केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश कर दिया. राज्यसभा में यह गुरुवार को पेश किया जाएगा. इस विधेयक को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तनाव बढ़ गया है. सरकार इसे पारित कराने के लिए तैयार है, वहीं विपक्ष इसे असंवैधानिक बता रहा है. दोनों सदनों में इस पर 8-8 घंटे की चर्चा होगी.एनडीए ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर विधेयक के समर्थन में वोट देने को कहा है. एनडीए के बड़े सहयोगी दलों- टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना और लोजपा (रामविलास) ने भी अपने सांसदों को सरकार के साथ रहने का निर्देश दिया है. सबकी नजर जेडीयू, टीडीपी और इंडिया गठबंधन में शामिल शिवसेना उद्धव गुट पर टिकी है.
इसी बीच डीएमके सांसद ए राजा ने सरकार से पूछा कि आपको मुस्लिमों से जुड़ा इतना महत्वपूर्ण बिल पेश करना था, लेकिन एक भी मुस्लिम सांसद नहीं मिला जो इस बिल को पेश कर सके. उन्होंने कहा, रिजिजू इतनी बेतुकी कहानी कहने की हिम्मत कहां से मिली? अगर उन्होंने जो कुछ कहा वह जेपीसी रिपोर्ट से मेल खाता है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. जेपीसी ने तमिलनाडु का दौरा किया और वक्फ संपत्तियों पर आपकी कहानी को ध्वस्त कर दिया. उन्हें इस बिल को पेश करने के लिए एक भी मुस्लिम सांसद नहीं मिला. आज यह तय होगा कि देश इस देश के धर्मनिरपेक्ष मूल सिद्धांतों पर चलेगा या सांप्रदायिक ताकतों पर.
बहस के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा चाहती है कि लोग भड़कें. वह ध्रुवीकरण का मौका तलाश रही है. समाज को बांटने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए इसे लाया जा रहा है. यह देश के करोड़ों लोगों से घर और दुकान छीनने की साजिश है. जब देश की ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां इसके पक्ष में नहीं हैं तो इसे लाने की कोई जरूरत नहीं है. वक्फ बिल भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति का नया रूप है. उन्होंने कहा कि वे मुसलमानों में भी विभाजन पैदा करना चाहते हैं. उनकी कोशिश इस बिल के जरिए मुस्लिम समुदाय में विभाजन पैदा करने की है.
अखिलेश यादव ने कहा कि बड़ी आबादी के लिए एक और बिल आया है. जो बिल पेश हुआ है, उसको जितना समझ पा रहा हूं, मंत्री जी ने कहा कि उम्मीद है ये. हिंदी या अंग्रेजी में भी नहीं समझ पा रहा हूं. जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अभी तक. बीजेपी क्या है. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अखिलेश जी ने हंसते-हंसते कहा है, हंसते-हंसते ही जवाब दे रहा हूं. आपको पांच लोगों में ही अध्यक्ष चुनना है, परिवार से. हमें करोड़ों लोगों में से चुनना है तो समय लगता है. मैं कहता हूं आप अभी 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ. इस पर अखिलेश ने कहा कि नाकामी का ये पर्दा है वक्फ बिल. एक ये बहुत तैयारी के साथ फैसला लेकर आए थे कि आधी रात के बाद नोट नहीं चलेंगे. उस नोटबंदी नाकामी के बारे में भी तो चर्चा हो जाए कि अभी भी जाने कितना रुपया निकल के आ रहे हैं. नाकामी बेरोजगारी, महंगाई, किसान की आय दोगुनी नहीं कर पाए.