करणी विहार थाना पुलिस ने धर दबोचा शातिर नकबजन, एक दर्जन वारदातों का हुआ पर्दाफाश

पुलिस ने ढाई लाख की लागत के चोरी गए मंहगे 12 एड्राईड मोबाईल और एक डिजिटल कैमरा किया बरामद, आरोपी ने थाना क्षेत्र में अलग-अलग जगह से करीब एक दर्जन वारदातें करना स्वीकार किया


जयपुर। करणी विहार थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक शातिर मोबाइल चोर और नकबजन को धर दबोचने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपी से पुलिस ने ढाई लाख के मोबाइल और डिजिटल कैमरे बरामद किए है और आरोपी ने एक दर्जन से अधिक वारदातें करना स्व्ीकार किया है। पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि पुलिस थाना करणी विहार पर परिवादी हिमांशु पुत्र विजेन्द्र सिंह ने उसके मकान से दो मोबाईल व एक डिजिटल कैमरा चोरी होने का परिवाद दर्ज करवाया था। इस पर चोरी व नकबजनी के प्रकरणों में आरोपी की तलाश के लिए अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त नीरज पाठक के निर्देशन व सहायक पुलिस आयुक्त वैशाली नगर आलोक कुमार गौतम के सुपरविजन में एवं थानाधिकारी पुलिस थाना करणी विहार गजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल होशियार सिंह, कांस्टेबल रमेश एवं सागर कडवा की विशेष टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ करते हुए घटना स्थल व महत्वपूर्ण रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चैक किये गये एवं जांच के आधार पर आरोपी राजेन्द्र उर्फ गोलू (18) निवासी प्लाट नं. 1, रामनगरिया कोलोनी, मीणावाला, थाना करणी विहार जयपुर को चिन्हित कर गहनता से पूछताछ की। पुलिस ने प्रकरण में चोरी गया माल एन्ड्राईड मोबाईल व डिजिटल कैमरा बरामद किया। आरोपी से गहनता से पूछताछ पर उसने इलाका थाना से रात्री को अलग-अलग मकानों से मोबाईल फोन चोरी करना स्वीकार किया जाने पर चोरी किए गए कुल 12 मोबाईल बरामद कर जब्त किए। 

नशे की लत एवं शौक पूरा करने के लिए आरोपी देता था वारदातों को अंजाम
पुलिस के अनुसार अभियुक्त नशे का आदी है जो अपने शौक मौज व अय्याशी के लिए वारदातें करता है। आरोपी रात्री में आवासीय कॉलोनियों में घूमकर जिस मकान का गेट खुला या कमरे का गेट खुला रहता है उसके अन्दर झांककर अन्दर सो रहे व्यक्तियों की निगरानी कर कमरे में चार्जिंग में लगे मोबाईल या पास मे रखे मोबाईल को धीरे से कमरे में प्रवेश कर चुपचाप चोरी कर ले जाकर मोबाईल को स्वीचऑफ रखकर, सिम को तोडक़र फेंक देता एवं कुछ दिनों तक अपने पास रखकर उनको औने-पौने दामों में बेच देता था। इस कारवाई में हैड कांस्टेबल होशियार सिंह, कांस्टेबल रमेश एवं सागर की विशेष भूमिका रही।