राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की आहट है। समाज ने सरकार को रविवार दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दे दिया है। इसके बाद पीलूपुरा में आंदोलन की दिशा तय हो जाएगी कि गुर्जर पटरी पर जाएंगे या अपने घर। आंदोलन की अगुआई कर रहे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने भास्कर से कहा है कि वे अब सरकार के पास वार्ता के लिए नहीं जाएंगे। सरकार किसी सक्षम IAS स्तर के अधिकारी के साथ चिट्ठी भेज दे। चिट्ठी भेजी तो इसे महापंचायत के दौरान समाज को पढ़कर सुनाई जाएगी। समाज जो कहेगा, वह फैसला करेंगे। गुर्जर आंदोलन के अगुआ रहे कर्नल किरोड़ी बैंसला के निधन के बाद रविवार को पीलूपुरा में पहली महापंचायत करने का दावा किया जा रहा है। चेतावनी दी जा रही है कि यदि रविवार को दोपहर 12 बजे तक सरकार ने कोई फैसला नहीं किया तो रेल रोकी जाएंगी और सड़क-चौराहे जाम किए जाएंगे।
बैंसला : आने वाली नस्लों की पढ़ाई हो जाए, मेरे समाज के बच्चे पढ़ लें, ये जरूरी है। हम कर्नल किरोड़ी बैंसला की विरासत को लेकर चल रहे हैं। उनके दिखाए रास्ते से ही समाधान निकलेगा।
कांग्रेस और बीजेपी, दोनों सरकारों में गुर्जर समाज के उग्र आंदोलन हुए। बीजेपी सरकारों की बात करें तो वसुंधरा राजे (2003-08 और 2013-18) के नेतृत्व वाली पिछली दोनों बीजेपी सरकारों में आंदोलन ज्यादा उग्र हुए हैं। गुर्जर आरक्षण आंदोलन 2006 में शुरू हुआ और 2007 व 2008 में इतना तीव्र हुआ कि कि पीलूपुरा में 70 से अधिक जान गई थीं।
आंदोलन ने पूरे देश का ध्यान खींचा था और उस दौरान बीजेपी की सरकार थी। वहीं, बीजेपी राज में 2015 में फिर रेलवे ट्रैक रोका गया। 28 मई 2015 को फिर समझौता हुआ। 2017 में फिर आंदोलन हुआ। बीजेपी सरकार से समझौता हुआ। इस बार मोस्ट बैकवर्ड क्लासेस (MBC) आरक्षण बिल पास किया। इस बिल पर कोर्ट ने रोक लगा दी। राजस्थान सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण सीमा को गलत बताया। गुर्जर समाज के उग्र आंदोलन के अनुभव को ये सरकार रिपीट नहीं करना चाह रही है। इस कारण महापंचायत से पहले ही मंत्री जवाहर सिंह बेढम को वार्ता के लिए आगे किया हुआ है। सूत्रों के अनुसार महापंचायत से पहले ही मुख्यमंत्री के स्तर पर सरकार गुर्जर समाज के मांग पत्र का अध्ययन किया जा रहा है। अधिकारी रायशुमारी कर रहे हैं कि किस तरह के आश्वासन के जरिए महांचायत को आंदोलन का रूप लेने से रोका जा सके। वहीं, सरकार महापंचायत को लेकर गुर्जर समाज की एक-एक गतिविधि पर पूरी नजर बनाए हुए है। महापंचायत को लेकर इंटेलिजेंस का एक-एक इनपुट सरकार तक पहुंच रहा है। मंत्री बेढम ने कहा है कि वे सरकार और समाज की तरफ से संघर्ष समिति से वार्ता करेंगे।