दूदू में ‘राइजिंग राजस्थान पर ब्रेक’..नाकारा हाथों में उद्योगों की कमान!
जिले के एकमात्र रजिस्टर्ड रीको एरिया में मूल सुविधाओं की कमी के चलते बंद पड़ी कई फैक्ट्रियां; सुध लेने वाला कोई नहीं, स्थानीय उद्योगों की हो रही हत्या
जिला मुख्यालय के मुख्य औद्योगिक क्षेत्र का जिन्होंने बिगाड़ा स्वरूप उन्हीं लापरवाह अधिकारियों के हाथों सौंपी राइजिंग राजस्थान के तहत बनने वाले बीचून औद्योगिक क्षेत्र की कमान
दूदू। एक ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा देश-विदेश में घूमकर ‘राईजिंग राजस्थान’ के लिए औद्योगिक निवेश को आमंत्रित कर रहे है वहीं दूसरी ओर स्थानीय उद्योगों को बेपरवाही के चलते पलीता लगाया जा रहा है। दरअसल, कुछ नाकारा अफसरों के कारण ना सिर्फ पूरे प्रदेश का नाम खराब हो रहा है बल्कि बकायदा उद्योगों की हत्या की जा रही है। ताजा मामला है दूदू जिले का जहां मुख्य नरेना रोड स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में अव्यवस्थाओं का हाल ऐसा है कि कई व्यवसायी अपने काम बंद कर चुके है। हैरानी की बात है कि जिला दूदू का मुख्य औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद यहां प्रमुख अधिकारी नहीं बैठते और शायद इसी कारण यहां के उद्योग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यहां रोड लाइट, ड्रेनेज सिस्टम और सुरक्षा का नामो-निशान तक नहीं है। यहां पर वर्तमान में कार्य करने वाले कई व्यवसायिक लोगों से बात करने पर पता चला कि दूदू में औद्योगिक क्षेत्र बस नाम मात्र का है क्योंकि अन्य जिलों में जैसे रीको औद्योगिक क्षेत्र में सुविधाएं है, वैसे यहां सुनने को भी नही मिलती। रीको औद्योगिक क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों के हालात ऐसे है कि रीको की जमीन पर ही कई लोगों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण तक कर लिया है और शराब की दुकानें भी संचालित हो रही है। हालांकि इन्हें अवैध करार देते हुए दूदू पुलिस के कई बड़े अधिकारियों द्वारा कार्यवाही करते हुए शराब तो जब्त की गई पर इस अतिक्रमण को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई। वहीं जब पास में रहने वाले ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दूदू के औद्योगिक क्षेत्र में किसी प्रकार के कोई अधिकारी नहीं बैठते है जिसके चलते यहां पर कई प्रकार की गलत गतिविधियां संचालित होती है। कई प्रकार के नशेड़ी यहां पर कार्य करने वाले लोगो के साथ आए दिन मारपीट और कई घटनाएं करते है। हालांकि पिछले 2 सालो से कई टेंडर होने से रीको औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद व्यापारियों को व्यवस्थाएं सुधरने का आश्वासन मिला पर कई टेंडर होने के बाद भी अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत के चलते कार्य नहीं किए जाते है।
परेशान उद्यमियों ने लगाई गुहार, लेकिन फिलहाल व्यस्त है पूरी सरकार
जब सभी समस्यायों को लेकर संबंधित फैक्ट्री मालिकों द्वारा ‘हमारा समाचार’ के दूदू स्थित ब्यूरो कार्यालय में संपर्क किया गया तो ब्यूरो कार्यालय द्वारा रीको के रीजनल इंचार्ज राकेश शर्मा से बात की गई। लेकिन, उन्होंने दूदू के औद्योगिक क्षेत्र की समस्यायों को सुनकर कार्यवाही की बात की और राकेश शर्मा द्वारा मुख्य अधिकारियों की दूदू जिला मुख्यालय के बिचुन में राइजिंग राजस्थान के तहत बनने जा रहे नए औद्योगिक क्षेत्र में व्यस्त होने की बात कही। ऐसे में सवाल उठता है कि जहां दूदू जिला मुख्यालय पर ही स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र सुरक्षित और विकसित नहीं है तो क्या यह अधिकारी बिचुन में नए विकसित होने जा रहे रीको औद्योगिक क्षेत्र को विकसित कर राइजिंग राजस्थान की थीम को सफल कर पाएंगे?
यहां उद्यमियों की सुनवाई ही नहीं होती, कैसे होगी क्षेत्र की प्रगति?
यहां स्थानीय उद्यमियों ने बताया कि क्षेत्र की समस्याओं के बारे में कई-कई बार अवगत करवाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती है। यहां मूलभूत सुविधाओं की आशा करना तो दूर बल्कि छिटपुट समस्याएं भी अब विकराल रूप लेने लगी है। रीको औद्योगिक क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों के हालात ऐसे है कि रीको की जमीन पर ही कई लोगों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण तक कर लिया है और शराब की दुकानें भी संचालित हो रही है।
इनका कहना है
दूदू जिला मुख्यालय स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में दुकान खरीदने के बाद भी ट्रांसफर करवाने के लिए दूदू से जयपुर कई बार चक्कर लगाने पड़ते है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते आमजन और व्यापारियों का रीको औद्योगिक क्षेत्र में कार्य नहीं होता है।
रामकुमार यादव, दुकान मालिक, रीको औद्योगिक क्षेत्र, दूदू
दूदू में संचालित रीको औद्योगिक क्षेत्र में कई फैक्ट्रियां ऐसी है जिनके द्वारा बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाया जाता है। शिकायत करने के बाद भी रीको के अधिकारी एक्शन नहीं लेते हैं। इस पर आमजन द्वारा फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन कर एसडीएम और एडीएम को कई बार ज्ञापन दिया गया, तब जाकर उस फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई होती है। अगर रीको के उच्च जिला स्तरीय अधिकारी दूदू में बैठेंगे तो इस तरीके की समस्याओं का निदान तुरंत होगा।
लालाराम भड़ाना, सरपंच प्रतिनिधि