झोटवाड़ा के रघुनाथपुरी में धड़ल्ले से जारी था केके मॉल में चौथी मंजिल का अवैध निर्माण, निगम अधिकारियों ने शिकायतों पर साधे रखा मौन; दुर्घटना के बाद भी ठोस कार्रवाई से परहेज
जयपुर। झोटवाड़ा की रघुनाथपुरी कॉलोनी में 72 वर्षीय बुजुर्ग त्रिलोकचंद की मौत महज ‘एक हादसा नहीं बल्कि हत्या है’। ऐसा इसलिए क्योंकि रघुनाथपुरी के जिस केके मॉल में फंटा गिरने से त्रिलोकचंद की मौत हुई, उस केके मॉल में चौथी मंजिल पर धड़ल्ले से अवैध निर्माध किया जा रहा था। और, इस अवैध निर्माण को रोकने के जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे थे। ऐसा नहीं कि निगम के इन अधिकारियों को इस अवैध निर्माण की जानकारी नहीं थी लेकिन पूरी तरह अवगत होने के बाद भी उनकी चुप्पी बड़ी मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है। दरअसल, स्थानीय व्यापारी लंबे समय से इस अवैध और बिना सुरक्षा नियमों की पालना किए निर्माण की शिकायत कर रहे थे लेकिन ऐसा लगता है कि निगम के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए किसी हादसे का ही इंतजार था। अब बुजुर्ग त्रिलोचंद की मौत के बाद भी निगम के अधिकारी ठोस कार्रवाई की जगह महज खानापूर्ती और पल्ïला झाडऩे में जुटे है। इस बारे में स्थानीय व्यापारियों का आरोप है कि बिल्डिंग में हो रहा निर्माण अवैध है, जिसकी शिकायत नगर निगम ग्रेटर में की थी। शिकायत पर निगम की टीम 10 दिन पहले मौके पर आई थी, लेकिन टीम ने यहां कोई कार्रवाई नहीं की। लोगों का आरोप है कि चौथी मंजिल का काम करने के दौरान कोई सुरक्षा व्यवस्था का भी ध्यान नहीं रखा गया। जिसके कारण ही यह हादसा हुआ और एक निर्दाेष को अपनी जान गंवानी पड़ी।
सुरक्षा का नहीं था कोई इंतजाम, चौथी मंजिल से फंटा गिरा और ले ली बुजुर्ग की जान
इस मामले में मृतक त्रिलोकचंद झोटवाड़ा एरिया में अपनी दुकान खोलने के बाद बोर्ड लगाने बाहर निकला था। वह बोर्ड लगाकर वापस ही आ रहा था कि शटरिंग में काम आने वाले लकड़ी की प्लेट का बड़ा हिस्सा उसके सिर पर गिर गया। इससे वह गंभीर घायल हो गया। हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दरअसल, केके टॉवर में में चौथी मंजिल पर निर्माण का काम चल रहा है। छत डालने के लिए शटरिंग लगी हुई थी। तभी मजदूरों से शटरिंग में काम आने वाला फंटा गिर गया। वह सीधे त्रिलोकचंद के सिर पर गिरा। मौके पर मौजूद लोगों ने घायल त्रिलोकचंद को निजी हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे कावंटिया हॉस्पिटल रेफर कर दिया। यहां इलाज के दौरान त्रिलोकचंद ने दम तोड़ दिया।