पहले मतदान फिर दूजा काम..लोकतंत्र के महायज्ञ में हर वोट जरूरी
सर्वोच्च न्यायालय ने रखा फैसला सुरक्षित, पूछा- वोटर्स को वोटिंग पर्ची क्यों नहीं दे सकते, चुनाव आयोग बोला- इसका गलत इस्तेमाल होगा
वही राजस्थान में पहले चरण की वोटिंग आज, 12 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 24,370 बूथों पर 2.54 करोड़ मतदाता 114 प्रत्याशियों के भाग्य का करेंगे फैसला, डिजिटल माध्यम पर हर अपडेट देगा ‘हमारा समाचार’
नई दिल्ली/जयपुर। आज राजस्थान की 12 सीटों सहित 21 राज्यों की 102 सीटों पर पहले चरण की वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू हो जाएगी। लेकिन, इससे ठीक पहले गुरुवार को एक बार फिर ईवीएम का जिन्न निकल आया है। दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों की 100 प्रतिशत क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईसी समेत अन्य वकीलों और चुनाव आयोग की 5 घंटे दलीलें सुनी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स की तरफ से पेश हुए। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे। एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कोर्ट के सामने एक रिपोर्ट पेश की। इसमें आरोप था कि केरल में मॉक पोलिंग के दौरान भाजपा को ज्यादा वोट जा रहे थे। इस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से पूछा कि ये कितना सही है। सिंह ने कहा कि ये खबरें झूठी और बेबुनियाद है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या वोटिंग के बाद वोटर्स को वीवीपैट से निकली पर्ची नहीं दी जा सकती है। इस पर चुनाव आयोग ने कहा- वोटर्स को स्लिप देने में बहुत बड़ा रिस्क है। इससे वोट की गोपनीयता से समझौता होगा और बूथ के बाहर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल दूसरे लोग कैसे कर सकते हैं, हम नहीं कह सकते। कोर्ट ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनाए गए कदमों के बारे में चुनाव आयोग के वकील से ईवीएम और वीवीपैट की पूरी प्रक्रिया समझी। साथ ही कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता कायम रहनी चाहिए। शक नहीं होना चाहिए कि ये होना चाहिए था और हुआ नहीं। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कई बार उठा है ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मुद्दा
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले, 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सभी ईवीएम में से कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्चियों से वोटों के मिलान करने की मांग की थी। उस समय, चुनाव आयोग हर निर्वाचन क्षेत्र में सिर्फ एक ईवीएम का वीवीपैट मशीन से मिलान करता था। 8 अप्रैल, 2019 को मिलान के लिए वीवीपैट की संख्या 1 से बढ़ाकर 5 कर दी थी। इसके बाद मई 2019 कुछ टेक्नोक्रेट्स ने सभी ईवीएम के वीवीपैट से वेरिफाई करने की मांग की याचिका लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके अलावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने भी जुलाई 2023 में वोटों के मिलान की याचिका लगाई थी। इसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- कभी-कभी हम चुनाव निष्पक्षता पर ज्यादा ही संदेह करने लगते है।
पहले चरण में राजस्थान की 12 सीटों पर डाले जाएंगे वोट, सभी तैयारियां पूरी
लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान आज सुबह 7 बजे से शुरू होगा। आदर्श आचार संहिता के साथ मतदान हो इसको लेकर निर्वाचन विभाग ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। आज 24,370 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, इसमें 5,729 शहरी, 17,922 ग्रामीण सहित 719 सहायक मतदान केंद्र शामिल हैं, साथ ही, मतदान प्रोत्साहन के लिए महिलाओं और युवाओं द्वारा 768-768 तथा 96 मतदान केंद्र दिव्यांग कार्मिकों की और से संचालित किए जाएंगे। 12 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 2.54 करोड़ मतदाता 114 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रथम चरण में मतदान वाले गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए कानून व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, चयनित 12,680 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया की लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी। गुप्ता ने बताया कि इन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 1,14,069 सर्विस वोटर और 2,53,15,541 लाख सामान्य मतदाताओं सहित कुल 2,54,29,610 मतदाता हैं, इनमें 1,33,99,914 पुरुष, 1,20,29,392 महिला और 304 ट्रांसजेंडर हैं। यहां 7,98,520 मतदाता 18-19 वर्ष और 63,40,090 मतदाता 20-29 वर्ष आयु के हैं।
अगर शाम 6 बजे से पहले पहुंचे तो समय समाप्ति के बाद भी दे सकेंगे वोट
प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदान की प्रक्रिया सुबह 7 से शाम 6 बजे तक होगी, लेकिन अगर कोई भी मतदाता 6 बजे से पहले बूथ कैंपस में पहुंच जाता है तो उसे शाम 6 बजे बाद में मतदान करने का समय मिलेगा। उन्होंने बताया कि 6 बजे तक जितने भी मतदाता पोलिंग बूथ के कैंपस में प्रवेश कर चुके होंगे उन सब को मतदान करने दिया जाएगा, उसमें समय की कोई बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि अक्सर यह भ्रम होता है कि 6 बजे बाद मतदान नहीं करने दिया जाता, लेकिन यह नियम सिर्फ पोलिंग बूथ कैंपस में प्रवेश करने से पहले तक के लिए है। पोलिंग बूथ में आने के बाद किसी भी मतदाता को मतदान से वंचित नहीं किया जा सकता। प्रवीण गुप्ता ने प्रदेश के मतदाताओं से अपील करिए की सभी अपने मतदान का उपयोग करें। ‘पहले मतदान उसके बाद दूजा काम’ इस सोच के साथ इस लोकतंत्र के महापर्व में सभी मतदाता अपनी भूमिका निभाएं।
प्रथम चरण में देश की 21 राज्यों की 102 सीटों पर आज होनी है वोटिंग
2024 लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आज 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोटिंग होगी। 2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा ने 40, डीएमके ने 24, कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं। अन्य को 23 सीटें मिली थीं। चुनाव आयोग के मुताबिक, इलेक्शन के पहले फेज में कुल 1,625 कैंडिडेट्स मैदान में हैं, जिनमें 1,491 पुरुष और 134 महिला उम्मीदवार हैं। इनमें महिलाएं केवल 8 प्रतिशत हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने 1,618 उम्मीदवारों के हलफनामे में दी गई जानकारी पर एक रिपोर्ट तैयार की। इनमें से 16 फीसदी यानी 252 उम्मीदवार पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। वहीं, 450 यानी 28 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। 10 ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है, जबकि तीन के पास 300 से 500 रुपए की संपत्ति है। रिपोर्ट के मुताबिक 10 फीसदी यानी 161 कैंडिडेट ऐसे हैं जिन पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। 7 उम्मीदवारों पर हत्या और 19 पर हत्या की कोशिश के मामले हैं। 18 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें से एक पर रेप का मामला भी दर्ज है। वहीं, 35 कैंडिडेट्स पर हेट स्पीच से जुड़े मामले दर्ज हैं।