डूंगरपुर नए साल के आगमन में 31 दिसंबर को आर्य म्यूजिकल अकैडमी के द्वारा संगीत संध्या का आयोजन हुआ।

कुशलगढ़  डूंगरपुर नए साल के आगमन में 31 दिसंबर को आर्य म्यूजिकल अकैडमी के द्वारा संगीत संध्या का आयोजन हुआ। ग्रुप के निर्देशक हरीश आर्य ने बताया कि यह कार्यक्रम अलविदा 24 और नव वर्ष 25 के स्वागत के लिए आयोजित किया गया है कार्यक्रम में सहनिदेशक मुकेश आर्य ने पधारे हुए संगीत प्रेमियों को नववर्ष की बधाइयां देखकर स्वागत किया । कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध भजन गायक लक्ष्मीकांत जेठवा तथा जाने-माने तबला वादक ओमप्रकाश जी जेठवा द्वारा माता सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दि, रूपेश शाह द्वारा गणेश वंदना जय गणेश गणनायक दया निधि, जगदीश उपाध्याय -कोई हसीना जब रूठ जाती है तो, धर्मेश व्यास-सजन रे झूठ मत बोलो, रूपेश शाह- आने वाला कल, हरीश आर्य-सांसों की जरूरत है जैसे, मुकेश आर्य- लौट के आजा मेरे मीत, कविता आर्य -हाय हाय ये मजबूरी, नगिन प्रजापत- संसार है एक नदिया, विमल साद - तुझे देखा तो यह जाना सनम, लक्ष्मीकांत जेठवा- गजल क्यों बच के नहीं चलते क्या चोट ही खानी है पत्थर की नगरी है शीशे पर जवानी है, जयेस आर्य - उतरा ना दिल में कोई, मदन साद -छूकर मेरे मन को,अभिलाष शाह- जब नहीं आए थे तुम ,निशांत आर्य- चुपके-चुपके, अमर सिंह- मेरी भीगी भीगी सी, बेबी दृष्टि- यह तूने क्या किया ,कार्यक्रम के अंत में निर्देशक हरीश आर्य ने आगंतुक अतिथि वह कलाकारों का आभार प्रदर्शन किया कार्यक्रम का संचालन श्री धर्मेश व्यास ने किया ।