बयाना@ गुर्जर आंदोलनकारियों द्वारा रविवार को बयाना के पास रेलवे पटरियों को उखाड़ने के बाद दूसरे दिन भी ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते दिल्ली से मुंबई रूट पर संचालित होने वाली ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं। रविवार को सात ट्रेनों को उत्तर-पश्चिम रेलवे के रूटों से होकर चलाया गया था। सोमवार को भी 10 से अधिक ट्रेनों को जयपुर होकर संचालित किया गया।
कोटा मंडल के हिंडौन सिटी से बयाना रेलखंड पर बीच में पटरियों पर कब्जा किया हुआ है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील बेनीवाल ने बताया कि ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किए जाने के बाद सभी ट्रेनों को जयपुर मंडल से होकर संचालित किया गया। आंदोलन आगे बढ़ने पर और भी ट्रेनों के रूट डायवर्ट हो सकते हैं।
48 घंटे में ट्रैक खाली नहीं तो ट्रेनों का रद्द होना तय
जयपुर मंडल में पिछले दो दिन में करीब 15 से अधिक ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। तो वहीं जयपुर मंडल से संचालित हो रही करीब 30 ट्रेनों को भी यहीं से बाई पास किया जा रहा है। ऐसे में यहां ट्रेनों का कंजेशन बढ़ गया है। अगले 48 घंटे में ट्रैक खाली नहीं करवाया गया, तो बड़ी संख्या में ट्रेनों का रद्द होना तय है।
इन ट्रेनों का रूट डायवर्ट
लखनऊ जंक्शन-बांद्रा टर्मिनस को भरतपुर-बांदीकुई-जयपुर-सवाईमाधोपुर, देहरादून-कोटा को रेवाडी-जयपुर-सवाईमाधोपुर, बांद्रा टर्मिनस-गाजीपुर सिटी को सवाईमाधोपुर-जयपुर-बांदीकुई-भरतपुर-आगरा फोर्ट, बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर को सवाईमाधोपुर- जयपुर- भरतपुर- आगरा फोर्ट, कोटा-देहरादून को सवाईमाधोपुर- जयपुर, हजरत निजामुद्दीन-उदयपुर सिटी को रेवाड़ी- जयपुर-अजमेर-चंदेरिया, उदयपुर सिटी-हजरत निजामुद्दीन को चंदेरिया-अजमेर-जयपुर-रेवाडी-दिल्ली होकर और इसके अलावा करीब 7 ट्रेनों को भी जयपुर और अजमेर मंडल के अलग रूट से डायवर्ट करके संचालित किया गया।
रोडवेज ने बसें बंद की, अब प्राइवेट बस ऑपरेटर आगरा पहुंचाएंगे सवारियां
गुर्जर आंदोलन की वजह से पीलूपुरा में गुर्जरों के जाम की वजह से बयाना से हिंडोन जाने वाला मार्ग बंद हो गया है। हाल फिलहाल आगरा हाइवे चालू है, लेकिन आंदोलन बढ़ने पर यह भी बंद हो सकता है। आंदोलन के मद्देनजर, राजस्थान पथ परिवहन निगम ने अपने पांच डीपों से बसों का संचालन पहले ही बंद कर दिया है। अगर हाईवे बंद होता है तो रोडवेज आगरा जाने वाली बस सेवा भी बंद कर सकता है। उधर, प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने वैकल्पिक मार्गों पर बसों का संचालन करने की तैयारी कर ली है। रोडवेज की करीब 800 बसें इन रूटों पर चलती है और 500 बसें प्राइवेट संचालित होती हैं।