‘जातिगत गोलबंदी’ का रूप लेता जा रहा थप्पडक़ांड...

नरेश मीणा के लिए सडक़ों पर उतरे समर्थक..रिहाई की मांग को लेकर कई जिलों में प्रदर्शन!

टोंक, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर सहित कई अन्य जिलों में मीणा समाज का प्रदर्शन, रैलियां निकालकर किया कलक्टे्रट का घेराव, एसडीएम को सस्पेंड करने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
 

मीणा समाज के नेताओं को फोन कर मांगा जा रहा समर्थन, मीणा के समर्थन में कई वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल, भगत सिंह की तरह दर्शा रहे युवा समर्थक

टोंक/जयपुर। राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन देवली उनियारा में एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नेता नरेश मीणा की रिहाई की मांग तेज हो गई है। शनिवार को राजस्थान के कई जिलों में मीणा समाज के लोग सडक़ों पर उतर आए। लोगों ने नरेश मीणा को रिहा करने की मांग की। टोंक, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर सहित कई अन्य जिलों से मीणा समाज के प्रदर्शन की खबर सामने आई। मीणा समाज के लोगों ने कई जिलों में कलेक्ट्रेट पर उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में नोंकझोंक भी हुई। आक्रोशित लोगों ने कलेक्ट्रेट के बाहर जाम भी लगाया।
दरअसल, नरेश मीणा की गिरफ्तारी अब जातिगत गोलबंदी का रूप लेती जा हरी है। उनके समर्थक अब मीणा समाज के नेताओं को फोन कर समर्थन की मांग कर रहे हैं। इसके कई वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं। वहीं नरेश के समर्थन में मीणा समाज की तरफ से आज देवली-उनियारा सहित कई जगहों पर रैलियां निकाली जा रही हैं। दरअसल देवली उनियारा सीट पर हुए एसडीएम थप्पड़ कांड का विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। नरेश मीणा को रिहा करने की मांग तेज होने लगी है। प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। टोंक जिला कलेक्टर और एसपी के खिलाफ युवाओं ने जमकर नारेबाजी की और एसडीएम अमित चौधरी को बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट के बाहर जाम लगाकर बैठे रहे। मौके पर मौजूद डीएसपी अजीत मेघवंशी द्वारा समझाइश करने पर प्रदर्शनकारी माने और एक प्रतिनिधि मंडल बूंदी जिला कलेक्टर को ज्ञापन देना पहुंचा, तब जाकर जाम हटा।

भगत सिंह की तरह मीणा को दिखाया, रैलियों में लहराए गए पोस्टर
रैलियों में प्रदर्शनकारियों द्वारा जो पोस्टर लहराए जा रहे हैं उनमें नरेश मीणा को भगत सिंह की तरह पेश किया जा रहा है। यही नहीं उनके समर्थन में स्थानीय भाषा में गाने भी तैयार किए जा रहे हैं। प्रशासन के लिए अब यह ट्रेंड बड़ी मुश्किल खड़ी कर रहा है। इधर, नरेश मीणा को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। मजिस्ट्रेट ने नरेश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मीणा समाज ने सरकार को चेतावनी दी है कि एसडीम द्वारा चुनाव का बहिष्कार होने के बावजूद भी मतदान करवाया गया और नरेश मीणा को उकसाया गया। 

समाज का ट्रेलर.. आने वाले समय में सरकार की फिल्म बना देंगे 
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पूरे मामले में एसडीएम पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हमारी मांग है कि एसडीएम को बर्खास्त किया जाए। वहीं घटना होने के बावजूद भी टोंक जिला कलेक्टर और एसपी मौके पर नहीं पहुंचे कानून व्यवस्था खराब हुई उन अधिकारों पर भी कार्रवाई हो। वहीं समाज के नेता जोधराज मीणा ने कहा कि नरेश मीणा 36 कौम के नेता हैं, उसे जबरन फंसाया जा रहा है उसकी रिहाई करने की हमारी मांगें हमारी मांगों पर सरकार ने विचार नहीं किया तो यह पूरे राजस्थान भर में समाज का ट्रेलर है आने वाले समय में हम भजनलाल सरकार केंद्र सरकार की फिल्म बना देंगे।

अब जाट समाज ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम, मीणा पर आजीवन प्रतिबंध की मांग
नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना ने राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। इस घटना के बाद से राज्यभर में विवाद बढ़ गया है और विभिन्न समुदायों ने नरेश मीणा के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जाट समाज, जो इस मामले में प्रमुख विरोधी के रूप में उभरा है, ने न केवल नरेश मीणा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बल्कि यह भी कहा है कि मीणा को आजीवन चुनाव लडऩे से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। जाट समाज के नेताओं का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों को लोकतांत्रिक संस्थाओं का हिस्सा बनने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए, जो सार्वजनिक रूप से अधिकारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करें। जाट समाज ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इस मामले में जल्द और कठोर कार्रवाई नहीं करती है, तो वे सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 
 

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