उत्कर्ष कोचिंग ने किया 800 करोड़ की डील में फर्जीवाड़ा..सबसे बड़े ‘शिक्षा घोटाले की सुगबुहाहट’; करोड़ों का हेरफेर!

कोचिंग संस्थान पर आयकर टीम की कार्यवाही में बड़े खुलासे, फिजिक्स वाला के साथ की गई करोड़ों की शेयर डील में टैक्स चोरी की रची बड़ी साजिश

आईटी टीम को ना विद्यार्थियों का रिकॉर्ड मिला और ना मिला फीस का हिसाब, बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन और अघोषित ट्रांजैक्शंस के संकेत, भारी मात्रा में कैश और कीमती ज्वेलरी भी बरामद


जयपुर। उत्कर्ष कोचिंग संचालक द्वारा फिजिक्स वाला के साथ की गई करोड़ों की शेयर डील में टैक्स चोरी की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग ने इस घोटाले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उत्कर्ष कोचिंग संचालक के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। विशेष रूप से ील में बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन और अघोषित ट्रांजैक्शंस के संकेत मिले हैं, जो आयकर विभाग के जांचकर्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गए। आयकर विभाग ने जानकारी के आधार पर शुक्रवार को जोधपुर, जयपुर, इंदौर और प्रयागराज के 19 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी अधिकारियों के उच्च नेतृत्व में की गई, जिसमें महानिदेशक रेणू अमिताभ, निदेशक अवधेश कुमार और अतिरिक्त निदेशक डॉ. संग्राम रमेश जगदाले के निर्देशन में कार्रवाई की गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिजिक्स वाला और उत्कर्ष के बीच कुछ महीनों पहले पार्टनरशिप की एक बड़ी डील हुई थी और उसी के बाद से फिजिक्स वाला के मैनेजमेंट में इन्वॉल्वमेंट देखने को मिली थी। आयकर विभाग को यह शिकायत मिली कि इस डील में घोटाला किया गया है, जिसमें 800 करोड़ से अधिक की रकम का लेन-देन कैश में हुआ। आयकर विभाग के दस्तावेजों के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि इस डील में भारी पैमाने पर टैक्स चोरी की जा रही थी। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों को भारी मात्रा में कैश और कीमती ज्वेलरी भी मिली है, जिनकी कीमत का आकलन किया जा रहा है। यह छापेमारी और जांच इस बात का संकेत है कि सरकारी एजेंसियां अब बड़े वित्तीय घोटालों की तह तक जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई कर रही हैं।


खंगाले गए डायरेक्टर निर्मल गहलोत के घर और बैंक अकाउंट, बड़ी मात्रा में नकदी और सोना मिलने की जानकारी 
आयकर विभाग की यह कार्रवाई अगले 2 से 3 दिन तक जारी रह सकती है जिसमें करोड़ों के घोटाले की सबूत मिल सकते हैं। उत्कर्ष कोचिंग के डायरेक्टर निर्मल गहलोत के घर और बैंक अकाउंट की तलाशी ली गई है जिसमें नकदी और सोना मिलने की जानकारी है। जानकारी के अनुसार कोचिंग संस्थान ने बच्चों पे नकद फीस ली और इसमें गड़बड़ी होने की आशंका है। इसीलिए कई कंप्यूटर और दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की सैलरी स्लिप और उनके अकाउंट की जानकारी जुटाई जा रही है। उत्कर्ष के डायरेक्टर ने जिन जमीनों में निवेश किया है उनके बारे में भी पता किया जा रहा है। 


