बगरू। भांकरोटा खुर्द स्थित श्री बालाजी गौशाला में रविवार को श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ 351 कलशों के साथ भव्य यात्रा के साथ हुआ। भव्य एवं पारंपरिक वेश में रविवार से श्री बालाजी गौशाला में श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। साध्वी सुभद्रा महाराज के नेतृत्व में कस्बे के ठाकुरजी मंदिर से पवित्र जलस्त्रोत से जल भरने के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल रहीं। पवित्र जलस्त्रोत से कलश को भर कर लाने के बाद श्रीमद् भागवत का हरनाथ ककरालिया व ध्वज का पूजन बद्रीनारायण ने किया। कलश को कथा आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चरण के साथ स्थापित किया गया। आरती के साथ शुरू किए गए श्रीमद् भागवत कथा में साध्वी सुभद्रा महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में ये श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है, वो तीर्थ स्थल कहलाता है। इसका सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियां को ही मिलता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई सात तक किसी व्यवस्तता के कारण नहीं सुन सकता है, तो वह दो तीन या चार दिन ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकालें। तब भी वो इसका फल प्राप्त करता है। शास्त्री ने बताया कि इस कथा को सबसे पहले अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने सुना था, जिसके प्रभाव से उसके अंदर तक्षक नामक नाग के काटने से होने वाली मृत्य़ु का भय दूर हुआ और उसने मोक्ष को प्राप्त किया था। इस दौरान मंगल ककरालिया, हनुमान ककरालिया, नारायण सिंह, रामेश्वर, हरिनारायण, अनिल,अशोक ककरालिया सहित सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुष मौजूद रहे।
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