पत्नी के गहने गिरवी रख बनाया ‘आरएएस का घर’..पमेंट नहीं मिला; 14वीं मंजिल से कूदकर दे दी जान!

एक पल में उजड़ गया हंसता-खेलता परिवार..
 

ने पेमेंट के लिए मना करने के बाद उठाया बड़ा कदम, प्रशासनिक अधिकारी मुक्ता राव पर लगाया अपनी मौत का आरोप, बिंदायका थाना इलाके का मामला

सुसाइड नोट में इंजीनियर भारत कुमार सैनी ने बयां की पूरी आपबीती, करीब 18 लाख का भुगतान रोकने का ओराप, आरएएस मुक्ता राव पर प्रताडि़त करने की लिखी बात

जयपुर। एक इंजीनियर जिसने अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखकर आरएएस मुक्ता राव का घर बनाया लेकिन उसे उसका भुगतान नहीं मिला। परेशान इंजीनियर रोज चक्कर काटता रहा लेकिन उसके हाथ रोज निराशा ही लगती। आखिरकार आरएएस द्वारा पेमेंट देने से मना करने पर इंजीनियर ने ऐसा कदम उठा लिया कि पूरा परिवार तबाह हो गया। जानकारी के अनुसार बिंदायका थानान्तर्गत रॉयल ग्रीन अपार्टमेंट से शुक्रवार को इस आर्किटेक्ट इंजीनियर भारत कुमार सैनी ने 13वीं मंजिल से कूद कर जान दे दी। जान देने से पूर्व लिखे सूसाइड नोट में भारत कुमार सैनी ने प्रशासनिक अधिकारी मुक्ताराव पर आरोप लगाया कि उसने मुक्ता राव के घर पर 39 लाख 60 हजार रुपए का काम किया जिसमें से मुक्ताराव ने 21 लाख रुपये का ही भुगतान किया और बाकी 18 लाख रुपये देने में लंबे समय से टाल मटोल कर रही थीं। नोट में भारत कुमार सैनी ने लिखा कि बकाया रकम के लिए कई बार मुक्ताराव से तकाजा किया लेकिन भुगतान नहीं किया जिससे वो आर्थिक तंगी में आ गया। कर्जदार उसके घर परेशान करने लगे। सैनी के पत्र के अनुसार मुक्ताराव पर विश्वास करके उसने काम पूरा करने के लिए मार्किट से ब्याज सहित कर्जा लिया, पत्नि के जेवर गिरवी रख दिए। भुगतान नहीं मिलने से परेशान होकर सैनी से शुक्रवार की सुबह मुक्ताराव के अपार्टमेंट गया और 14वीं मंजिल से छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद लोगों ने भारत कुमार सैनी को तुरंत एसएमएस अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक उसके प्राण पखेरु उड़ चुके थे। बताया जाता है कि एक घंट बाद बिंदायका थानाधिकारी विनोद मय जाप्ते के घटनास्थल पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उस समय मुक्ताराव अपने फ्लैट पर मौजूद थीं। भारत कुमार सैनी के भाई अमित कुमार सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि भाई ने प्रशासनिक अधिकारी मुक्ताराव के घर इंटीरीयर का काम किया था जिसके पैेसे बाकी चल रहे थे। मृतक के दो बच्चे और पत्त्नी हैं। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारी मुक्ताराव और उनके पति विजय ढाका के मोबाईल नंबरों पर कई कार कॉल किया लेकिन दोनों ने कॉल रिसीव नहीं किया। खबर लिखे जाने तक मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। बिंदायका थाना अधिकारी ने भारत कुमार सैनी के आत्महत्या किए जाने की पुष्टि की है। पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरु कर दी है।


