बगरू: कस्बे के निकटवर्ती ग्राम अजयराजपुरा स्थित श्रीराधाकृष्ण धाम नृसिंह कुटी न्यास पर श्रीमद् भागवत कथा व युगल नाम संकीर्तन का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। कोटड़ी वाले बालाजी मंदिर परिसर से डीजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसमे महिला पुरुष भक्तो ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कलश यात्रा कस्बे के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। जहां श्यामलाल शर्मा ने भागवत की पूजा अर्चना की और पूजन के बाद कलश की स्थापना की गई। कथा व्यास महंत श्री वृन्दावनदास शास्त्री ने अपने प्रवचनों में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है। कथा सुनने मात्र से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि नारद जी ने भक्ति देवी के कष्ट की निवृत्ति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का साप्ताहिक अनुष्ठान किया था। जहां संतकुमारों ने भागवत का प्रवचन करते हुए नारद के मन का संशय दूर किया। इसी कथा को धुंधकारी प्रेत ने अपने अग्रज से श्रवण किया और प्रेत योनि से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को प्राप्त हुए। कथा व्यास ने कहा कि भागवत श्रवण से जीव के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। अंत में सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान हनुमान ककरालिया, ओमप्रकाश, बुद्धिप्रकाश तिवाड़ी,शंकर शर्मा,बाबू लाल डागर कानाराम, अनंतराम बिड़ला, गोविंदराम भावरिया हनुमान सहाय शर्मा गिरिराज भावरिया प्रकाश डागर सुरेंद्र डागर सहित सैकड़ो ग्रामवासी मौजूद रहे।
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