श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के 12वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए राज्यपाल हरिभाऊ किसन राव बागडे, डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज के अकादमिक ब्लॉक का किया लोकार्पण
जोबनेर। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर ने शुक्रवार को धूमधाम से अपना 12वां स्थापना दिवस सरस्वती सभागृह में मनाया। स्थापना दिवस के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे रहे। इसके अतिरिक्त राज्य किसान आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी, जयपुर ग्रामीण के सांसद राव राजेंद्र सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को मिलेट बुके एवं श्रीफल भेंटकर, शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। इसके बाद विश्वविद्यालय का कुल गीत सुनाकर अभिनंदन किया गया। राज्यपाल व कुलाधिपति हरिभाऊ किसनराव बागडे ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय संस्थापक रावल नरेंद्र सिंह को नमन किया। 12वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कॉलेज ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जोबनेर के अकादमिक ब्लॉक का लोकार्पण राज्यपाल एवं कुलाधिपति तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया व छात्रों से वार्तालाप की। इसके अतिरिक्त राज्यपाल ने 11 करोड़ के सबसे बड़े वर्षा जल संग्रहण सुविधा जैसे पौंड का अवलोकन किया तत्पश्चात पौधारोपण का कार्यक्रम किया।
समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कृषि क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान बताते हुए कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है जो कि वर्ष पर अधिक मेहनत कर अपना योगदान देते हैं। उन्होंने देश की बढ़ती जनसंख्या को प्रचुर मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध करवाना वर्तमान समय की बहुत बड़ी चुनौती बताई। राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती करने पर जोर दिया। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के 29 विद्यार्थियों में 15 शिक्षकों ने जापान, ब्रिटेन,ऑस्ट्रेलिया, यूएस, फिनलैंड, कोरिया एवं इटली के उच्च स्तरीय विश्वविद्यालय का संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
किसान आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी ने अपने भाषण में छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आपको नौकरी चाहने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए और कृषि के क्षेत्र में कुछ नवीन कार्य करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि देश का किसान तभी विकसित होगा जब हर हाथ को हुनर व हर खेत को पानी मिलेगा साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधान मंत्री ने किसानों के लिए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना चलाई जिससे किसानों को खेती के कार्यों में काफी लाभ हुआ।
जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह ने बताया कि विश्व की सबसे पहली ऑलिव चाय राजस्थान के अनुसंधान केंद्र से विकसित की गई साथ ही उन्होंने बताया की बीकानेर से उत्पन्न होने वाले खजूर की कैरोरिफिक क्वालिटी सबसे अधिक हैं साथ ही खाद्यान सुरक्षा पर चर्चा करते हुए बताया की 1962 में 468.70 से 2023 तक 505 हो गई हैं।
कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने प्रस्तुत किया विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कार्य क्षेत्र में 8 जिले हैं जिसके अधीन 15 कृषि महाविद्यालय, 8 कृषि विज्ञान केंद्र, एक कृषि अनुसंधान संस्थान, दो कृषि अनुसंधान केंद्र व चार कृषि अनुसंधान उप केंद्र संचालित है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के कार्यिक क्षेत्र, कृषि अनुसंधान, कृषि विज्ञान केंद्र शैक्षणिक व अशैक्षणिक संवर्ग, अंतराष्ट्रीय प्रशिक्षण, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, एक दिवसीय प्लेसमेंट मेला, कृषि शिक्षा मेला, खेल कूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिता, शोधकार्यों, रिसर्च प्रोजेक्ट, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कम्युनिकेशन स्किल एंड पर्सनेलिटी डेवलपमेंट, एआर -वीआर लैब तथा विश्वविद्यालय के अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तृत में वर्णन किया। साथ ही उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य जलवायु प्रतिरोधी, बायोफोर्टिफाइड एवं क्लाइमेट रेजिलिएंट किस्म विकसित करना हैं।
राज्यपाल ने किया आविष्कृत पेटेंट एवं विभिन्न मुद्रित बुकलेट का विमोचन
इस उपलक्ष पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने वैज्ञानिकों द्वारा आविष्कृत पेटेंट एवं विभिन्न मुद्रित बुकलेट का विमोचन किया। जिसमें भारत की पहली ‘जैविक नैनो तकनीक या नैनो फॉर्मुलेशन’ जो कि फसलों में बीज के अंकुरण, पौधे की वृद्धि, गुणवत्ता व उपज बढ़ाने में मदद करेगा। महाविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. बलवीर सिंह बधाला, डॉ. संतोष सामोता, डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. हिना साहिवाल, डॉक्टर मनीषा शर्मा एवं संदीप द्वारा रचित बुकलेट ‘कृषकों के नवाचार का संकलन’ जिसमें प्रगतिशील किसानों की सफलता की कहानियों का संकलन किया। प्रसार शिक्षा निदेशालय के वैज्ञानिक डॉ. सुदेश कुमार, डॉ. बसंत कुमार भींचर व डॉ शीला खर्कवाल द्वारा रचित बुकलेट ‘सफलता के रंग किसानों के संग’ का विमोचन किया।
विश्वविद्यालय के सैकड़ों विद्यार्थियों सहित स्टाफ एवं अधिकारियों ने लिया कार्यक्रम में हिस्सा
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, स्टाफ एवं अधिकारियों ने भाग लिया। विश्वविद्यालय के लगभग 500 छात्र-छात्राएं एवं प्रगतिशील किसान, विश्वविद्यालय जोबनेर के 13 संघटक कॉलेज के छात्र विभिन्न स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से ऑनलाइन जुड़े। साथ ही लगभग 4500 छात्रों ने विभिन्न स्मार्ट क्लासरूम के माध्यम से अपनी उपस्थिति दी। अंत में धन्यवाद डॉ. बीएल बंजारा ने दिया।