17 अप्रैल को लिखा सुसाइड नोट, कर्ज के भार से था परेशान भारत
मृतक के पास एक सुसाइड नोट मिला है। इस पर 17 अप्रैल की तारीख लिखी है। इसमें लिखा- मैं भारत कुमार सैनी। आज आरएस मुक्ताराव के घर गया था। सामने लगे कैमरे में पूरी रिकॉर्डिंग आई होगी। 14 अप्रैल को घर (आरएएस का घर) का मुहूर्त हो गया था। मैंने ठीक 3 दिन बाद अपने हिसाब और एक्स्ट्रा काम को लेकर बात छेड़ी। मेरे से वेंडर लोग पैसे मांग रहे हैं। आपका काम भी हो गया है। मुहूर्त भी हो गया है। कुछ काम बचा हो तो मैं कर दूंगा। मैं अपने वेंडरों दुकानदार को रोज यह कह कर टाल रहा हूं कि मेरा हिसाब नहीं हुआ है। रोज जिल्लत भरे दिन निकाल रहा हूं। फिर मैंने निवेदन भी किया कि मेरा हिसाब कर दो। मेरे पास जहर खाने को भी पैसे नहीं है। पूरी रॉयल ग्रीन सोसाइटी में मेरी बेइज्जती करने के लिए वेंडर दुकानदार तैयार खड़े हैं।

पत्नी के गहने गिरवी रख काम किया, रुपए मिलने की टूटी उम्मीद
भारत के सुसाइड नोट के अनुसार ‘मैंने मुक्ताराव की आवाज और विश्वास पर 1200 रुपए स्क्वायर फीट वाला जो काम तय हुआ था, उस काम को 2000-2200 वाला काम करके दिया। सिर्फ मैडम की जुबान पर कि आप काम करो। इसका पैसा में दूंगी। बस इसी बात पर भरोसा कर मार्केट से पैसा लिया। पत्नी के गहने भी मुत्थुट में गिरवी रखे। अच्छे दिल से काम को पूरा किया। यही उम्मीद से कि मुझे अपना पैसा मिल जाएगा। पर आज मेरी सारी उम्मीद टूट गई है। अब मुझे मजबूर होकर ये गलत कदम उठाना पड़ रहा है। मुझे ये भी पता है कि मेरे मरने के बाद भी मुझे पैसा नहीं मिलेगा और न कोई हर्जाना।’

एक दिन पहले ही सुसाइड करना चाहता था, परिवार को देखने घर आया
‘सुसुनाड नोट में भारत ने लिखा ‘मैंने अपना घर बर्बाद करके इनका तो घर बना दिया। 39 लाख 60 हजार का काम करके दिया। इसमें से मुझे 21 लाख मिले। बाकी का मुझे कोई पैसा नहीं दिया। आरएएस मुक्ताराव जी और उनके हसबैंड ढाका जी ने बस इतना कहकर मुझे रवाना कर दिया कि 50 हजार या 1 लाख ज्यादा से ज्यादा निकलेगा आपका। ये सुनते ही मैं वहां से चला आया और अब मेरे पास सुसाइड के अलावा कोई रास्ता नहीं है। मैं अभी ही छत से कूदना चाहता था, लेकिन सुबह से पत्नी-बच्चों को नहीं देखा था। बूढ़े मां-बाप से मिला नहीं, इसलिए घर आया हूं और जी भर के आखिरी बार मिल लूं। इनको तो यह भी नहीं पता कि सुबह में नहीं रहूंगा।’

 

इस प्रकरण में आरएएस मुक्ता राव ने अपने हस्तलिखित बयान जारी कर सफाई पेश की है। मुक्ता राव ने अपने बयान में लिखा है कि हमारे मकान के सुधार के लिए 3 ऑक्टूबर 24 को इकरारनामा लिखा गया जिसमें 21ण्80 लाख रुपये का कुल कार्य करना तय हुआ। द्वितिय पक्ष्कार अर्थात हमने इकरार नामें में जो पार्ट परफोरमेंस व शर्ते तय हुई थीं इन शर्तो के अनुसार समय समय पर भुगतान कर दिया। जिसकी स्वीकृति प्रथम पक्ष्कार यानि भारत कुमार सैनी ने साईन एवं स्वयं की हस्तलिपी में दी है। इसके अतिरिक्त भी करीब चार लाख रुपय हमसे उधार लिये है जिसकी लिखावट हमारे पास है। प्रथम पक्षकार का कोई भुगतान बकाया नहीं है। हमको बदनाम करके ब्लैकमेल करने के लिए पूर्व सुनियोजित आपराधिक षडयंत्र रचाकर उक्त कृत्य किया गया है।------------आरएएस मुक्ता राव