भरतपुर@ गुर्जर आंदोलन का रविवार को कोई हल नहीं निकल पाया। अब सोमवार को धरना स्थल पर कर्नल किरोड़ी बैंसला और सरकार के बीच वार्ता होने पर ही कोई हल निकलने की उम्मीद है। कर्नल बैसला शाम को पीलूपुरा से हिंडौन के लिए रवाना हो गए। रात को हिंडौन पहुंचे मंत्री अशोक चांदना से कर्नल की मुलाकात नहीं हो पाई जिसके बाद चांदना बयाना के लिए रवाना हो गए। एक नवंबर से राजस्थान में चक्काजाम के आह्वान पर गुर्जर रविवार को भरतपुर जिले के पीलूपुरा में जुटे। दोपहर बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के पीलूपुरा पहुंचने पर माहौल गर्मा गया। कुछ युवक रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और पटरियों को नुकसान पहुंचाने लगे। गुर्जरों ने पीलूपुरा में मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट उखाड़ दी। इससे दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया। उधर, गुर्जरों ने बयाना-हिंडौन मार्ग जाम कर दिया। सवाईमाधोपुर सहित राज्य के कुछ और स्थानों से भी गुर्जरों के उग्र होने के समाचार हैं। गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर समाज के नेता दो फाड़ हो गए हैं। राज्य सरकार ने गुर्जर समाज के एक गुट के साथ 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया, वहीं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया और चक्का जाम की घोषणा को बरकरार रखा है। इसे देखते हुए करौली जिले में रविवार को बसें नहीं चलीं तो बयाना में पुलिस फोर्स जुटी रही। साथ ही कई तहसीलों में साथ ही इंटरनेट सेवाएं अब रविवार आधी रात तक के लिए ठप कर दी गईं।
कर्नल ने की मंत्री अशोक चांदना से बात-
कर्नल ने पीलूपुरा पहुंचने पर मंत्री अशोक चांदना से फोन पर बात की। कर्नल ने उनसे फोन पर दस मिनट में जवाब मांगा कि गुर्जरों के नौकरियों में आरक्षण को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है। इस पर वे चांदना के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें धरना स्थल पर बुलाया। चांदना ने कहा कि वे जयपुर से बाहर हैं। अभी नहीं आ सकते। इस पर कर्नल ने कहा कि वे भले ही हेलिकॉप्टर से आएं, लेकिन यहां पहुंच जाएं। इस पर चांदना ने तीन घंटे में पीलूपुरा पहुंचने की आश्वासन दिया। अब शाम को अशोक चांदना के वहां पहुंचने पर ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इस दौरान कर्नल बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला ने कहा कि हमने 15 दिन पहले अड्डा गांव में मीटिंग करके सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी है। हालांकि सरकार ने कुछ लोगों से समझौता करने की बात कही। लेकिन, क्या समझौता हुआ, इस बारे में हमें न तो सरकार ने कुछ बताया है और न ही समझौता करने वाले लोगों ने कोई जानकारी दी है। अभी तक सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं।
कुछ युवक रेलवे ट्रैक पर आए-
जहां कर्नल की सरकार से बात चल रही थी वहीं कुछ युवक रेलवे ट्रैक पर आ गए और पटरियों को नुकसान पहुंचाने लगे। इस पर पुलिस व अन्य लोगों ने उन्हें समझाया। जयपुर में जहां एक गुट ने 14 सूत्री मांगों पर सरकार से समझौता कर लिया। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के 150 जवान तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। इसके लिए बयाना में तीन आरएएस अधिकारियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है। सरकारी अधिकारियों, पुलिस कर्मियों की छुट्टियां पहले ही रद्द की जा चुकी हैं। एहतियात के तौर पर बयाना में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल और पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
