नो टोलरेंस वाली सरकार की नाक के नीचे हो रहा खेला.. ‘खाकी से खाकी मिली’ निकले दोनों ही भ्रष्ट..नियम रखे तांक पर; मनमानी से ‘आमजन त्रस्त’!


कालवाड़ रोड स्थित नृसिंह विहार में जेडीए साइट प्लान के विपरीत जीरो सेट बैक में धड़ल्ले से जारी है अवैध निर्माण, कई शिकायतों के बाद जेडीए के जिम्मेदारों को जैसे सूंघ गया सांप

पुलिस की निगरानी में किया जा रहा है पूरा अवैध निर्माण, कैमरे में कैद हुई तस्वीरें दे रही गवाही, सच छिपाने के लिए जेडीए अधिकारी दे रहे शिकायतकर्ता को सेटलमेंट का न्यौता

जयपुर। वाह रे ये भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस वाली सरकार और वाह इस जीरो टोलरेंस को रोकने के जिम्मेदार। प्रदेश में ना तो भ्रष्टाचार रुका है और ना ही रुकने के कोई लक्षण ही नजर आ रहे है। दरअसल, भ्रष्टाचार की यह सुई एक बार फिर घूम फिरकर खाकी और जेडीए अधिकारियों पर ही आकर टिक गई है। सरकार चाहे कितना ही दावा करें लेकिन इन विभागों की कहीकत किसी से छिपी हुई नहीं है। अब एक बार फिर इस मिलीभगत का मामला कालवाड़ रोड पर सामने आया है जहां एक शिकायतकर्ता अजय कुमार धायल द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए है। शिकायतकर्ता कई बार इस कारगुजारी की गुहार विभिन्न स्तर पर लगा चुका है लेकिन जळैसे सभी जिम्मेदार कानों में रूई डालकर ही बैठे है। 
शिकायतकर्ता के अनुसार भूखण्ड संख्या 51, नृसिंहविहार, कालवाड रोड नियर आई.जी. फार्म के पास जयपुर में स्थित है जो अनिता देवी के नाम से है। लेकिन, सुमित्रा देवी व महेन्द्र चौधरी जो पुलिस विभाग के ट्रैफिक में कार्यरत है उनके द्वारा यह अवैध व अनाधिकृत निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन, मिलीभगत के चलते इस पर जेडीए के जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। शिकयत के अनुसार उक्त प्लॉट, प्लॉट नम्बर 178 के पूर्व में है और सुमित्रा व महेन्द्र के द्वारा जेडीए के बॉयलॉज के विपरीत जीरो सैट बैक को कवर कर अवैध व अनाधिकृत निर्माण करवाया जा रहा है जो कि जेडीए के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। प्रार्थी द्वारा पूर्व में भी जेडीए के टोल फ्री नम्बर पर कई बार शिकायत कर दी गई है और जोन प्रवर्तन अधिकारी को भी फोन पर जीरो सैट बैंक पर किये जा रहे अवैध निर्माण की शिकायत की गई लेकिन इस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसे में जीरो सैट बैक में निरन्तर अवैध निर्माण कार्य चालू है। 

जेडीए के प्रर्वतन अधिकारी ने दिया ऑफर..हमारे ही लोग है; कर लो सेटलमेंट
शिकायतकर्ता द्वारा जब जेडीए के प्रर्वतन अधिकारी को इस बाबत शिकायत की गई तो उसे कहा गया कि बैठ कर सैटलमेंट कर लो ये हमारे ही विभाग के ही कर्मचारी है। लेकिन जब अवैध निमार्णकर्ता से पूरे सैट बैक को कवर कर अवैध व अनाधिकृत निर्माण के बारे में पूछा गया तो वे गाली गलौच करने पर उतारू हो गये और यह और यह कहने लगा कि उनकी जेडीए प्रशासन, पुलिस प्रशासन, राज्य सरकार में बहुत उंची पहुंच है। कोई कुछ नहीं बिगाड सकता है। अब ऐसे हालात में शिकायतकर्ता इंसाफ के लिए भटकने को मजबूर है।