पेयजल की बजाय सिंचाई सुविधा शुरू करो : कॉमरेड श्योपत
किसानों का प्रतिनिधि मंडल मुख्य अभियंता से हनुमानगढ़ में मिला किसा
न बोले - बंदी के बाद मिलने वाला पानी पीने लायक नही, खेती के लिए पानी दिया जाए
श्रीगंगानगर / जयपाल जलंधरा । आईजीएनपी में सिंचाई पानी की मांग को लेकर किसानों का प्रतिनिधि मंडल अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले कॉमरेड श्योपत मेघवाल के नेतृत्व में हनुमानगढ़ में मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा से मिला व ज्ञापन सौंपकर नहरबंदी, रेगुलेशन निर्माण व रिलाइनिंग आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा कर किसान हित की मांगों को रखा । मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा ने आश्वस्त किया कि 30 मई रात्रि में आईजीएनपी में पानी आ जायेगा व 28 मई को प्रस्तावित बीबीएमबी की बैठक के बाद आधिकारिक पुष्टि कर दी जाएगी वहीं आईजीएनपी के निर्माण कार्य घोषित बंदी के समापन के साथ ही पूर्ण हो जायेगी महज 12 किमी दूरी का निर्माण शेष रहेगा । कॉमरेड श्योपत मेघवाल ने कहा कि आईजीएनपी में प्रति वर्ष नहर बंदी के बाद पेयजल के नाम पर पानी की बर्बादी की जाती है । नहर बंदी के बाद प्रवाहित पानी में सिवरेज और कैमिकल फैक्ट्रियों के अपशिष्ट पदार्थों की भारी मात्रा होती है ये पानी पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता जबकि सिंचाई पानी के लिए दिया जा सकता है उन्होंने कहा कि सरकार पेयजल आपूर्ति का बहाना लेकर 60 दिन की घोषित बंदी को 75 दिन तक ले जाती है । इससे कई वर्षों से प्रथम चरण में कॉटन की बिजाई प्रभावित हो रही है हमारी मांग है कि पौंड बनने के तुरंत बाद चार में से दो समूह में पानी दिया जाए ताकि कॉटन की बिजाई कर चुके किसानों को राहत मिले । वहीं 15 जून तक कॉटन की बिजाई करने के लिए किसानों को एक - एक बारी मिले । श्योपत मेघवाल ने मांग कि रिलाइनिंग के अंतिम दिनों में सिंचाई विभाग के अधिकारी निर्माण कार्यों की निगरानी करें ताकि ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्यों में किसी तरह की लीपापोती नही की जाए ।
किसान सभा के कॉमरेड शोभा सिंह ढिल्लो ने कहा कि आईजीएनपी के प्रथम चरण में चार में से दो समूह में पानी नही दिया गया तो प्रथम चरण के किसानों का आक्रोश राजस्थान सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला होगा । बीबीएमबी की बैठक में प्रथम चरण के किसानों की भावनाओं के आधार पर फैसला किया जाए । किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष सुनील गोदारा ने कहा कि 60 दिन की बंदी के बाद शेष रही 12 किमी नहर के निर्माण कार्यों को भी शीघ्र पूर्ण कर आगामी वर्षों में 10 मई से सिंचाई सुविधा देने की योजना बनाई जाए ताकि कॉटन बेल्ट से प्रसिद्ध प्रथम चरण को पुनः संजीव किया जा सके । अमरजीत मेहरड़ा ने किसान नेताओं के सुझावों बीबीएमबी की बैठक में रखने की बात कही उन्होंने बताया कि बैठक से पूर्व भी राज्य सरकार के समक्ष किसानों की मांगों पर समाधान का प्रयास करेंगे ताकि आईजीएनपी में अतिशीघ्र रेगुलेशन बनाकर सिंचाई सुविधा दी जा सके । इस दौरान नेता लक्ष्मण सिंह, कॉमरेड रघुवीर वर्मा, सत्यप्रकाश सिहाग, सुनील गोदारा, पंचायत समिति प्रधान प्रतिनिधि गुरमीत कंडयारा, रमेश पूनिया, डायरेक्टर पृथ्वीराज बुडानिया, बलजिंद्र सिंह गिल, मंगल सिंह रंधावा,किसान सभा तहसील अध्यक्ष सुखविंदर सिंह, गुरसेवक ग्रेवाल, शोभासिंह ढिल्लो, तेजा सिंह बराड़, राजू जाट, रविन्द्र तरखान, रघुवीर वर्मा, भेजासिंह, रामस्वरूप खीचड़, दुष्यंत जोशी, कुलदीप पेंटर, मोहनलाल सहारण, बग्गा सिंह, बीरबल गौड, रणवीर गोदारा, सुरेंद्र महिया, अंकुश सोलंकी आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे ।