खत्म हुआ दशकों का इंतजार..देश की राजनीति में नया मोड़

राज्यसभा में अब ‘एनडीए को बहुमत’..बिना वोटिंग निर्वाचित हुए 12 सांसद!

नामांकन वापिस लेने की अंतिम तिथि पर ही हो गया फैसला, भाजपा के 9, सहयोगी दलों के 2 और विपक्ष का एक सांसद निर्विरोध राज्यसभा में पहुंचा

राज्यसभा में भाजपा की ताकत 96 तक पहुंची; एनडीए का आंकड़ा 112 हुआ, हालांकि नेता प्रतिपक्ष का पद कायम रखने में कामयाब रही कांग्रेस


नई दिल्ली/जयपुर। केंद्र में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन ने संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। अब एनडीए के इस सदन में 112 सांसद हो गए हैं। मौजूदा राज्यसभा उप चुनाव में 12 सांसद निर्विरोध चुने गए हैं। इनमें से 9 सांसद भाजपा के हैं, जबकि दो उसके सहयोगी दलों के हैं। राज्यसभा में अब भाजपा सांसदों की संख्या बढक़र 96 हो गई है। राज्य सभा उप चुनावों में निर्विरोध चुने जाने वाले तीन अन्य सदस्यों में एनडीए के सहयोगी एनसीपी के अजित पवार गुट के एक सदस्य और राष्ट्रीय लोक मंच के उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। इनके अलावा कांग्रेस के भी एक सांसद का निर्विरोध चुनाव हुआ है। राज्यसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को छह मनोनीत और एक स्वतंत्र सदस्य का भी समर्थन प्राप्त है। इस तरह एनडीए को कुल 119 सांसदों अब उच्च सदन में विपक्ष के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है।
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं। फिलहाल आठ सीटें खाली हैं। इनमें से चार सीटें जम्मू-कश्मीर से हैं जबकि चार सीटें नामांकन कोटे की हैं। इस लिहाज से मौजूदा समय में उच्च सदन में सदस्यों की कुल संख्या 237 है जबकि बहुमत का आंकड़ा 119 है। राज्यसभा में 245 सीटें हैं, हालांकि वर्तमान में आठ सीटें खाली हैं। चार जम्मू-कश्मीर से और चार मनोनीत। सदन की मौजूदा सदस्य संख्या 237 के साथ बहुमत का आंकड़ा 119 है। उधर, कांग्रेस की राज्य सभा में नेता विपक्ष की कुर्सी भी सुरक्षित रहेगी। राज्य सभा में कांग्रेस की संख्या एक बढक़र 27 हो गई है, जो नेता विपक्ष की कुर्सी के लिए जरूरी 25 सीटों से दो अधिक है।


भाजपा के 9 और सहयोगी दलों के 2 सांसद हुए निर्वाचित, कांग्रेस को मिली एक सीट
भाजपा के जो उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं, उनमें असम से रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्जी हैं। इनके अलावा सहयोगी दलों से महाराष्ट्र से एनसीपी के अजित पवार गुट के नितिन पाटिल और बिहार से राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी भी तेलंगाना से निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।


एनडीए की हुई कुल 112 सीटें, स्वतंत्र समर्थन के बाद आंकड़ा 119 हुआ
राज्यसभा के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा के नौ और सहयोगी दलों के दो सदस्यों के निर्विरोध होने के बाद सत्तारूढ़ एनडीए सदन में बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गया। नौ और सदस्यों के जुडऩे के साथ राज्यसभा में भाजपा की ताकत 96 तक पहुंच गई है वहीं एनडीए 112 पर पहुंच गया है। निर्विरोध निर्वाचित होने वाले दो अन्य लोगों में एनडीए के सहयोगी एनसीपी अजित पवार गुट के नितिन पाटिल और राष्ट्रीय लोक मंच से उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन को छह नामांकित और एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन हासिल है। वहीं कांग्रेस का भी एक सदस्य निर्वाचित हुआ है, जिससे राज्यसभा में विपक्ष की संख्या 85 हो गई।


एनडीए के लिए बड़े फैसले लेना होगा आसान, हालांकि गठबंधन को मनाना होगा
एनडीए पिछले एक दशक से राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा हासिल करने की कोशिश कर रहा है। इससे उसके लिए विधेयकों को पारित कराना और आसान हो जाएगा। पिछले कुछ सालों में विपक्ष की बड़ी संख्या अक्सर विवादास्पद सरकारी विधेयकों को उच्च सदन में रोके रखती थी। उनमें से कुछ को नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस जैसे गुटनिरपेक्ष दलों की मदद से पारित किया जा सका है। लेकिन अब, दोनों पार्टियां अपने-अपने राज्यों में सत्ता खो चुकी हैं, एक भाजपा के हाथों और एक उसके सहयोगी चंद्रबाबू नायडू के हाथों। इसीलिए उनके समर्थन को लेकर अब भरोसा नहीं किया जा सकता है। बहुमत का आंकड़ा छूने के बाद अब बीजेपी को महत्वपूर्ण बिल पारित कराने के लिए बीजेडी, वायएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना होगा। 


राजस्थान से रवनीत बिट्टू निर्विरोध जीते, कांग्रेस ने नहीं उतारा था प्रत्याशी
राजस्थान में राज्यसभा उपचुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे, जिनमें से भाजपा का एक डमी उम्मीदवार था। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी। निर्दलीय उम्मीदवार बबीता वाधवानी का नामांकन पत्र 22 अगस्त को जांच के दौरान रद्द कर दिया गया था। भाजपा के डमी उम्मीदवार सुनील कोठारी ने शुक्रवार को अपना नामांकन वापस ले लिया था, जिससे रवनीत सिंह बिट्टू उपचुनाव में एकमात्र उम्मीदवार रह गए। राजस्थान विधानसभा के प्रमुख सचिव और चुनाव अधिकारी महावीर प्रसाद शर्मा ने मंगलवार को बिट्टू को निर्विरोध विजयी घोषित किया और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई थी। हालांकि, कांग्रेस ने राज्यसभा उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था।