आरएसी की कंपनियां बयाना पहुंची
गुर्जर आंदोलन के पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए आरएसी की दो कंपनियां पहुंच चुकी हैं। स्टेशन और ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के 100 और जीआरपी के 300 जवान भी पहुंच चुके हैं। आरपीएफ चौकी इंचार्ज मुकेश चौधरी ने बताया कि इन्हें बयाना और फतेहसिंहपुरा के बीच स्टेशनों और ट्रैक पर तैनात किया जाएगा।
राज्य सरकार ने हिम्मत सिंह गुट के साथ समझौता किया
राज्य सरकार ने गुर्जर नेता हिम्मत सिंह के नेतृत्व में 40 लाेगाें के प्रतिनिधि मंडल के साथ राज्य सरकार के साथ समझौता किया है। इसमें गुर्जरों से जुड़ी भर्तियों, आंदोलन में मारे गए तीन लोगों को 5-5 लाख रुपए मुआवजे, आंदोलन में लगे मुकदमे वापसी आदि बिंदुओं पर सहमति बनी है। सचिवालय में 7 घंटे तक चली वार्ता के बाद आरक्षण मामले में गठित कैबिनेट सब कमेटी के मंत्री डा. रघु शर्मा, अशोक चांदना और हिम्मत सिंह मीडिया के सामने आए। डा. रघु शर्मा ने 14 बिंदुओं पर सहमति और समझौते की जानकारी दी।
हिम्मत सिंह ने कहा कि आंदोलन के बाद भी गुर्जरों का प्रतिनिधि मंडल राज्य सरकार के साथ टेबल पर बैठता है। इस बार पहले ही बैठ गया है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला द्वारा उन्हें अधिकृत नहीं करने के सवाल पर कहा कि जिन मुद्दों पर वह आंदोलन करने जा रहे थे, उन्हीं मुद्दों पर समझौता और समाधान समाज के लोगों ने किया है। चूंकि राज्य सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। ऐसे में हठधर्मिता नहीं दिखा सकते थे। अशोक चांदना ने आश्वस्त किया कि सरकार हर बिंदु पर तुरंत एक्शन लेगी।
सरकार और हिम्मत सिंह गुट में इन बिंदुओं पर हुआ समझौता
तीन आश्रितों को 5-5 लाख रुपए के अलावा निगम या परिषद में नौकरी।
एमबीसी 2019 के लागू होने के समय प्रक्रियाधीन समस्त भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण देते हुए अब तक 2297 चयनित अभ्यर्थियों का नियुक्तियां दी जा चुकी हैं तथा इसके अलावा अभी तक पूर्ण होने से शेष भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग के लिए 5 प्रतिशत के अनुसार जितने भी पद आरक्षित हैं, उन पर चयन के पश्चात अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाऐगी।
एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन शृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ दिए जाएंगे।
सभी मुकदमों की वापसी की जाएगी ।
देवनारायण योजना के तहत निर्माणाधीन 5 आवासीय विद्यालयों एवं 5 अन्य आवासीय विद्यालयों की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों की समिति गठित की जाएगी। इन पांच आवासीय विद्यालयों में से पीपर्रा आवासीय विद्यालय की टेंडर प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी जाएगी।
लबाना जाति के जारी हुए जाति प्रमाण-पत्रों की जांच की जाएगी। जांच के उपरांत यथोचित कार्रवाई की जाएगी।
खेल स्टेडियम का निर्माण पीपर्रा या मोरोली में से एक जगह पर किया जाए।
कारवाड़ी एवं रुदावल में देवनारायण छात्रावास का निर्माण होगा।
बैठक में राइका समाज के प्रतिनिधी द्वारा घुमंतु जातियों के बारे में दिए गए सुझावों का अध्ययन किया जाएगा।
एमबीसी आरक्षण काे 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
कोर्ट में अटकी आश्रितों में आरक्षण का फायदा दिलाया जाएगा। विधिक राय लेकर कार्रवाई की जाएगी।
रीट 2018 में एमबीसी के लिए 940 पद 5 प्रतिशत के आधार पर बनते थे, जिनमें से 568 पर नियुक्ति दी जा चुकी है, शेष 372 पदों के बारे में सात दिन में विधि विशेषज्ञों से कानूनी सलाह लेकर निर्णय किया जाएगा।