जो मिला वो मिला, जो नहीं मिला अब उसकी तलाश..
अधिकारियों के अनुसार उत्कर्ष क्लासेज ने 130 करोड़ का नहीं दिया हिसाब, कई सौ करोड़ की डील, एनजीओ को बड़े डोनेशन देने, फर्जी बिलों से खर्चा दिखाने, प्रॉपर्टी में निवेश करने जैसे बिंदुओं पर जांच
उत्कर्ष कोचिंग के निदेशक निर्मल गहलोत ने सोश्यल मीडिया पर लिखा-हमने किया जांच में पूरा सहयोग, कहा-आटे में नमक जितना भी गलत नहीं है; जो था सब लीगल था
जयपुर/जोधपुर। उत्कर्ष कोचिंग के ठिकानों पर आयकर विभाग की लगातार तीन दिन से जारी सर्च की कार्रवाई पूरी हो गई। आयकर विभाग ने उत्कर्ष की डील, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, कोचिंग में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या और उनसे वसूली गई फीस से जुड़े कागजी व इलेक्ट्रोनिक सबूतों को जब्त किया है। आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी होने के बाद उत्कर्ष कोचिंग के निदेशक खुद सामने आया और करोड़ों के घपलेबाजी के आरोपों व टैक्स चोरी पर सफाई दी। उनकी तरफ से कहा गया कि जांच में पूरा सहयोग किया है। आटे में नमक जितना भी गलत नहीं है, जो था सब लीगल था। दरअसल, बीते गुरुवार की सुबह उत्कर्ष कोचिंग ग्रुप के जोधपुर, जयपुर, प्रयागराज, इंदौर समेत 17 जगहों पर आयकर विभाग की टीम ने सर्च की कार्रवाई शुरू हुई थी। आयकर विभाग के पास उत्कर्ष के कर चोरी करने के कुछ इनपुट थे, जिसके आधार पर यह सर्च हुई। इसमें फिजिक्सवाला के साथ कई सौ करोड़ की डील, एनजीओ को बड़े डोनेशन देने, सामान खरीद के फर्जी बिलों से खर्चा दिखाने, प्रॉपर्टी में निवेश करने जैसे बिंदुओं पर जांच की जा रही थी। आयकर विभाग की टीमों ने कोचिंग क्लासेस पर कर्मचारियों के बयान लेने, स्टूडेंट्स व फीस का डाटा एकत्रित करने के बाद पूरी जांच बासनी स्थित उत्कर्ष के मुख्यालय और उम्मेद हेरिटेज स्थित निदेशक निर्मल गहलोत के बंगले पर जांच का फोकस बढ़ा दिया था।
आयकर विभाग को मिले साढ़े चार किलो सोने के गहने, लाखों की नकदी
सर्च के दौरान डील से जुड़े डॉक्युमेंट और एनजीओ को फंडिंग से जुड़ी जानकारी मिली है। निर्मल गहलोत के घर पर तलाशी के दौरान करीब साढ़े चार किलो सोने की ज्वेलरी और 15 लाख रुपए कैश मिले हैं। कार्रवाई में करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन की भी जानकारी सामने आई है। एनजीओ को बार-बार फंडिंग कर यह पैसा प्रॉपर्टी में निवेश किया है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल समेत अन्य क्लोनिंग डिवाइस के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उत्कर्ष क्लासेज एंड एज्यूटेक प्राइवेट लिमिटेड और फिजिक्सवाला समूह के बीच हुई डील से जुड़े डॉक्युमेंट में इस बात का खुलासा होगा की कितने प्रतिशत शेयर बेचे गए और इनके बदले में कितना लेनदेन हुआ है।
आयकर विभाग के अधिकारियों ने किया चार सालों में 130 करोड़ की गड़बड़ी का दावा
130 करोड़ की आय में गड़बड़ी पकडऩे का आयकर अधिकारियों का दावा है। आय में कमी के लिए बच्चों को डिस्काउंट, रिफंड और छूट का दावा बताया जा रहा है। प्रमाण उपलब्ध कराने में उत्कर्ष कोचिंग के संचालक विफल रहे। गत चार साल में 130 करोड़ की आय में गड़बड़ी बताई जा रही है। नोएडा के फिजिक्स वाला से भी किए गए करार में भी गड़बड़ी होने की आशंका बताई जा रही है। 240 करोड़ में 51 फीसदी भागीदारी की डील और 12.5 फीसदी भागीदारी 51 करोड़ में लिया जाना संदेह के दायरे में हैं। आईपीओ की योजना के चलते शेष बची भागीदारी में भी फिजिक्स वाला ने रुचि दिखाई।
निदेशक निर्मल गहलोत ने कहा- उपहार में मिले थे सोने के गहने
निर्मल गहलोत ने कहा कि जो डाटा मांगा वह सब प्रस्तुत किया। मेरे घर से 13,26,050 रूपये की नकदी मिली, जोकि हमारे परिवार के 10 सदस्यों द्वारा बैंक से विड्रा की गई राशि ही थी। जिसके साक्ष्य भी प्रस्तुत कर दिये गये। इसके अलावा घर की चार महिला सदस्यों व छ: पुरुष सदस्यों की कुल 4.5 किलोग्राम ज्वेलरी मिली (जिसमें से अधिकांश मांगलिक अवसरों पर बड़ों से मिले उपहार थे व शेष ज्वेलरी के बिल थे)। इसके अलावा प्रॉपर्टी के कागजात मिले। गहलोत के मुताबिक, विभाग के अधिकारी ये जानकार हैरान थे कि प्रॉपर्टिज की रजिस्ट्री डीएलसी रेट में नहीं, बल्कि मार्केट वेल्यू में की गई है। मतलब हमने प्रॉपर्टिज के लेन-देन में भी कभी कैश ट्रांजेक्शन नहीं किया। जितनी भी संस्थाओं को डोनेशन दिए हैं। वह भी हमेशा चेक से ही किया है।