एसओजी ने एसआई भर्ती घोटाले में सरगना पति-पत्नी को पकड़ा, घोटाले के मुख्य किरदारों में शामिल है दोनों, 15 लाख में किया था ‘कांड’

एसओजी ने एसआई भर्ती घोटाले में सरगना पति-पत्नी को पकड़ा, घोटाले के मुख्य किरदारों में शामिल पति-पत्नी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 15 लाख में किया था ‘कांड’


जोधपुर रेंज पुलिस की साईक्लोनर टीम ने पत्नी को जोधपुर और पति को गोवा से पकड़ा, एसओजी के किया सुपुर्द, वॉइन शॉप से पति तो घर से पत्नी गिरफ्तार, 


जयपुर। राजस्थान सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में डमी कैंडिडेट मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। इस बार साइक्लोनर टीम ने ‘ऑपरेशन तर्पण’ चलाते हुए पति-पत्नी को एक ही समय पर गोवा और जोधपुर से गिरफ्तार किया है। राजस्थान पुलिस के महानिरीक्षक आईपीएस विकास कुमार ने बताया कि आरोपी नरपतराम और उसकी पत्नी इन्द्रा को बेहद सतर्कता और योजना के साथ पकड़ा गया। गोवा के कालांगुट बीच स्थित ‘गोवा वाइन्स’ की दुकान पर सेल्समैन का काम कर रहे नरपतराम को पकड़ा गया। वहीं जोधपुर के खेमे का कुआं क्षेत्र में रह रही इन्द्रा को भी उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया। इंद्रा ने एसआई 2021 भर्ती में डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दी थी। नरपत इस पूरे मामले का सूत्रधार था।
अभी तक की जांच में सामने आया कि इन्द्रा के पति नरपतराम ने 15 लाख रुपये में डमी कैंडिडेट का सौदा तय किया था। उसने अपनी पत्नी इंद्रा को हरखु नामक महिला के स्थान पर परीक्षा देने भेजा था। ऐसे में हरखु पास भी हो गई। हरखु अंतिम रूप से चयनित होकर प्लाटून कमांडर बन गई थी। हालांकि इंद्रा ने जो एग्जाम खुद के लिए दिया था, उसमें वह फेल हो गई थी। बता दें कि हरखु नामक महिला, जिसने फर्जी तरीके से उप निरीक्षक की परीक्षा पास की थी, वह इस घोटाले की कड़ी निकली। उसने पूछताछ में बताया कि आरोपी इन्द्रा ने उसके स्थान पर परीक्षा दी थी। लाइब्रेरी में उसकी मुलाकात इंद्रा से हुई थी। इंद्रा पढ़ाई में काफी तेज थी। बता दें कि पुलिस ने इंद्रा के एक रिश्तेदार की साली के मोबाइल नंबर से मिली कड़ी ने इस पूरे ऑपरेशन की दिशा तय की। गोवा और जोधपुर में तीन दिन तक की गई निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर एक साथ की गई दबिश ने आरोपियों को संभलने का मौका तक नहीं दिया। हालांकि इंद्रा को गोवा में पुलिस कार्रवाई की भनक लग गई थी और वह मौके से फरार होने वाली थी। पुलिस ने जब उसके घर में दबिश दी तो वह बैग पैक कर रही थी। महानिरीक्षक आईपीएस विकास कुमार ने बताया कि इस ऑपरेशन में शामिल साइक्लोनर टीम को विशेष कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।


पति बना हुआ था शराब का सेल्समैन, इंद्रा को घर से दबोचा
ऑपरेशन तर्पण के तहत एक साथ दोनों जगह दबिश दी गई थी। आरोपी पति नरपतराम गोवा के कालांगुट में शराब की दुकान पर सेल्समैन की नौकरी कर रहा था, जबकि पत्नी इन्द्रा जोधपुर के खेमे का कुआं इलाके में रिश्तेदारों के बीच छुपी हुई थी। घटना की जड़ में इन्द्रा और हरखु की लाइब्रेरी में हुई मुलाकात थी, जहां पढ़ाई में होशियार इन्द्रा ने हरखु की मदद करनी शुरू की। लेकिन हरखु ने इसका फायदा उठाते हुए इन्द्रा को अपने स्थान पर परीक्षा देने का प्रस्ताव दे दिया। इन्द्रा के पति नरपतराम ने इस मौके को पैसे कमाने के साधन के रूप में देखा और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बन गया। इन्द्रा ने 13 सितंबर को अपनी परीक्षा दी और अगले दिन हरखु के स्थान पर डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी, जबकि हरखु ने परीक्षा पास कर प्लाटून कमांडर की पोस्ट हासिल कर ली।

साक्षात्कार में मदद के बदले रकम की डील, दोनों हो गए भूमिगत
नरपतराम ने हरखु से परीक्षा पास करवाने के बदले 15 लाख रुपये की गारंटी ली थी। इस रकम में से एक हिस्सा किसी बिचौलिए को देकर इन्द्रा को साक्षात्कार में अधिक अंक दिलवाने की योजना बनाई गई थी। एसओजी की जांच में जब हरखु का नाम सामने आया, तो उससे पूछताछ के बाद नरपतराम और इन्द्रा का नाम उजागर हुआ। गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने अपना गांव, रिश्तेदार और संपर्क पूरी तरह तोड़ दिए और भूमिगत हो गए।


एक फोन नंबर ने खोला फरारी का राज, साईक्लोनर टीम का कमाल
एसओजी द्वारा इनाम घोषित किए जाने के बाद साईक्लोनर टीम ने आरोपी दंपति को पकडऩे का बीड़ा उठाया। एक रिश्तेदार ने एक मोबाइल नंबर के पीछे छुपे राज की ओर इशारा किया और चुनौती दी कि साईक्लोनर अगर सक्षम है, तो उस नंबर से सब पता करे। तकनीकी विश्लेषण से टीम को पता चला कि वह नंबर गोवा से जुड़ा है। वहीं, एक महिला की गतिविधियों पर नजर रखने पर यह सामने आया कि वह नियमित रूप से खेमे का कुआं जाकर गोवा के नंबर से संपर्क करती थी। संदेह पुख्ता होने के बाद साईक्लोनर की एक टीम गोवा रवाना हो गई। तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद कालांगुट स्थित ‘गोवा वाइन्स’ नामक दुकान पर नरपतराम शराब बेचता हुआ मिल गया। दूसरी ओर, जोधपुर में नियत समय पर महिला के खेमे का कुआं जाने पर टीम ने दबिश दी।


गोवा में आसानी से पकड़ा गया नरपतराम, इंद्रा फरार होने की कोशिश में थी
गोवा में नरपतराम को आसानी से पकड़ा गया, जबकि इन्द्रा फरार होने की कोशिश कर रही थी, लेकिन समय रहते पकड़ में आ गई। पूछताछ में इन्द्रा ने बताया कि गोवा में दबिश की खबर पड़ोसी के माध्यम से उसकी बहन तक पहुंच गई थी। दोनों आरोपियों को एसओजी टीम के सुपुर्द कर दिया गया है। रेंज आईजी ने बताया कि एसओजी ने नरपत राम और इंद्रा को पकडऩे का टास्क जोधपुर रेंज को सौंपा था। ऐसे में अलग-अलग टीमें बनाकर दोनों की तलाश की जा रही थी। इसी दौरान पता चला कि इंद्रा का खेमे का कुआं में आना-जाना है। यही से आकर वह गोवा में रह रहे अपने पति नरपत को कॉल करती थी।