गुरु पूर्णिमा उत्सव की व्यापक तैयारियां ,   3 जुलाई को मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा पर्व

गुरु पूर्णिमा उत्सव की व्यापक तैयारियां

3 जुलाई को मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा पर्व

शिष्य खरीद रहे हैं गुरुओं के लिए उपहार

सनातन संस्कृति से जुड़े पर्वों में जुट रहे हैं लोग 

भारत में गुरु परंपरा का व्यापक सम्मान

गुरु पूर्णिमाभारत में त्योहार और  पर्व  जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा है। यहां के धर्मों में हर महीने कोई बड़ा पर्व आ ही जाता है। इन पर्व और त्योहार को मनाने  के लिए लोग  परिवार के साथ इकट्ठा होते हैं और अपनी  सनातन संस्कृति को महसूस करते हुए इन्हें उत्सव का रूप दे देते हैं। गुरु को नमन करने का दिन भी है।आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। भारत भर में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।   भारतवर्ष में कई विद्वान गुरु हुए हैं, परन्तु  महर्षि वेद व्यास प्रथम विद्वान थे, जिन्होंने सनातन धर्म के चारों वेदों की व्याख्या की थी।.   मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा को आदि गुरु वेद व्यास का जन्म हुआ था. उनके सम्मान में ही आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है इस वर्ष 3 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का  पर्व मनाया जा रहा है। ,
गुरू के बिना एक शिष्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है।   रामायण से  महाभारत तक गुरु का स्थान सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च रहा है। गुरु की महत्ता को देखते हुए ही महान संत कबीरदास जी ने लिखा है- "गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाये, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाये।"  यानि एक गुरू का स्थान भगवान से भी कई गुना ज्यादा बड़ा होता है।    गुरु पूर्णिमा का सभी धर्मो में अलग- अलग महत्व है वही सनातन धर्म के अनुसार - गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।   शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास को तीनों काल का ज्ञाता माना जाता है। महार्षि वेद व्यास के नाम के पीछे भी एक कहानी है। माना जाता है कि महार्षि व्यास ने वेदों को अलग-अलग खण्डों में बांटकर उनका नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद रखा। वेदों का इस प्रकार विभाजन करने के कारण ही वह वेद व्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए। आधुनिक युग में आधुनिक युग में भी गुरु पूर्णिमा का खासा महत्व है इस दिन शिष्य अपने गुरु के दर्शन करते हैं, उन्हें सम्मानित करते हैं और अपनी कामयाबी के लिए गुरुओं से आशीर्वाद लेते हैं । गुरु पूर्णिमा को देखते हुए कई कंपनियां इसका ब्रांडिंग के तौर पर भी प्रचार कर रही है। गुरुजनों को गिफ्ट और उपहार देने का चलन भी बढ़ गया है । हमारा समाचार की ओर से दर्शकों को गुरु पूर्णिमा पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई। जयपुर से हमारा समाचार के लिए प्रियंका चौधरी की रिपोर्ट।