मुरलीपुरा ग्राम पंचायत के विजयगोविन्दपुरा राजकीय स्कूल का मामला, स्थानीय निवासियों ने की उपखंड अधिकारी तथा संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा को शिकायत, कहा-प्रधानाध्यापिका की मनमानी से बंद होने की कगार पर पहुंचा विद्यालय
जाबनेर। ग्राम पंचायत मुरलीपुरा के स्थानीय निवासियों एवं जनप्रतिनिधियों ने विजयगोविन्दपुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुलोचना को हटाने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी जोबनेर तथा संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा जोन-जयपुर को ज्ञापन सौंपा है। सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि प्रधानाध्यापिका सुलोचना के रा.उ.प्रा.वि. विजयगोविन्दपुरा के 2018 में कार्यग्रहण करने के पश्चात विद्यालय का शैक्षिक स्तर बिलकुल न्यून होता जा रहा है। इन प्रधानाध्यापिका के कार्यकाल में प्रति वर्ष नामांकन घट रहा है और गुणात्मक परिणाम भी न्यून हुआ है। स्थिति यह है कि विद्यालय बंद होने के कगार पर आ गया है। ज्ञापन में स्थानीय निवासियों और अभिभावकों ने बताया कि यह सब प्रधानाध्यापिका की लापरवाही के कारण हुआ है। यहां तक कि अब भी छात्र संख्या घटती जा रही है और बच्चों एवं स्टाफ पर इनका कोई नियंत्रण नहीं है। स्थानीय निवासियों के अनुसार इनकी शिकायत सीबीईओ जोबनेर के कार्यालय में दो बार की जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है। बीईईओ मुरलीपुरा को भी कई बार कहा जा चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि प्रधानाध्यापिका सुलोचना के खौफ के कारण कोई एक्शन नहीं हो रहा है। दरअसल, प्रधानाध्यापिका पहले भी बीईईओ रामकुमार सिराधना को झूठे मुकदमे में फंसा चुकी है और अब गांव का कोई भी व्यक्ति विद्यालय में जा कर टोकता है तो उसको भी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती है। ग्रामीणों की शिकायत पर इनका स्थानांतरण भी हुआ था लेकिन ट्रिब्यूनल से स्टे आर्डर ले कर ले आने के बाद पा्रधानाध्यापिका और ज्यादा लापरवाह हो गयी है। हालातज यह है कि अब लगभग एक माह से प्रधानाध्यापिका अनुपस्थित चल रही है लेकिन उनकी जगह व्यवस्था में किसी को नहीं लगाया गया है। ऐसे में अभिभावकों एवं जनप्रतिनिधियों पे प्रधानाध्यापिका सुलोचना को इस विद्यालय से अन्यत्र लगवाने की मांग की है जिससे विद्यालय बचाया जा सके।