राजधानी की शान नेशनल एथलीट गजेंद्र सिंह..अभावों से गुजरे लेकिन हिम्मत रखी बरकरार!
राजधानियन गजेंद्र सिंह ने नेशनल लेवल पर एथलेटिक्स में जीता 1 स्वर्ण और दो सिल्वर पदक, कहा-महंगे साजो-सामान के अभाव में दौड़ को चुना, अब रच दिया कीर्तिमान
पचकोडिया। राजधानी एजुकेशनल ग्रुप द्वारा संचालित राजधानी साइंस धारा, राजधानी फाउण्डा व राजधानी पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल, पचकोडिया के विद्यार्थी गजेंद्र सिंह ने भारतीय एथलेटिक संघ, नई दिल्ली एवं ओडिशा एथलेटिक्स संघ के संयुक्त तत्वावधान में उड़ीसा के भुवनेश्वर शहर के कलिंगा स्टेडियम में 7 से 11 दिसम्बर तक आयोजित 39वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल, 200 मीटर रेस में सिल्वर मेडल व 1000 मीटर मेडले रिले रेस में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाकर पूरे देश में राजधानी एजुकेशनल गु्रप व राजस्थान के नाम का डंका बजाया। राजधानी एजुकेशनल ग्रुप के डायरेक्टर व नेशनल मोटिवेटर डॉ. रमेश यादव, शारीरिक शिक्षक बद्री यादव, तेजा का बास व कोच राजेंद्र सिंह राठौड़, देवगांव ने बताया कि गजेंद्र ने 400 मीटर की रेस 48 सेकेंड 111 मिलीसेकेंड में पूरी कर गोल्ड मेडल व 400 मीटर रेस 21 सेकेंड 78 मिलीसेकेंड में पूरी कर सिल्वर मेडल व मेडले रिले रेस में भी सिल्वर मेडल जीता। अब तक गजेंद्र 2 बार इन्टरनेशनल लेवल पर जिसमें जनवरी 2024 में साउथ अफ्रीका लीग-पेक्टोरिया व सितम्बर 2024 में साउथ एशियन गेम्स कोयम्बटूर, तमिलनाडु, 5 बार नेशनल लेवल पर व 11 बार स्टेट लेवल पर खेलकर 11 गोल्ड मेडल, 2 सिल्वर मेडल जीत चुका है। हाल ही में चूरू के सादुलपुर (राजगढ़) के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की मेजबानी में सम्पन्न हुई 68वीं स्टेट लेवल एथलेटिक्स टूर्नामेंट में भी सर्वाधिक तीन गोल्ड व दो सिल्वर जीत कर राजधानियन गजेन्द्र सिंह ने बेस्ट एथलीट ऑफ राजस्थान की ट्रॉफी जीती थी। गजेंद्र ने सफलता का श्रेय माता-मुन्नी कंवर, पिता-राजेन्द्र सिंह राठौड़, कोच अनिल भाकर, दीपक कुमार, नेशनल मोटिवेटर व राजधानी एजुकेशनल ग्रुप पचकोडिया के डायरेक्टर डॉ. रमेश यादव व शारीरिक शिक्षक बद्री यादव को दिया। राजधानी एजुकेशनल ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर बलरामसिंह यादव, प्रिंसिपल हेमेन्द्र शर्मा व डिप्टी डायरेक्टर कल्पेश यादव ने कहा कि नेशनल चैंपियन राजधानिन गजेंद्र सिंह का इंस्टिट्यूट में सम्मान समारोह आयोजित कर सम्मान किया जाएगा।
गजेन्द्र सिंह से उनके संघर्ष व उपलब्धियों को लेकर विशेष साक्षात्कार के अंश
प्र. दौडऩे के प्रति आपकी रूचि कैसे जागृत हुई?
उ. बचपन से ही खेलों के प्रति मेरी रूचि थी प्रारम्भ में मेरी रूचि क्रिकेट में थी लेकिन महंगे खेल उपकरण एवं व्यक्तिगत प्रतिभा पर विश्वास माता-पिता से प्रेरणा से एथलेटिक्स में दौडऩा चुना और दौडऩे में आनंद एवं खुशी महसूस करता हूं।
प्र. आपने कब से दौडऩा शुरू किया?
