पचकोडिया के डॉ. एमएल जाट बने आईसीएआर के महानिदेशक

छोटे से गांव से इंटरनेशनल लेवल तक पहुंचे डॉ. जाट, अब देश की सर्वोच्च संस्था का डीजी बनना प्रदेश का गौरव, इनकी नियुक्ति से कृषि क्षेत्र को मिलेगी नई दिशा


पचकोडिया। पचकोडिया निवासी को वैज्ञानिक डॉ. एमएल जाट को भारत सरकार ने देश की सबसे बड़ी कृषि अनुसंधान संस्था भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) का नया महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) का सचिव नियुक्त किया है। राजधानी एजुकेशनल ग्रुप पचकोडिया के डायरेक्टर व नेशनल मोटिवेटर डॉ. रमेश यादव ने बताया कि यह नियुक्ति कैबिनेट की नियुक्ति समिति की स्वीकृति के बाद की गई है। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह नियुक्ति डॉ. जाट के कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी और वह 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक इस पद पर बने रहेंगे।
डॉ. एमएल जाट वर्तमान में अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (इक्रीसेट), हैदराबाद में ग्लोबल रिसर्च प्रोग्राम ऑन रेजिलिएंट फार्म एंड फूड सिस्टम्स के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वे एक प्रसिद्ध सिस्टम एग्रोनॉमिस्ट हैं और उन्हें कृषि प्रणाली विज्ञान में विकासशील देशों के साथ काम करने का 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है।

पचकोडिया गांव से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की पहचान कायम
डॉ. जाट का जन्म 4 मई 1971 को पचकोडिया (राजस्थान) में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा एसकेएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जोबनेर से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने एसकेएन कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, जोबनेर से बी.एससी. (कृषि) ऑनर्स (1993) और एम.एससी. (एग्रोनॉमी) (1996) की। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली से वर्षा आधारित बाजरा पर मृदा नमी संरक्षण विषय में पीएच.डी. (1999) की। डॉ. जाट ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1998 में प्रोजेक्ट डाइरेक्टरेट फॉर फार्मिंग सिस्टम्स रिसर्च, मोदिपुरम में वैज्ञानिक के रूप में की। इसके बाद वे मक्का अनुसंधान निदेशालय, नई दिल्ली, एफएओ मिशन (भूटान), आईआरआरआई, और सिमिट जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे। उन्होंने भारत व पाकिस्तान में सस्टेनेबल इंटेंसिफिकेशन, प्रिसिजन एग्रीकल्चर, और क्लाइमेट स्मार्ट फार्मिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।