जयपुर@ गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर पांचवें दिन भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला समर्थक गुर्जरों का कब्जा बना रहा। आंदोलन के कारण करौली-भरतपुर जिलों में पिछले 7 दिनों से इंटरनेट है। इसके अलावा, सवाईमाधोपुर, दौसा, जयपुर की 5 तहसील और अलवर में कुछ जगह इंटरनेट बंद है। इंटरनेट बंद होने के कारण स्टूडेंट्स और वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गुर्जर 5 दिनों से ट्रैक पर बैठे हैं। हिंडौन-बयाना मार्ग पर बसों का संचालन बंद है। ऐसे में इन क्षेत्रों के बाहर आने-जाने वाले लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गुर्जरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो रेलवे ट्रैक पर ही दिवाली मनाई जाएगी।रेलवे ट्रैक पर डटे हुएगुर्जर आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर घास को ही बिछौना बनाया हुआ है। वहीं पर तंबू तानकर रसिया सुनकर कर समय व्यतीत कर रहे हैं। आसपास के गांवों से गुर्जर आंदोलनकारियों को चाय, पानी, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था की जा रही है। आंदोलन स्थल पर सुबह व दोपहर में चाय और सुबह शाम रोटी भेजी जा रही है।
विजय बैसला ने सभी जिलों से एमबीसी समाज के 4-4 व्यक्तियों को आंदोलन स्थल पर आने की अपील की
ओबीसी के बैकलॉग भेजने के लिए सभी राज्य को पत्र जारी किया हुआ हैगुर्जर नेता विजय बैसला ने कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगे त्वरित पूरी नहीं की तो गुर्जर समाज रेलवे ट्रैक पर ही दीवाली मनाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2008 में सभी राज्य सरकारों को ओबीसी का बैकलॉग भेजने के आदेश दिए थे, उस हिसाब से एमबीसी में भी बैकलॉग के पद तैयार कर भरे जाने चाहिए। इसके साथ ही विजय बैसला ने सभी जिलों से एमबीसी समाज के चार-चार व्यक्ति आंदोलन स्थल पर आने की अपील की है। जिससे सरकार के साथ होने वाले निर्णय में सभी लोग शामिल रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भी ओबीसी समाज से होने के बावजूद कह रहे है कि एससी एसटी के अलावा ओबीसी व एमबीसी में बैकलॉग नहीं बनता है। जबकि केंद्र सरकार ने 2008 में ओबीसी के बैकलॉग भेजने के लिए सभी राज्य सरकार को पत्र जारी किया हुआ है।
मध्यस्थता में जुटे हुए हैं आईएएस नीरज के. पवनगुर्जर और सरकार से मध्यस्थता में लगातार आईएएस नीरज के पवन जुटे हुए हैं। वे गुर्जर समाज के लोगों से आंदोलन समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। दो बार नीरज के पवन रेलवे ट्रैक पर जाकर सरकार के समझौता पत्र से गुर्जर आंदोलनकारियों को अवगत करा चुके हैं। साथ ही कह चुके हैं कि कहीं भी कोई बात तो सरकार वार्ता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कर्नल बैंसला व विजय बैंसला से भी सरकार के साथ वार्ता करने की अपील की है ताकि बातचीत से ही मामले का निस्तारण हो सके।