चूरू@ जिले में राजगढ़ तहसील के गांव रामपुरा में प्रसव पीड़ित महिला की मौत के मामले ने रविवार को तूल पकड़ लिया। मृतका के परिवारजनों को मुआवजा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर चल रहे धरने के दौरान अचानक पुलिस और ग्रामीण आमने सामने हो गए। पुलिस ने ग्रामीणों को खदेड़ा तो लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरु कर दिया। इस पर लाठीचार्ज हाे गया। पत्थरबाजों व उपद्रवियों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इससे वहां तनाव की स्थिति बन गई। सूचना मिलने पर जिला कलेक्टर प्रदीप के. गावंडे व चूरू एसपी परिस देशमुख अतिरिक्त पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे। तब वहां शांति हुई। पथराव में राजगढ़ थानाप्रभारी गुरभूपेंद्र सिंह समेत कई अन्य पुलिसकर्मी व लाेग चोटिल हो गए।इस बीच सूचना मिलने पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली सहित संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ धरनास्थल पर पहुंचे। वहां प्रशासन के साथ वार्ता शुरू की, लेकिन वह बेनतीजा रही। संघर्ष समिति पीड़ित परिवार के लिए दस लाख रुपए के मुआवजे की मांग करता रहा। दूसरी तरफ सादुलपुर विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया रामपुरा पहुंची। पथराव की घटना पर पूनियां ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से किया गया हमला है।गौरतलब है कि राजेंद्र मीणा की पत्नी रचना को प्रसव पीड़ा होने पर सादुलपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।जहां शुक्रवार रात को रचना की मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने डॉ. भीमराज के खिलाफ थाना में मामला भी दर्ज करवाया और शनिवार सुबह 8 बजे अस्पताल में शव को रखकर धरना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से प्रसूता रचना की मौत हो गई।
लाठीचार्ज-ग्रामीण, पुलिस और विधायक के बयान एक दूसरे जुदा
रविवार को धरने का दूसरा दिन था। दोपहर करीब 1.30 बजे विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया पीड़ित परिवार से वार्ता के लिए धरना स्थल पर पहुंची। विधायक पूनियां ने जब अस्पताल में प्रवेश किया तो धरने पर बैठी महिलाएं भी उनके पीछे-पीछे अस्पताल में घुसने लगी। पुलिस ने महिलाओं को राेका। इस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं पर लाठियां भांजी। उसके बाद लोगों ने अस्पताल पर पथराव कर दिया।दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा पथराव करने पर उन्हे तितर-बितर करने के लिए अस्पताल के आगे से हटाया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। एकबारगी स्थिति तनावपूर्ण बन गई। बाद में पूर्व विधायक मनोज न्यांगली के नेतृत्व में वापस लोग धरनास्थल पर बैठ गए। पथराव के दौरान राजगढ़ थानाप्रभारी गुरभूपेंद्र सिंह के सिर में चोट लगी। उनके टांके लगाने पड़े। इसके अलावा दो-तीन पुलिसकर्मियों के चोट लगना बताया जा रहा है।वहीं चार-पांच महिलाओं के भी पुलिस द्वारा लाठियां भांजने पर मामूली चोटें आई। दोपहर 2.30 बजे करीब उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां, पूर्व जिला प्रमुख हरलाल सहारण, विक्रम कोटवाद, भरत बेनीवाल, सत्यपाल चाहर, पूर्व उप जिला प्रमुख सुरेंद्र स्वामी आदि धरनास्थल पर पहुंचे। लेकिन रात तक वार्ता बेनतीजा रही।