पूर्व फौजी को भी भूमाफिया ने नहीं बख्शा..कब्जाशुदा जमीन पर ही काट दिए फर्जी पट्टे!

श्री लक्ष्मी गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारियों का कारनामा, अपनी भूमि के अलावा पीडि़त की जमीन पर भी कब्जे का प्रयास

फर्जी तरीके से आवासीय योजना का नक्शा बनाया, हर कदम पर मिलीभगत का खेल, दांव पर पूर्व फौजी की जीवनभर की जमापूंजी


जयपुर। राजधानी में भूमाफिया इस कदर बेलगाम हो गए है कि अब वे देश की रक्षा करने वाले जवानों से भी धोखाधड़ी करने से बाज नहीं आ रहे है। जिस फौजी ने 17 साल देश की सेवा की और अपने जीवन भर की पूंजी से जमीन खरीदी उसी जमीन पर भूमाफिया की बुरी नजर पड़ गई। भूमाफियाओं के हौंसले इस कदर बुलंद है कि पूर्व सैनिक की कब्जा शुदा जमीन पर ही फर्जी पट्टे काट दिए और आवासीय कॉलोनी का अनाधिकृत तरीके से नक्शा भी तैयार कर लिया। अब पूर्व सैनिक इस्तगासे के जरिए इंसाफ की गुहार लगाई है। 
परिवादी मुकेश सिंह पुत्र महावीर सिंह निवासी प्लाट नम्बर 17 शाकम्भरी विहार कालवाड़ रोड मांचवा ने लक्ष्मी गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार खंडेलवाल, मंत्री ओमप्रकाश गुप्ता, व्यवस्थापक सुनील कुमार अग्रवाल, समिति के संयोजक मोहर सिंह, सदस्य सुरेन्द्र सिंह एवं पूर्व संयोजक राकेश यादव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है। परिवादी ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद मिली जमा पूंजी से उसने इन्द्रा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड से ग्राम माचवा पटवार हलका माचवा तहसील कालवाड़ के खसरा नंबर 20/837 रकबा 1.6061 हेक्टर कुल किता 1 कुल रकबा 1.6061 हेक्टेयर किस्म बारानी 3 बाता संख्या नया 30 एवं पुराना खाता संख्या 299 में भू-अभिलेख निरीक्षक के पास दर्ज है। इसमें से 1815/46102 वां भाग पूर्ण राशि 18 लाख रुपए जरिये आरटीजीएस भुगतान करके 26 अप्रैल 2022 को क्रय किया, इसके साथ ही 23 अगस्त 2022 को 44287/46102 का 1133/46102 वां भाग राशि 12 लाख जरिये आरटीजीएस भुगतान कर क्रय किया तथा उप रजिस्ट्रार तृतीय जयपुर में पंजीकृत करवा लिया। दिनांक 29 सितम्बर 2022 को 44287/46102 भूमि का 1889/46102 वां भाग कुल राशि भुगतान 20 लाख रुपए जारी आरटीजीएस भुगतान करके क्रय किया। कृषि भूमि के नियमानुसार परिवादी का नामांतरण भी खुल गया, जिसमें अब परिवादी संयुक्त खातेदार बन गया, आगे चलकर किसी तरह का विवाद ना हो इसके लिए आपसी सहमति से उक्त कृषि भूमि का विभाजन भी करवा लिया। जिसमें परिवादी के हिस्से खसरा नंबर 1048/20, खसरा नंबर 1049/20, खसरा नंबर 1050/20 और खसरा नंबर 1051/20 और इन्द्रा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के हिस्से खसरा नंबर 1045/20 आया। विक्रेता ने नाप तोल कर कब्जा भी परिवादी को सम्भला दिया। उक्त भूमि क्रय करने के बाद में परिवादी लगातार नियमित रूप से उक्त भूमि को संभालने जाया करता हैं। 

श्री लक्ष्मी गृह निर्माण सहकारी समिति के भूमि खरीदने के बाद शुरू हुआ खेल

इसी इन्द्रा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड से श्री लक्ष्मी गृह निर्माण सहकारी समिति ने जरिए विभिन्न इकरारनामे से कुल 6 बीघा 7 बिस्वा भूमि में से 4 बीघा 15 बिस्वा जमीन क्रय कि लेकिन आरोपियों ने अपनी 4 बीघा 15 बिस्वा के अलावा आपस में मिली भगत करके परिवादी की खातेदारी एवं कब्जे की जमीन में भी कई लोगों को फर्जी पट्टे जारी कर दिए तथा पूरी जमीन का अनाधिकृत तरीके से आवासीय योजना का नक्शा बना लिया और सडक़ें बना दी। 


फर्जी पट्टों के आधार पर परिवादी की भूमि पर कब्जे का किया जा रहा प्रयास

अब श्री लक्ष्मी गृह निर्माण सहकारी समिति समिति के आवंटित सदस्य सुनीता सामरिया एवं आशा कंवर सहित अन्य लोग परिवादी की कब्जाशुदा जमीन पर आकर इन फर्जी पट्टे के आधार पर कब्जा करने का प्रयासकर रहे है। जिसमें सोसाइटी के पदाधिकारियों का पूर्ण सहयोग एवं मिलीभगत होती है। यह सभी आरोपी अपनी जमीन नहीं होते हुए भी आपस में मिली भगत कर फर्जी पट्टे जारी किए और परिवादी की जमीन को खुर्द-बुर्द करके परिवादी से राशि हड़पना चाहते हैं।