गांवों की सीमाओं में तोड़-फोड़ पर बवाल..पंचायतों के परिसीमन पर बढ़ती जा रही रार!

प्रदेश में गांवों के पुनर्गठन और वन नेशन-वन इलेक्शन पर छिड़ी बहस, डोटासरा बोले-भाजपा और आरएसएस कर रहे हैं मनमानी; लगाए गंभीर आरोप

इधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ बोले- डोटासरा देखते रह जाएंगे और चुनाव हो जाएंगे, पंचायतों के परिसीमन को लेकर लगाए गए आरोपों का दिया जवाब

जयपुर। प्रदेश में नगर निकायों और पंचायतों के परिसीमन एवं पुनर्गठन को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। एक ओर, राजस्थान में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने जयपुर में पंचायतीराज संस्थान सभागार में बैठक की। इस दौरान वन नेशन, वन इलेक्शन की जरूरत और इससे होने वाले फायदों पर चर्चा की गई। साथ ही, मदन राठौड़ ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के पंचायतों के परिसीमन को लेकर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए निशाना साधा। मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने डोटासरा के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि डोटासरा देखते रहेंगे और जल्द ही देश में एक साथ चुनाव होंगे। वे पहले अपने कार्यकाल में किए गए परिसीमन को देखें, जहां एक वार्ड में 500 और दूसरे में 3,000 की जनसंख्या थी। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक नियुक्तियां मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होती हैं। प्रदेश संगठन की टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद बनेगी और राष्ट्रीय नेतृत्व की राय से ही टीम का गठन किया जाएगा। वहीं, वन नेशन वन इलेक्शन विषय पर बीजेपी की बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि सुनील बंसल ने यूपी में बीजेपी को सफलता दिलाई है, यूपी संगठन महामंत्री के तौर पर काम किया। लगातार तीन बार पीएम मोदी को जिताने का काम इन्होंने किया, अब एक राष्ट्र एक चुनाव अभियान से जुड़े है।
दरअसल, डोटासरा ने कहा था कि सरकार कांग्रेस के वोट वाले वार्डों को बड़ा और अपने समर्थक वार्डों को छोटा कर रही है। डोटासरा ने कहा कि अपनी सुविधानुसार गांवों की सीमाओं को तोड़ा-फोड़ा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के स्तर पर बनी कैबिनेट कमेटी के बजाय बीजेपी और आरएसएस की एक अघोषित कमेटी परिसीमन के फैसले कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राजेंद्र राठौड़, घनश्याम तिवाड़ी और अरुण चतुर्वेदी इस अघोषित कमेटी में शामिल हैं और ये पंचायती राज अधिकारियों को डांट-फटकार कर अपने अनुसार परिसीमन करवा रहे हैं।
इधर, भाजपा ने कहा-‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ आज देश की जरूरत
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बैठक में बीजेपी राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि भारत में बार-बार होने वाले चुनावों से शासन व्यवस्था प्रभावित होती है, विकास कार्यों में देरी होती है और सरकारी खर्च बढ़ता है। उन्होंने कहा कि भारत में करीब 96 करोड़ वोटर हैं, निष्पक्ष चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है। विपक्ष हारने के बाद अक्सर ईवीएम पर सवाल उठाता है, लेकिन पिछले 30 वर्षों में चुनावी सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन से चुनावी खर्च में भारी कमी आएगी और प्रशासनिक कामकाज में सुधार होगा। बंसल ने कहा कि भारत में चुनाव आचार संहिता लागू होने से सरकारी कामकाज बाधित होता है। हर साल 300 से ज्यादा वर्किंग डेज प्रभावित होते हैं। 

बीजेपी सरकार कर रही संविधान और कानून की अनदेखी: डोटासरा
गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के स्तर पर बनी कैबिनेट कमेटी के बजाय बीजेपी और आरएसएस की एक अघोषित कमेटी परिसीमन के फैसले कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राजेंद्र राठौड़, घनश्याम तिवाड़ी और अरुण चतुर्वेदी इस अघोषित कमेटी में शामिल हैं और ये पंचायती राज अधिकारियों को डांट-फटकार कर अपने अनुसार परिसीमन करवा रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि 5500 से ज्यादा जनसंख्या है तभी ग्राम पंचायत टूटेगी, नहीं तो नहीं टूटेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि जो कांग्रेस समर्थित वार्ड हैं, उनको बड़ा कर रहे हैं, जबकि जो भाजपा समर्थित वार्ड हैं, उनकी संख्या छोटी कर रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि अपनी सुविधानुसार गांवों की सीमाओं को तोड़ा-फोड़ा जा रहा है। उन्होंने इसे संवैधानिक नियमों का उल्लंघन बताते हुए राज्य सरकार पर जनप्रतिनिधियों को हटाने और विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया।


पीसीसी चीफ ने राज्य निर्वाचन आयोग पर भी उठाए सवाल
डोटासरा ने कहा कि राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग निष्क्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि 6 महीने पहले परिसीमन होना चाहिए था, लेकिन सरकार ने नहीं करवाया। डोटासरा ने कहा कि 5 साल के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है, लेकिन सरकार इसे टाल रही है। हम इस मामले को लेकर राज्यपाल के पास भी जाएंगे और कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। गंगानगर में एक वार्ड में चुनाव करवाया गया, जबकि दूसरा वार्ड खाली रखा गया। कहा कि वन स्टेट, वन इलेक्शन के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार संविधान और कानून को नहीं मान रही है और बिना जांच जनप्रतिनिधियों को हटाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट से स्टे मिलने के बाद भी जनप्रतिनिधियों को बहाल नहीं किया जा रहा है।