फिजिक्सवाला के साथ हुई 800 करोड़ की डील में करोड़ों रुपए का नकद लेनदेन
जोधपुर के 14 और जयपुर, प्रयागराज और इंदौर के एक-एक ठिकानों पर सर्च चल रहा है। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि उत्कर्ष कोचिंग और फिजिक्स वाला के बीच हुई 800 करोड़ की डील में टैक्स चोरी के लिए करोड़ों रुपए का लेन-देन कैश में किया गया। इसकी शिकायत डिपार्टमेंट को मिल गई थी, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई। सर्च में टीम को बच्चों की फीस और किस कोर्स में कितने स्टूडेंट है, इसका रिकॉर्ड नहीं मिला है। टीम की ओर से डिजिटल सबूत के तौर पर यहां मिले रिकॉर्ड की क्लोनिंग भी की है। विभाग की डेढ़ दर्जन टीमों में तीन राज्यों में 19 ठिकानों पर गुरुवार को छापे मारे थे। सूत्रों के मुताबिक फिजिक्स वाला और उत्कर्ष की कुछ महीनों पहले हुई डील के बाद ये मामला रडार पर आया था।


फॉरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत, बड़ी मात्रा में कब्जे में लिए गए दस्तावेज
जोधपुर में आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग के जॉइंट डायरेक्टर प्रेरणा चौधरी के निर्देशन में यह कार्रवाई हो रही है। ​​​​​सूत्रों के अनुसार पहले दिन आयकर विभाग की टीमों के फॉरेसिंक एक्सपर्ट ने उत्कर्ष समूह के बासनी मंडी के सामने स्थित मुख्यालय और कंपनी के निदेशक निर्मल गहलोत के उम्मेद हैरिटेज स्थित बंगले पर बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत जुटाए थे। इन सभी की क्लोनिंग की गई है। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी कब्जे में लिए गए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार आयकर अधिकारियों की प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि समूह ने बड़ी मात्रा में स्टूडेंट्स से नकद में ली फीस का कोई रिकॉर्ड में नहीं दर्शाया। इतना ही नहीं, समूह के अनगिनत ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेज-कोर्सेज में कुल कितने स्टूडेंट्स है, उनकी संख्या में भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।


बैंक अकाउंट और लॉकर्स की जानकारी जुटाएगी टीम, वेंडर्स से भी पूछताछ
आयकर अधिकारियों ने पहले दिन जुटाए गए डॉक्युमेंट और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जिनमें मोबाइल, लैपटॉप, पैन ड्राइव की छानबीन शुरू की है। इसके साथ ही निदेशक के बैंक खातों, लॉकर्स खंगाले जा रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी साल 2016 में उत्कर्ष समूह पर आयकर विभाग की कार्रवाई हुई थी। उत्कर्ष कोचिंग समूह पर छापेमारी में आयकर विभाग की टीम समूह से जुड़े अन्य लोगों और बिजनेसमैन पर भी कार्रवाई कर रही है। इनमें समूह को कंप्यूटर सप्लाई करने वाले हरी एंटरप्राइजेज, प्रिंटिंग का काम करने वाले जैन समूह, उत्कर्ष के अकाउंटिंग विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले और अन्य मटेरियल सप्लाई करने वाले बड़े वेंडर्स पर भी कार्रवाई की है।


विद्यार्थियों से वसूली गई फीस के हिसाब में गड़बड़ी का शक
इसके अलावा, उत्कर्ष कोचिंग संस्थान में बच्चों से ली जाने वाली नकद फीस में भी गड़बड़ी होने की आशंका है। इसीलिए कई एसोसिएट्स के कंप्यूटर और दस्तावेज खंगाले  जा रहे हैं। साथ ही साथ यहां काम करने वाले शिक्षकों और अन्य लोगों की सैलरी स्लिप और उनके अकाउंट की जानकारी भी आयकर विभाग जुटा रहा है। इसके अलावा उत्कर्ष के डायरेक्टर ने जिन जमीनों में निवेश किया है, उसकी भी जांच की जा रही है। रेड मारने वाली टीम में 150 से अधिक आयकर अधिकारी शामिल हैं। आयकर विभाग की टीम आय व्यय के अलावा कोचिंग संस्थान से जुड़े अन्य दस्तावेजों की भी पड़ताल कर रही है। बताया जा रहा है कि बच्चों की फीस को लेकर कोचिंग संस्थान में बड़े स्तर पर गड़बड़ी मिली है। पुलिसकर्मी भी आयकर विभाग के कर्मचारियों की छापेमारी में मदद कर रहे हैं।