बदहाल सडक़ों के लिए ‘सबसे महंगा टोल’..रेनवाल मांजी ‘टोल प्लाजा पर हो रहा झोल’!

जयपुर भीलवाड़ा मेगा हाईवे-12 पर प्रदेश के सबसे महंगे टोल की वसूली का खेल, फिर भी वाहन चालकों की गाडिय़ां खा रही हैं हिचकोले, बेहाली कर रही हैरान

मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ 4 विधायकों का विधानसभा क्षेत्र लगा हुआ है स्टेट हाईवे रोड से, फिर भी आमजन की कोई सुनवाई नहीं, रोज का लाखों का कलेक्शन लेकिन सुविधाएं शून्य


रेनवाल मांजी। जयपुर-भीलवाड़ा मेगा हाईवे-12 पर रेनवाल मांजी टोल प्लाजा पर राजस्थान का सबसे महंगा टोल चुकाने के बाद भी वाहन चालकों की गाडिय़ां हिचकोले खा रही है। स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, व मंत्रियों के साथ 4 विधायकों के विधानसभा क्षेत्र से सटे होने के बावजूद यहां के हाल बेहाल है। इस टोल प्लाजा का एक दिन का कलेक्शन लाखों रुपयों का है लेकिन स्टेट हाईवे पर गढ्ढों को भरने के लिए ना तो टोल कलेक्शन कंपनी और ना ही आरएसआरडीसी के अधिकारी ध्यान दे रहे है। ऐसे में राजस्थान का सबसे महंगा टोल चुकाने के बावजूद यहां वाहन चालक ठगा सा महसूस करते है। टोल कटवाने के बाद जैसे-जैसे वाहन चालक आगे बढ़ता है तो उसे मिलती है सिर्फ टूटी सडक़ें और गड्ढे। हालात यह है कि मिनटों का सफर यहां घंटों में तय हो रहा है। खस्ताहाल रोड के साथ ही कस्बों में बनी नलियों के टूटे फेरों कवर और  टोल की टूटी सडक़ें लापरवाही का आलम बता रही हैं। यहां तक कि टोल पर लगी स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है और वाहन चालकों और टोल कार्मिकों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। 
जानकारी के मुताबिक यह रोड मुख्यमंत्री के विधानसभा से लेकर, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के साथ बगरू विधायक कैलाश वर्मा, चाकसू विधायक रामवतार बैरवा, केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम, शाहपुरा भीलवाड़ा विधायक का मुख्य रूट होने के बाद भी प्रशासन और टोल कंपनी के अधिकारी इस बदहाली की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। ऐसे में आमजन की शिकायतों की परवाह करना तो दूर की कौड़ी साबित हो रही है। 

टोल कंपनी की दो टूक-हमारा काम सिर्फ टोल वसूलने का, मेंटेनेंस आरएसआरडीसी के जिम्मे

टोल मैनेजर राम चौधरी से बात करने पर उन्होंने बताया कि मेंटिनेंस का काम आरएसआरडीसी का है। टोल कंपनी का काम केवल टोल कलेक्शन का है। हालांकि जबसे यहां नई टोल कंपनी आई है तब से ही टोल के नजदीकी गांव वालों से भी जबरन टोल वसूली का काम किया जा रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार टोल प्लाजा पर धरना-प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन अभी तक हालात जस के तस बने हुए हैं। इस मेगा हाईवे पर 4 टोल प्लाजा है, जिनका रोज का कलेक्शन करीब 15 लाख रुपये है। लेकिन, सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है।

इनका कहना है

टूटी नालियों के फेरों कवर और इनकी सफाई के लिए आरएसआरडीसी के अधिकारियों को एवं टोल प्लाजा के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
संजय बुनकर, सरपंच, रेनवाल मांजी


टूटी सडक़ों की कई बार शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। 
दयाल सैनी, सरपंच, हरसुलिया