संगठन को चुस्त-दुरुस्त बनाने की कवायद...
कांग्रेस संगठन में फरवरी तक होंगे बड़े बदलाव, राहुल गांधी और खरगे की कई बैठकें हो चुकी, प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी
संगठन महासचिव के काम को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा, अशोक गहलोत को सौंपी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी
बदलाव की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई; हटाए गए प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान प्रभारी बदलना भी तय
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जयपुर/नई दिल्ली। चुनाव दर चुनाव हार से कांग्रेस में हाहाकार मच गया है। हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में भी कांग्रेस की फजीहत हुई है। अब कांग्रेस इससे सबक लेती दिख रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस संगठन में फरवरी के अंतर तक बड़े बदलाव होंगे। संगठन में बदलाव की प्रक्रिया लोकसभा चुनाव 2024 के बाद ही शुरू होनी थी। लेकिन राज्यों के चुनाव के चलते रुक गई थी। अब जब कांग्रेस हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में विधानसभा चुनाव हार गई है तो अब इसमें पार्टी देरी के मूड में जरा भी नहीं है। कांग्रेस अब अपने संगठन को चुस्त-दुरुस्त बनाने की कवायद में लगी है। फरवरी के अंत तक कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव होगा। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद ही बदलाव की प्रक्रिया शुरू होनी थी लेकिन राज्यों के चुनावों के चलते रुक गई थी। हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अपने संगठन को चुस्त दुरुस्त बनाने की कवायद में लगी है।
सूत्रों के मुताबिक, संगठन में बदलाव को लेकर राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कई दौर की बैठक हो चुकी है। बैठकों में संगठन महासचिव वेणुगोपाल भी शामिल रहे हैं। कांग्रेस संगठन में ढांचागत बदलाव भी हो सकता है। इसमें संगठन महासचिव के काम को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है। तीनों हिस्सों के लिए अलग-अलग नेता नियुक्ति किया जा सकता है। इससे अध्यक्ष के बाद सबसे ताकतवर पद की ताकत कम होगी। फिलहाल के सी वेणुगोपाल संगठन मंत्री हैं, वह राहुल गांधी के बेहद खास और बहुत ताकतवर माने जाते हैं, इसका मतलब है कि केसी वेणुगोपाल का कद घट जाएगा।
शुरूआत हुई महाराष्ट्र से, नाना पटोले की जगह हर्षवर्धन सपकाल बने प्रदेशाध्यक्ष
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने नाना पटोले की जगह हर्षवर्धन सपकाल को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके अलावा विजय वडेट्टीवार को तत्काल प्रभाव से महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है। हर्षवर्धन पश्चिमी विदर्भ क्षेत्र से आते हैं। उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। हर्षवर्धन सपकाल का जमीनी स्तर से राजनीति से जुड़े हैं। उन्होंने राजनीतिक सफर में जिला परिषद सदस्य से लेकर विधायक तक की भूमिका संभाली है। वह 1999 से 2002 तक जिला परिषद के अध्यक्ष रहे। उस समय वे महाराष्ट्र के सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में जाने जाते थे। वह 2014 से 2019 के बीच कांग्रेस से विधायक भी रहे। पार्टी ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की है। इसलिए नए अध्यक्ष के सामने इन चुनावों को जीतने की बड़ी चुनौती होगी। हर्षवर्धन सपकाल वर्तमान में कांग्रेस के राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
लोकसभा चुनाव 2029 की हो रही तैयारी, राजस्थान में भी बदला जाएगा प्रभारी
कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2029 के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी नई टीम तैयार कर रही है। इस साल के अंत में होने वाले बिहार और अगले साल होने वाले पांच राज्यों के चुनावी समीकरणों को भी ध्यान रखते हुए संगठन में फेर बदल किए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल अपने पद पर बने रहेंगे। बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना और असम में प्रभारी बदले जा सकते हैं, साथ ही महाराष्ट्र , हिमाचल प्रदेश, तमिल नाडू, बिहार और उत्तराखंड राज्यों के अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं। वहीं पार्टी प्रभारी मोहन प्रकाश की संगठन से छुट्टी हो सकती है। गुलाम अहमद मीर को झारखंड से हटाया जाएगा, क्योंकि वह कश्मीर में कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं। वहीं मीनाक्षी नटराजन, सचिन राव, अजय कुमार लल्लू, वामशी रेड्डी, कृष्णा अलावुरु जैसे नेताओं को संगठन में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
प्रियंका गांधी को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी, वेणुगोपाल होंगे रिप्लेस
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वर्तमान में किसी भी राज्य की प्रभारी नहीं है। ऐसे में उनको किसी बड़े राज्य का प्रभार दिया जा सकता है। बीके हरिप्रसाद, सचिन राव, मीनाक्षी नटराजन, श्रीनिवास बी वी, प्रगट सिंह, अजय कुमार लल्लू, जिग्नेश मेवानी,कृष्णा अलावरू, मोहम्मद जावेद, अभिषेक दत्त, गणेश गोदियाल, प्रकाश जोशी जैसे नेताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। संगठन महासचिव वेणुगोपाल मजबूती से अपने पद पर बने हुए हैं। मगर उनको कुछ महीने पहले ही संसद की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। ऐसे में अटकलें है कि उनको बदला का सकता है और उनकी जगह रणदीप सुरजेवाला, प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल, भंवर जितेंद्र सिंह अलवर या अशोक गहलोत ले सकते हैं। हालांकि, इस पर आखिरी फैसला राहुल गांधी को ही करना है। संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश भी बदले जा सकते हैं।