हर्षा का खुद का वेतन महज दस हजार मासिक..लेकिन दर्जनों बच्चों को पढ़ाने का उठाया बीड़ा

ऐसे जज्बे को सलाम, हर्षा प्रजापत की विद्यादान की पहले बदल रही सैकड़ों जिंदगियां, अब इस मुहीम में उन्हें मिला पूजा फाउंडेशन हेल्प सेवा संस्थान का साथ 

जयपुर। एक छोटे से परिवार में रहने वाली हर्षा प्रजापत ने जब बाहर निकल कर घूमते हुए बच्चो को देखा तो उन्होंने ये अनुभव किया कि कुछ ऐसे बच्चे जो घर की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण कभी स्कूल ही नहीं गए। इसे देखते हुए उन्होंने पिछले 3 साल से अपने खुद के खर्चे से इन बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा लिया। हालीांकि हर्षा खुद 10 हजार की जॉब के माध्यम से कमाती है लेकिन उस आमदनी से अपनी पढ़ाई को रेगुलर रखते हुए उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का कार्य किया। हर्षा का कहना है कि अगर किसी बच्चे को पैसे नही देकर उनको शिक्षा दी जाए तो वो अपना जीवन पूरे जिंदगी अच्छे से बिता सकते है। लेकिन, अगर उनको पैसा दिया जाए तो वो एक रोज में खत्म हो सकता है। ऐसे में उनको दिया गया अनुशासन और शिक्षा जीवन भर खत्म नहीं हो सकती और वो निरंतर इन अनाथ, गरीब और कम उम्र में काम करने वाले बच्चों को पढ़ाई करा रही है। उनका कहना है कि अगर कोई संस्था उनके साथ आ जाएं तो वह इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए गरीब बच्चियों और लड़कियों को बुटीक, मेंहदी, सिलाई जैसे काम सिखाएंगी। जिससे वो घर रह कर अपना जीवन व्यापन कर सकेंगे और इसके साथ साथ वो बच्चों को पठन सामग्री भी उपलब्ध करा रहे हैं। पूजा फाउंडेशन हेल्प सेवा संस्थान ने इनके साथ इनकी सोच और काम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया जो इनके साथ गरीब बच्चियों को रोजगार और शिक्षा पे जोर दिया जाएगा।