काेटा की रैंकिंग 22वीं से गिरकर 28वीं पहुंची, स्कूलों की जारी रैंक में प्रथम जयपुर और प्रतापगढ़ सबसे पीछे रहा

कोटा@ राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से गवर्नमेंट स्कूलाें की रैंकिंग में काेटा की स्थिति गंभीर सामने आई है। अक्टूबर में जारी रिपाेर्ट में काेटा की रैंक 22 से गिरकर 28 वें नंबर पर पहुंच गई है। जबकि पिछले समय से काेटा की रैंक में सुधार नहीं हाे पा रहा है। पिछले समय से यहां के गवर्नमेंट स्कूलाें की हर महीने जारी हाेने वाली रैंक में विकट बनी हैं। रैंकिंग मेें गिरावट काे लेकर अधिकारियाें ने स्पष्ट कहा है कि इसका मुख्य कारण काेटा जिले की गवर्नमेंट स्कूलाें में नामांकन में अपेक्षित सुधार नहीं हाेने और बाेर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट के असर से प्रभावित हुई है।अब इसमें सुधार की बात कही हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में पिछले महीने की रैंकिंग काे जयपुर ने प्रथम पायदान में बरकरार रखा हुअा है। वहीं, प्रतापगढ़ सबसे पिछड़ा है। प्रतापगढ़ की रैंकिंग 33वें नंबर पर सबसे लास्ट में हैं। जबकि हाड़ाैती में झालावाड़ की रैंक 6 नंबर पर और बूंदी की 7 और बारां की रैंक 8 वें नंबर पर हैं। विभाग की अाेर से हर महीने यह रैंक शाला दर्पण के उपलब्ध डेटा से जिला एवं ब्लाॅकवार निर्धारित माॅड्यूल के आधार पर जारी हाेती है। स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी मासिक रैंकिंग में प्रदेश के 33 जिलाें में प्रतापगढ़, धाैलपुर अाैर दाैसा काे चेतावनी दी है।

प्राॅपर माॅनिटरिंग नहीं हाेने से गिर रही है कोटा की रैंकिंग

काेटा की प्रदेश में रैंकिंग गिरने के पीछे पड़ताल करने पर यह निष्कर्ष निकल कर आया हैं कि जिले में विभाग की प्राॅपर मॉनिटरिंग नहीं हाे पा रही हैं। जिले में तीन ब्लाॅक में सीबीईओ की पाेस्ट खाली हैं। साथ ही एक अधिकारी के पास दाे-दाे चार्ज हाेने से भी मंथली रैंकिंग में जिले और ब्लाॅक पर ध्यान नहीं दे रहे और माॅनिटरिंग नहीं हाे रही है। साथ ही रैंकिंग में जिम्मेदार की भूमिका निभाने वाले शिक्षक भी पाेर्टल पर रेगुलर डेटा फीड नहीं करने से भी यह स्थिति बनी है। विभागाें में समन्वय की कमी के अलावा रिजल्ट के कारण भी इसमें गिरावट आई है। काेटा की प्रदेश के 33 जिलाें में रैंक 28वें नंबर पहुंचना एक चिंता का कारण और विभाग में चर्चित बना है।