जयपुर@ जयपुर में 31 अक्टूबर की फिजा सबसे खराब रही। एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल 275 तक पहुंच गया। इसके लिए ऑरेंज कैटेगरी दी गई है। ऐसा साल 2020 में पहली बार हुआ है जब 275 तक एक्यूआई पहुंचा हो। साथ ही इसने पिंकी सिटी को भविष्य के लिए 'रेड' अलर्ट भी दे दिया है। लगातार प्रदूषण बढ़ा तो एक्यूआई लेवल 300 होने पर शहर को रेड कैटेगरी में शामिल कर दिया जाएगा। यानी बेहद चिंताजनक श्रेणी का प्रदूषण। सामान्यत: ग्रीन या येल्लो कैटेगिरी में रहने वाला जयपुर में आज इस अक्टूबर तीसरी बार और इस पूरे साल में आठवीं बार ओरेंज कैटेगिरी में पहुंचा है। लेकिन इस बार प्रदूषण का स्तर पहली बार 250 के स्तर को पार कर गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की आनलाइन मॉनिटरिंग की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले जयपुर का प्रदूषण स्तर इस साल सबसे पहले एक जनवरी को 248 रहा था, लेकिन 31 अक्टूबर को यह 275 के स्तर को छू गया। अक्टूबर की बात करें तो यह 27 और 30 अक्टूबर को 225 के लेवल को पार कर ओरेंज कैटेगिरी में पहुंचा था। विशेषज्ञों की माने तो प्रदूषण के इस स्तर पर आने से दमा के रोगियों की समस्या बढ जाती है।
दूसरे शहरों में भी धीरे-धीरे बिगड़ रहे है हालात
जयपुर के अलावा दूसरे शहरों की बात करें तो वहां भी सर्दी का स्तर बढने के साथ प्रदूषण का स्तर लगातार बढ रहा है। आज मिली ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जोधपुर में 240 एक्यूआई लेवल दर्ज हुआ। इसके अलावा अजमेर 134, अलवर 144, पाली 108 और उदयपुर में एक्यूआई लेवल 110 तक पहुंच गया। वहीं अलवर जिले का शहर जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है वहां प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा 378 रहा।
ऐसे तय की जाती है कैटेगिरी
एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 तक रहने पर शहर को ग्रीन कैटेगिरी में जगह दी जाती है। 100 से 200 के बीच में यैलो, 200 से 300 के बीच ओरेंज और 300 से ज्यादा लेवल पहुंचने पर शहर को रेड कैटेगिरी में रखा जाता है।