भांकरोटा जमीनी विवाद में बड़ा खुलासा..

अपने हिस्से की जमीन पहले ही बेच दी..फिर जबरन कब्जा करने की रची साजिश!

भांकरोटा स्थित लीलों की ढाणी में जमीन विवाद में हुआ बड़ा खुलासा, अपने आप को पीडि़त बता रहा परिवार खुद ही जमीनों पर अवैध कब्जे के षडयंत्र में पाया गया लिप्त

खातेदार परिवार का कारनामा, जेडीए से अनुमोदित जमीन को हड़पने के लिए रची गई थी साजिश, बेची गई भमि को फिर से कब्जाने की कोशिश

जयपुर। भांकरोटा स्थित लीलों की ढाणी में जमीन विवाद में दो पक्षों में मारपीट के मामले में एक अहम खुलासा हुआ है। पता चला है कि बुधवार को जिस काश्तकार परिवार के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी, वो परिवार खुद ही जमीनों पर अवैध कब्जे के षडयंत्र में लिप्त था। जिस जमीन पर कब्जे को लेकर पूरा विवाद हुआ, काश्तकार परिवार अपनी खातेदारी की उस जमीन को 5 साल पहले ही बेच चुका था और अब फिर से कब्जाने की कोशिश कर रहा था। इसे लेकर जमीन मालिक की तरफ से पूर्व में भांकरोटा पुलिस को सूचना भी दी गई थी। मामले की जांच आगे बढ़ती इससे पहले ही बुधवार को फिर पूर्व काश्तकार ने जमीन पर कब्जे की कोशिश की और उसे रोकने पर विवाद बढ़ गया। 
दरअसल, महापुरा निवासी राजेश चौधरी के परिवार ने जयसिंहपुरा निवासी हनुमान लील पुत्र हरबख्श से करीब साढ़े चार बीघा जमीन 2019 में खरीदी थी। जमीन की रजिस्ट्री राजेश चौधरी के भाई राकेश चौधरी के नाम करवाई गई। पूर्ण भुगतान के बाद जमीन का नामांतरण राकेश चौधरी के नाम खुल गया। इसके बाद मौके पर जेडीए से अनुमोदन करवाकर आवासीय योजना गंगा एनक्लेव 8 विकसित की गई। जेडीए से अनुमोदन के बाद मौके पर जमीन के भावों में खासी तेजी आ गई और इसी के बाद 2019 में ही जमीन बेच चुके काश्तकार ने इसी जमीन के एक हिस्से पर कब्जे का षडयंत्र रचना शुरू कर दिया। 

भांकरोटा थाने में पूर्व में ही दर्ज करवाई एफआईआर
इस मामले में जमीन मालिक राजेश चौधरी का कहना है कि जमीन हमने खरीदी। जेडीए से बकायदा पट्टे भी जारी हो गए। इसके बाद पड़ोसी हनुमान सहाय, श्योजीराम चौधरी पुत्रान हरबख्श, सुरेश चौधरी पुत्र हनुमान सहाय एवं पुत्रवधू सरोज चौधरी बार-बार हमारी जमीन पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। इसे लेकर 19 अक्टूबर 2024 को भांकरोटा थाने में शिकायत भी की थी। 

हनुमान सहाय ने इस जमीन का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया दुबारा बेचान
इस पूरे प्रकरण में रविवार को भांकरोटा थाना पुलिस ने मौके पर हनुमान सहाय और अन्य लोगों द्वारा डाली गई सामग्री को जब्त भी किया था। ये तमाम घटनाक्रम पुलिस ने रिकॉर्ड पर भी लिया। इसके बाद बुधवार को फिर हनुमान, श्योजीराम और सुरेश ने मेरी पट्टेशुदा जमीन पर बुवाई शुरू कर दी। राजेश चौधरी का आरोप है कि उन्हें बेचने के बाद हनुमान सहाय ने इस जमीन का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दुबारा बेचान कर दिया। जिसके संबंध में मालपुरा गेट थाने में उनके द्वारा एफआईआर करवाई गई है।