‘सृष्टि’ के कलाकारों ने संस्कृति के रंगों से सजाया कैनवास, हर कलाकृति में दिखा भावनाओं का ज्वार

उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने किया जवाहर कला केंद्र की सुकृति आर्ट गैलरी में सृष्टि आर्ट ग्रुप के कलाकारों की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन, चार दिनों तक कलाप्रेमियों के पास देखने का मौका

जयपुर। जवाहर कला केंद्र की सुकृति आर्ट गैलरी में 4 अक्टूबर से 7 अक्टूबर 2024 तक सृष्टि आर्ट ग्रुप के कलाकारों की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी के करकमलों द्वारा किया गया। उक्त प्रदर्शनी में ग्रुप के 18 एवं 3 अतिथि कलाकारों ने भाग लिया, जिसमें 43 पेंटिंग्स व 5 स्कल्पचर प्रदर्शित किये गये। सभी कलाकारों ने अपनी कलाकृतियों को अलग कला शैली व तकनीकी माध्यम से सृजित किया है। उक्त कला प्रदर्शनी का आकर्षण राजस्थान के वरिष्ठ कलाकार पद्मश्री स्व. कृपाल सिंह शेखावत की कलाकृति रही। इस ग्रुप के अध्यक्ष नाथूलाल वर्मा ने अपनी कलाकृतियों में नारी सशक्तिकरण के वर्तमान स्वरूप को उनके चिर परिचित पारंपरिक लघुचित्र शैली में चित्रित करते हुए अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है। इसी तरह वरिष्ठ कलाकार कैलाश चंद शर्मा ने भी पारंपरिक लघु चित्रण शैली में प्रकृति और नारी का सुंदर संयोजन प्रस्तुत किया है। इसी तरह मूर्तिकार अर्जुन लाल वर्मा ने अपनी मूर्तियों में नारी के वात्सल्य स्वरूप को प्रस्तुत किया है। महिला कलाकार हेमलता कुमावत ने अपने कलाकृतियों में राजस्थान की संस्कृति को दर्शाया। 
ग्रुप के कोषाध्यक्ष खुशनारायण जांगिड़ ने अपनी कलाकृतियों में सुनहरे अतीत का पारम्परिक चित्रण शैली में चित्रण किया है। ग्रुप के सचिव राजेंद्र प्रसाद ने अपनी अमूर्त कलाकृतियों के सृजन में मिस्टी मेमोरीज शीर्षक में फेमिनिस्ट एप्रोच को लय, अंतराल और टेक्सचर्स के जरिये रंगों की परत से इलूजन दिखाने का प्रयास किया है। इसी तरह ग्रुप की अमूर्त महिला कलाकार शालिनी गुप्ता ने अपनी कलाकृतियों में जीवन और पानी की सुंदरता व महत्व को रंगों के माध्यम से अमूर्त रूप में प्रस्तुत किया है। 
 ग्रुप के मीडिया प्रभारी जगदीश प्रसाद मीणा ने अपनी कलाकृतियों में पतंग का आतंक शीर्षक को लेकर चारकोल माध्यम में चित्रण किया। महिला कलाकार सुरभि सोनी ने अपनी कलाकृतियों मे रंगों के द्वारा प्रकृति और फूलों के सुंदर संयोजन को चित्रित किया। अर्चना सुकेश गुप्ता के चित्रों में सूरजमुखी का फूल को चित्रित किया गया है। ग्रुप के दृश्य कलाकार किशन लाल खटीक ने अपने दृश्य चित्रों में आमेर किले के आसपास के विहघंम स्थापत्य और प्राकृतिक सौंदर्य को जलरंगीय पद्धति मे चित्रित किया है। इसी तरह ग्रुप की दृश्य महिला चित्रकार अन्नपूर्णा शुक्ला भी अपने दृश्य चित्रों में प्रकृति के आनंद भाव को संजोया। मोनिका चौधरी ने अपनी पेंटिंग्स में जयपुर के स्थापत्य एवं पारंपरिक इंडिगो छपाई की विरासत के प्रति उत्सुकता प्रतिबिंबित प्रस्तुत की हैं। मूर्तिकार लक्ष्मी नारायण नागा की मूर्तियों में नारी के दैनिक जीवन, मानवीय और सामाजिक संघर्षों की छवि को धातु से निर्मित स्कल्पचर्स के रूप में देखा जा सकता हैं। महिला कलाकार भावना सक्सेना ने अपनी कलाकृतियों में परंपरागत पाबूजी की कथा के वाचन की परम्परा को दर्शाया। इसके अलावा इस चित्र प्रदर्शनी में अतिथि कलाकार के रूप में राजस्थान के वरिष्ठ चित्रकार विद्यासागर उपाध्याय, विनय शर्मा और समंदर सिंह खंगारोत की कलाकृतियों को भी प्रदर्शित किया गया है।