरण के निस्तारण से किसी भी पक्षकार की हार नहीं होती है।
सचिव डॉ. शरद कुमार व्यास द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरणों का जरिये राजीनामा निस्तारण पर सभी पक्षकारों को बधाई दी गई। लोक अदालत में पक्षकारों द्वारा अपने-अपने राजीनामा योग्य प्रकरणों को लेकर काफी उत्साह रहा तथा अधिक से अधिक प्रकरणों में जरिये राजीनामा निस्तारण के प्रयास किये गये। जो पक्षकार द्वारा इस लोक अदालत में अपने प्रकरणों का निस्तारण नहीं करवा पाये, उन्हें आगामी लोक अदालत में अपने प्रकरणों के निस्तारण हेतु प्रयास किये जाने हेतु प्रेरित किया गया। यह भी बताया गया कि जिन पक्षकारों के प्रकरण लोक अदालत में निस्तारित हुये हैं, उनसे प्रेरणा भी ली जानी चाहिये। सचिव द्वारा उपस्थित सभी पक्षकारों, अधिवक्तागण, बैंक अधिकारियों, बीएसएनएल अधिकारियों, मेडिकल बोर्ड, जिला परिवहन विभाग एवं राष्ट्रीय लोक अदालत मेें भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व मामलों का भारी संख्या में निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिवक्तागण रामेश्वरलाल प्रजापत, अब्दुल गफ्फार, विनोद दनेवा, संजीव कुमार वर्मा, नरेन्द्र राठौड़, शेर सिंह पूनिया, सुमेर सिंह उपस्थित रहे। विभिन्न बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, बीआरकेजीबी, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक, एस.के. फाइनेंस एवं बीएसएनएल, चूरू के प्रतिनिधिगण द्वारा पक्षकारों के प्रकरणों में निस्तारण के प्रभावी प्रयास किये गये। एम.ए.सी.टी. के प्रकरणों में मेडिकल बोर्ड द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किये गये।
सचिव डॉ. शरद कुमार व्यास ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में चूरू जिले में कुल 31407 प्रकरणों को (न्यायालयों में लंबित प्रकरण, प्रि-लिटिगेशन, स्थाई लोक अदालत, राजस्व मामले एवं उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग) रैफर किया गया जिनमें चूरू न्यायक्षेत्र में कुल 23352 प्रकरणों का निस्तारण कर 217602483/-रूपये का अवार्ड जरिये राजीनामा किया गया। चूरू मुख्यालय पर 726 लंबित एवं 3022 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निस्तारण कर कुल 25915346/- रूपये का अवार्ड जारी किया गया।
इसी अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्राधिकरण की विभिन्न गतिविधियों एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी बताया गया।