बारिश और ओलों की बेरहमी..महीनों की ‘मेहनत पानी-पानी’!

तबाह हुई फसलें और फूट-फूट कर रोया ‘अन्नदाता’..

प्रदेश के कई जिलों में रबी की फसलों को भारी नुकसान, सरसों, गेहूं और चने की फसल बर्बाद, सरकार भी हुई तुरंत एक्टिव; खुद सीएम ने संभाला मोर्चा


सरकार ने दिए 5 तारीख तक सर्वे के बाद रिपोर्ट पेश करने के निर्देश, किसानों के मुआवजे की मांग पर रिपोर्ट के बाद होगा फैसला, आने वाले दिनों में भी बरसेगा कहर


भरतपुर/धौलपुर/झुंझुनूं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि और बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। करीब 15 मिनट तक चली ओलावृष्टि से सरसों, गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। तेज हवाओं और बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसलें बिछ गई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं, कई हिस्सों में भी हल्की बूंदा बांदी हुई, अभी भी बादल छाए हुए हैं। कई जिलों में शनिवार शाम अचानक मौसम ने करवट ली और भरतपुर के बयाना के बीरमपुरा, फरसो, सालाबाद सहित कई गांवों में तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया। किसानों के अनुसार, सरसों की फसल पककर तैयार थी, जिसे ओलों ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, गेहूं की फसल भी तेज हवाओं और ओलावृष्टि से प्रभावित हुई है। इस प्राकृतिक आपदा से किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। ओलावृष्टि और तेज हवाओं से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग की ओर से सर्वेक्षण किया जाएगा। कृषि विभाग के उपनिदेशक सुरेश गुप्ता ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जाएगा, ताकि नुकसान का सही आकलन किया जा सके और सरकार को रिपोर्ट भेजी जा सके।
इधर, झुंझुनू में पिलानी क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में हुई भारी ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ओलावृष्टि के कारण सबसे अधिक नुकसान सरसों व गेहूं की फसलों को हुआ है। किसानों ने बताया कि इस बार खेतों में अच्छी फसल लगी हुई थी। सरसों की फसल तो शानदार लहरा रही थी, लेकिन कुदरत ने ऐसा किया कि हमें कर्ज में ला दिया। लाखों रुपयों की फसल कुछ ही समय में खराब हो गई। इसकी सूचना प्रशासन को दी गई है। प्रशासन की टीम ने खेतों का मौका मुआयना भी किया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से खराब हुई फसलों को लेकर उचित मुआवजा देने की मांग की है। राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को राहत देने का भरोसा दिलाया है। सर्वे के आधार पर मुआवजे की घोषणा जल्द की जाएगी, लेकिन किसानों की चिंता कम नहीं हो रही है। ओलावृष्टि से रबी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे अन्नदाता की मेहनत पर पानी फिर गया है।

मुख्यमंत्री खुद हुए एक्टिव, जिला कलेक्टरों की बैठक में मांगी रिपोर्ट
हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जिला कलेक्टरों के साथ बैठक की और फसलों को हुए नुकसान का विस्तृत ब्योरा मांगा। मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावित जिलों में तत्काल सर्वे कराकर फसल नुकसान का आंकलन किया जाए। उन्होंने सीकर, चूरू, बीकानेर, झुंझुनू और खैरथल-तिजारा के कलेक्टरों को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार (1 मार्च) शाम को भरतपुर और धौलपुर में भारी ओलावृष्टि हुई, जिससे कई इलाकों में जलभराव हो गया। अलवर में तेज़ हवाओं के साथ हुई बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हुआ। झुंझुनू और तिजारा में शनिवार सुबह ओलावृष्टि देखी गई, जिससे खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं।  

प्रदेश में बारिश, आंधी-तूफान के साथ जोरदार ओले गिरने का अलर्ट
प्रदेश के मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। बीते कुछ दिनों से पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव से प्रदेश के कुछ इलाकों में मौसम ने करवट बदल ली। ऐसे में झुंझुनूं के खेतड़ी-सिंचाना और अलवर जिले के तिजारा, भरतपुर और धौलपुर में शनिवार को बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, जिससे खेतों में सफेद चादर बिछ गई। मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही, कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की भी आशंका है। दूसरी ओर परेशान किसानों को देखकर मजदूरों ने भी अपनी रेट बढ़ा दी है। इस क्षेत्र में मुख्य रूप से गेहूं, सरसों और जौ की फसल होती है। हालत यह है कि सरसों की पकी फलियां से ओलावृष्टि और बारिश से फलियां से दाने निकलने लग गए। 

मौसम विभाग ने किया अलर्ट जारी, 5 मार्च बाद पलटेगा मौसम
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले दो दिन मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। 5 मार्च से उत्तरी हवाएं चलने की संभावना है। जिससे रात के तापमान में थोड़ी गिरावट होगी और सुबह-शाम की ठंडक बढ़ सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर ने अगले 24 घंटे में तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना से इनकार किया है। 4-5 मार्च से उत्तरी हवाओं के प्रभाव से तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। इधर, खेतों में लहलहाती फसलें देखते ही देखते सफेद चादर में तब्दील हो गईं, जिससे किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया। ओलावृष्टि से भारी नुकसान की खबरें सामने आते ही राज्य सरकार हरकत में आ गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत सभी जिला कलेक्टर्स को हालात की समीक्षा कर प्रभावितों को राहत देने के निर्देश दिए।