उ. मेरी घर से पास आर्मी कोचिंग कैंप चलता था। उनको देखकर मैंने भी उन्हीं के साथ दौडऩा प्रारम्भ किया व एथलेटिक्स की शुरूआत 1500 मीटर दौड़ से की। आज 200 मीटर व 400 मीटर की दौड़ मेरी फेवरेट है।
प्र. आपने शुरूआत में किन परेशानियों का सामना किया?
उ. मेरे सामने सबसे बड़ी परेशानी आर्थिक अभाव था। खेल किट का न होना, एथलेटिक्स ट्रेक उपलब्ध नहीं होना, दोस्तों से जूते मांगकर मैंने कई राज्यस्तरीय मेडल जीते। मेरे जीते हुए मेडलों के कारण मेरा आत्म विश्वास बढ़ता गया और मेरे परिवार वालों को मेरी मेहनत व खेल के प्रति लगन को देखकर विश्वास हो गया कि मैं देश के लिए कुछ कर सकता हूं।
प्र. राज्यस्तरीय मेडल जीतने के बाद परिजनों का क्या साथ रहा?
उ. मेरे माता-पिता का सदैव भरपूर सहयोग रहा, सीमित आर्थिक संसाधन के बावजूद मेरा हर सपना पूरा करने की कोशिश की गई। इस क्रम में सबसे पहला कदम मेरे पिताजी ने मेरा एडमिशन पर्सनल एनआईएस कोच अनिल भाकर चुरू ने मार्ग प्रशस्त किया। यहां मैंने ट्रेनिंग की उसके पश्चात् मैंने राज्य स्तर पर 11 गोल्ड मेडल, 2 सिल्वर मेडल, 5 बार नेशनल मेडल जीते।
प्र. वर्तमान में आप कहां अध्ययन कर रहे है?
उ. राजधानी पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल पचकोडिया, जोबनेर, जयपुर के हॉस्टल में रहकर अध्ययन जारी है।
प्र. आपके जीवन में प्रेरक व्यक्ति कौन रहे है?
उ. माता-मुन्नी कंवर, पिता-राजेन्द्र सिंह राठौड़, कोच-अनिल भाकर, दीपक कुमार, नेशनल मोटिवेटर व राजधानी एजुकेशनल ग्रुप पचकोडिया के डायरेक्टर डॉ. रमेश यादव, शारीरिक शिक्षक बद्री यादव, तेजा का बास का उपलब्धियों में बहुत बड़ा योगदान रहा।
प्र. दौडऩे के प्रति आप का आइकॉन खिलाड़ी कौन है?
उ. मिल्खा सिंह व उसैन बोल्ट।
प्र. दौडऩे में आपकी महत्वाकांक्षाएं या आपका क्या सपना है?
उ. भारतीय तिरंगे के लिए खेलते हुए ओलंपिक मेडल जितना मेरा सपना है।
प्र. अब तक किस स्तर पर क्या-क्या उपलब्धियां रहीं?
उ. 2 बार इन्टरनेशनल लेवल पर जिसमें जनवरी 2024 में साउथ अफ्रीका लीग-पेक्टोरिया व सितम्बर 2024 में साउथ एशियन गेम्स कोयम्बटूर, तमिलनाडु भाग लिया। 2 बार नेशनल लेवल पर जिसमें स्कूल नेशनल-गुहाटी में िसल्वर मेडल व 3 बार ओपन नेशनल बिलासपुर ब्रांज मेडल जीता।
प्र. आपकी कोई यादगार दौड़?
उ. ओपन नेशनल एथलेटिक्स, राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप बेंगलुरु को मैं कभी नहीं भुला सकता।
प्र. अंत में आप अपने प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
उ. अपने खेल के प्रति ईमानदार रहे, अपने लक्ष्य को सादकर चले व बुरी आदतों से दूर रहें।