डिजिटल भारत की राह में फंस रहा ठगी का फ्रॉड.. ‘ओटीपी’ के फेर में फंस गई भाजपा..अब रसीद बुक से बनेंगे नए सदस्य!

भाजपा के सदस्यता अभियान में कई जिलों में सायबर फ्रॉड की आशंका से कतरा रहे कार्यकर्ता; ओटीपी बताने से कर रहे परहेज, समीक्षा में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

फर्जी या बोगस सदस्य बनाने पर रोक लगाने के लिए लागू किया गया था वेरिफिकेशन सिस्टम, अब मिस कॉल के बाद लिंक जनरेट होता है और फिर आता है ओटीपी 


जयपुर। प्रदेश में भाजपा की सदस्यता अभियान में साइबर फ्रॉड का माहौल बना हुआ है। भाजपा ने फर्जी सदस्यता से बचने के लिए ओटीपी सिस्टम लागू किया है, लेकिन यह फॉर्मूला सदस्यता अभियान को गति नहीं पकडऩे दे रहा है। दूर दराज में लोग साइबर ठगी के डर से ओटीपी बताने से बच रहे हैं। जिससे कार्यकर्ताओं नेताओं को सदस्य बनाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में इन क्षेत्रों में अब भाजपा ऑफ लाइन सदस्य बनाने जा रही है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी में सदस्यता अभियान चल रहा है। देश में 2 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा 3 सितम्बर को राजस्थान में सीएम भजन लाल शर्मा को सदस्य बनाने के साथ ही अभियान शुरू हुआ। फर्जी या बोगस सदस्य बनाने पर रोक लगाने के लिए इस बाद पार्टी ने सदस्यता का वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया है। पहली बार मिस कॉल के बाद लिंक जनरेट हो रहा और उसके बाद वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी आता है। वेरीफाई होने के बाद ही सदस्य बन सकते हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार आने वाले आदेशों के बीच जनता इस ओटीपी को देने से डर रही रही है। साइबर फ्रॉड की जद में आए क्षेत्रों में जनता को डर है और लोग ओटीपी बताने से बच रहे हैं। वहां पर पार्टी ऑफ लाइन यानी रसीदों के जरिये सदस्य बनाएगी।

ऑनलाइन प्रक्रिया बनी परेशानी का कारण, अब रसीद बुक से होगा काम
जानकारी के अनुसार भाजपा में पहले मिस कॉल से सदस्य बनते थे, लेकिन इस बार मिस कॉल करने पर एक लिंक जनरेट होगा, उस लिंक को ओपन करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम ओटीपी आता है, उस ओटीपी को समिट करने पर एक फॉर्म ओपन होता है, जिसमे जो भी व्यक्ति भाजपा की सदस्यता लेना चाहता है, उसे अपनी पूरी डिटेल डालनी होती है। उसके बाद उस फॉर्म को समिट किया जाता है। इस तरह से वह व्यक्ति भाजपा का सदस्य बनता है, बाद में वही सदस्य कार्यकर्ता के तौर पर काम करेगा। कई जिलों के दूर दराज के क्षेत्रों में लोग ओटीपी देने में आनाकानी कर रहे हैं।

साइबर क्राइम प्रभावित जिलों में ज्यादा असर, परेशान कार्यकर्ता

भाजपा ने हर जिले, प्रतिनिधियों और नेताओं को सदस्यता का अलग अलग टारगेट दिया है। इधर भरतपुर, उदयपुर संभाग, बारां, अलवर सहित कई जिले हैं जहां साइबर ठगी का प्रभाव है, साइबर ठगी के भय से लोग सदस्यता के लिए ओटीपी देने से मना कर रहे हैं, इसके साथ कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां नेटवर्क की समस्या भी है। सदस्यता अभियान की समीक्षा के दौरान सामने आई इस तरह की समस्या के समाधान के लिए पार्टी ने ऑफ लाइन सदस्य बनाने का भी प्रावधान रखा है। इसके लिए पार्टी जिला जिला अध्यक्ष के जरिये बूथ स्तर पर रसीद बुक के जरिये सदस्य बनाने के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

अब ऑनलाइन की जगह रसीद बुक से बनाए जाएंगे पार्टी के सदस्य
सदस्यता अभियान से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार अभी साइबर के ठगी के मामले राजस्थान और देश में आ रहे हैं। इस तरह की घटना से आम जनता भयभीत है, कई जिलों में सदस्यता अभियान में भी इसको लेकर दिक्कत आ रही है। इस लिए पार्टी इसके लिए विकल्प के तौर पर ऑफ लाइन सदस्य बनाने के लिए रसीद बुक छपवाई है। जानकारी के अनुसार ऐसे लोग जो ओटीपी देना पसंद नहीं करते या जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की दिक्कत है, उनके लिए पार्टी ने रसीद बुक भिजवा रही है, ताकि अभियान में किस तरह की कोई हटी धीमी नहीं हो।