जयपुर की सडक़ों पर अब नहीं दिखाई देंगे भिखारी..सरकार कर रही ‘रोटी-कपड़ा-मकान’ देने की तैयारी!

जयपुर कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने कलक्ट्रेट में ली अधिकारियों की बैठक, शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों को समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश, राज्य सरकार करेगी भिखारियों का पुनर्वास


जयपुर। राजधानी में जल्द ही सडक़ों से भिखारी गायब हो जाएंगे। जयपुर की गौरवशाली परंपरा और छवि को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार भिखारियों का पुनर्वास करवा रही है। इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। जयपुर कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने कलक्ट्रेट में बैठक की है, जिसमें उन्होंने शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों को समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए हैं।
डीएम सोनी ने बताया कि हमारा लक्ष्य भीख मांगने वाले लोगों को स्किल्ड वर्कर बनाकर रोजगार देना है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। इसके लिए पुलिस अधिकारियों को भी क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए भिक्षावृत्ति में लगे लोगों की पहचान करने और उन्हें बचाने में सहायता करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, नगर निगम के अधिकारियों को पुनर्वास घरों की उचित स्वच्छता और रखरखाव सुनिश्चित करने, शौचालयों की मरम्मत करने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इन घरों को अन्नपूर्णा रसोई योजना से जोडऩे पर भी जोर दिया जा रहा है। 
मेडिकल डिपार्टमेंट को हेल्थ चेकअप करने, इलाज करने और जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पुनर्वास घरों को नजदीकी सरकारी अस्पतालों से जोडऩे का काम सौंपा गया है। भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई को ऐसे बच्चों की लिस्ट तैयार कर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें सरकार द्वारा संचालित बाल गृहों और स्थानीय स्कूलों में प्रवेश दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। बाल कल्याण समिति उचित सुविधाओं में उनके प्रवेश की निगरानी भी करेगी।


सरकारी योजना के जरिए मिलेगा रोजगार, दिया जाएगा कौशल प्रशिक्षण 
वयस्कों के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को सर्वेक्षण करने और जरूरतमंद व्यक्तियों की पहचान करने के लिए पुलिस, गैर सरकारी संगठनों और अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। पात्रता के आधार पर, उन्हें बाल गृह, महिला गृह, वृद्धाश्रम या पुनर्वास गृह में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा, आधार और जन आधार कार्ड जारी करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोडऩे की व्यवस्था की जाएगी। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम को चिन्हित व्यक्तियों के लिए बैचों में आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशिक्षित व्यक्तियों को दीर्घकालिक पुनर्वास सुनिश्चित करने वाले अनुवर्ती कार्यक्रमों के साथ ऋण, अनुदान और सरकारी योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा।