इस बार भ्रष्टाचार पर हो रहा करारा प्रहार..

कांग्रेस के दो दिग्गजों पर संकट के बादल..बुरे फंसे शांति धारीवाल और महेश जोशी!

900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 22 अधिकारियों के खिलाफ एसीबी ने एसीबी ने दर्ज किया केस, फर्जी सर्टिफिकेट पर टेंडर देकर भ्रष्टाचार का आरोप

वहीं, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल एकल पट्टा प्रकरण में फंसते जा रहे, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया; 6 महीने में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने के दिए निर्देश

जयपुर। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है। तब से कई कांग्रेसी नेताओं की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो सबसे करीबी नेताओं पर इन दिनों शिकंजा कसता जा रहा है। कांग्रेस के ये दोनों दिग्गज नेता लोकसभा सांसद और कई बार विधायक रह चुके हैं। इनमें एक नाम शांति धारीवाल का है जबकि दूसरा नाम है डॉ. महेश जोशी का। ये दोनों नेता पूर्व सीएम गहलोत के करीबी होने के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री भी हैं। धारीवाल एकल पट्टा प्रकरण में फंसते जा रहे हैं जबकि डॉ. जोशी जल जीवन मिशन घोटाले में फंस रहे हैं। इन दोनों नेताओं को लेकर राजनैतिक गलियारे में चर्चाएं है कि क्या ये दोनों दिग्गज नेता आने वाले दिनों में जेल की हवा खाएंगे। इतना तो तय माना जा रहा है कि भजनलाल सरकार कांग्रेस नेताओं के प्रति कोई नरमी बरतने वाली नहीं है।
दरअसल, एकल पट्टा मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक की एसएलपी पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें शांति धारीवाल के केस को बंद कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भूयान की बेंच ने आदेश दिए कि एकल पट्टा मामले में फिर से सुनवाई हो। हाईकोर्ट को 6 महीने में सुनवाई पूरी करके अपना निर्णय देने की बात कही है। पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के साथ तत्कालीन जेडीसी जीएस संधु (रिटायर्ड आईएएस) और तत्कालीन सचिव निष्काम दिवाकर का नाम भी इस प्रकरण में है। ऐसे में धारीवाल के साथ ये सेवानिवृत्त अफसर भी शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं।
वहीं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय डॉ. महेश जोशी जलदाय विभाग के कैबिनेट मंत्री थे। उनके कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना आई। इस योजना में नौ हजार करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। तीन साल पहले एसीबी ने जल जीवन मिशन में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों को लाखों रुपए की रिश्वत लेते देते गिरफ्तार किया था। उसके बाद इस घोटाले की परतें खुलती गई। अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मंगलवार 5 नवंबर को पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी सहित कुल 22 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह एफआईआर एसीबी के एडिशनल एसपी बिशनाराम बिश्नोई की ओर से दर्ज कराई गई। आरोपियों में पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी के साथ कई अधिकारियों, कर्मचारियों, ठेकेदारों और दलालों के नाम दर्ज है।

जल जीवन मिशन घोटाले में एसीबी ने महेश जोशी सहित 22 अन्य के खिलाफ किया केस दर्ज
जल जीवन मिशन घोटाले में राजस्थान की राजनीति में एक फिर हलचल हुई है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व मंत्री महेश जोशी और 22 अन्य अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया है। यह केस एसीबी के एडिशनल एसपी बिशनाराम बिश्नोई की ओर से दर्ज किया गया है। इसमें महेश जोशी के साथ जल जीवन मिशन से जुड़े उच्चाधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। एफआईआर में वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता आरके मीणा और दिनेश गोयल का नाम भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण श्रीवास्तव, रमेश चंद मीणा, परितोष गुप्ता, अधीक्षण अभियंता निरिल कुमार, विकास गुप्ता, महेंद्र प्रकाश सोनी, भगवान सहाय जाजू, जितेंद्र शर्मा, अधिशासी अभियंता विशाल सक्सेना, और पदमचंद जैन, संजय बड़ाया जैसे प्रमुख अधिकारी भी नामजद किए गए हैं।

एकल पट्टा प्रकरण में हाईकोर्ट को मामले में फिर से सुनवाई करने के निर्देश
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और जेडीए के तीन पूर्व अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने हाईकोर्ट के उन आदेशों को रद्द कर दिया है, जिसमें एकल पट्टा मामले में आपराधिक कार्यवाही खत्म कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को मामले की दोबारा सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट 6 महीने में मामले की दोबारा सुनवाई करे और अपना फैसला दे। ऐसे में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के साथ तत्कालीन जेडीसी जीएस संधु (रिटायर्ड आईएएस) और तत्कालीन सचिव निष्काम दिवाकर का नाम भी इस प्रकरण में है। ऐसे में धारीवाल के साथ ये सेवानिवृत्त अफसर भी शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं।